50 लाख महिलाओं के खाते में आ रहे 10-10 हजार रुपये – जानें किसको मिलेगा फायदा और कैसे करेंगे आवेदन?
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत नीतीश कुमार आज 50 लाख महिलाओं को 10-10 हजार रुपये की पहली किस्त देंगे। जानें कौन बनेगा पात्र, कैसे मिलेगा पैसा और आवेदन की पूरी प्रक्रिया।

महिलाओं के खाते में आ रहे 10-10 हजार रुपये
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1:38 PM, Sep 22, 2025
O News हिंदी Desk
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना: बिहार में महिलाओं को मिलेगा 10-10 हजार रुपये, नीतीश कुमार करेंगे पहली किस्त जारी
पटना। बिहार सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज सोमवार (22 सितंबर) को मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत सूबे की 50 लाख महिलाओं के बैंक खातों में 10-10 हजार रुपये की पहली किस्त सीधे डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के जरिए ट्रांसफर करेंगे। इसके लिए राज्य सरकार ने 5 हजार करोड़ रुपये की राशि जारी की है।
यह योजना न सिर्फ आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को संबल देगी, बल्कि उन्हें स्वरोजगार और छोटे-छोटे व्यवसायों के लिए भी प्रेरित करेगी।
योजना की पहली किस्त आज होगी जारी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजधानी पटना में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम से इस योजना की शुरुआत करेंगे। यह कार्यक्रम सुबह 11 बजे आयोजित होगा और इसका सीधा प्रसारण राज्यभर के ग्राम संगठनों और संकुल स्तर तक किया जाएगा।
ग्रामीण विकास विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने सभी जिलों के डीएम को पत्र लिखकर कार्यक्रम को सफल बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इसे उत्सव की तरह मनाया जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं और उनके परिवारों तक इसका संदेश पहुंचे।
ऐसे होगा आयोजन – हर स्तर पर कार्यक्रम
इस योजना को लेकर सरकार ने कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा बनाई है।
- जिला स्तर पर कार्यक्रम: सभी 38 जिलों में डीएम की अध्यक्षता में कार्यक्रम होगा। इसमें जनप्रतिनिधि, अधिकारी और कम से कम 1000 महिलाएं शामिल होंगी।
- प्रखंड स्तर पर कार्यक्रम: सभी 534 प्रखंड मुख्यालयों पर बीडीओ की अध्यक्षता में कार्यक्रम होगा, जिसमें 500 महिलाएं शामिल होंगी।
- संकुल स्तर पर कार्यक्रम: सभी 1680 संकुल स्तरीय संघों में कार्यक्रम होगा, जिसमें 200 महिलाएं जुड़ेंगी।
- ग्राम स्तर पर कार्यक्रम: 70 हजार ग्राम संगठनों में योजना का लाइव प्रसारण होगा और यहां 100 महिलाएं शामिल होंगी।
योजना का मकसद – स्वरोजगार और महिला सशक्तिकरण
इस योजना का सबसे बड़ा लक्ष्य है महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना। सरकार चाहती है कि महिलाएं केवल घर तक सीमित न रहें, बल्कि छोटे-छोटे बिजनेस और रोजगार शुरू करें।
इस राशि का उपयोग महिलाएं इन कार्यों में कर सकती हैं:
- खेती और बागवानी
- पशुपालन (दूध, बकरी पालन, पोल्ट्री)
- हस्तशिल्प और कुटीर उद्योग
- सिलाई, बुनाई और कढ़ाई
- छोटे व्यवसाय जैसे किराना दुकान, सब्जी-फल का व्यापार आदि।
सरकार का मानना है कि 10-10 हजार रुपये की यह राशि परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने में बड़ी भूमिका निभाएगी।
कितनी महिलाओं ने किया आवेदन?
ग्रामीण और शहरी, दोनों क्षेत्रों से महिलाओं ने इस योजना में भारी रुचि दिखाई है।
- अब तक 1 करोड़ 5 लाख जीविका दीदियों ने आवेदन किया है।
- इसके अलावा 1 लाख 40 हजार से ज्यादा महिलाओं ने स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ने के लिए आवेदन किया है।
यह साफ है कि योजना महिलाओं में लोकप्रिय हो रही है और लाखों परिवारों को इससे फायदा होगा।
कौन-कौन ले सकता है योजना का लाभ?
योजना की पात्रता को लेकर सरकार ने साफ दिशा-निर्देश दिए हैं:
- आवेदिका की उम्र 18 से 60 साल के बीच होनी चाहिए।
- लाभार्थी महिला जीविका स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी होनी चाहिए।
- परिवार में पति-पत्नी और अविवाहित बच्चे शामिल होंगे।
- ऐसी अविवाहित वयस्क महिलाएं, जिनके माता-पिता जीवित नहीं हैं, वो भी पात्र होंगी।
- आवेदिका या उनके पति आयकर दाता नहीं होने चाहिए।
- न ही आवेदिका या उनके पति किसी सरकारी नौकरी (नियमित/संविदा) में होने चाहिए।
आवेदन की प्रक्रिया – आसान और डिजिटल
सरकार ने आवेदन की प्रक्रिया बेहद सरल रखी है ताकि महिलाएं आसानी से जुड़ सकें।
ग्रामीण क्षेत्र
- SHG से जुड़ी महिलाएं अपने ग्राम संगठन में आवेदन करेंगी।
- ग्राम संगठन में एक विशेष बैठक होगी और सभी महिलाओं का आवेदन समेकित प्रपत्र (Consolidated Form) में लिया जाएगा।
- जो महिलाएं अभी SHG से नहीं जुड़ी हैं, उन्हें पहले समूह में सदस्यता लेनी होगी।
शहरी क्षेत्र
- शहरी महिलाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन का विकल्प दिया गया है।
- महिलाएं www.brlps.in पर जाकर आवेदन कर सकती हैं।
- जो महिलाएं पहले से SHG से जुड़ी हैं, उन्हें दोबारा ऑनलाइन आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है।
महिलाओं के चेहरे पर खुशी
योजना की शुरुआत से पहले ही ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी बस्तियों तक महिलाओं में उत्साह देखा जा रहा है। पटना जिले की एक महिला लाभार्थी ने कहा – “पहली बार सरकार ने हमें परिवार का सहारा बनने का मौका दिया है। यह पैसा मैं सिलाई मशीन खरीदने और कपड़ों का काम शुरू करने में लगाऊंगी।”
दूसरी ओर बक्सर की एक महिला ने कहा – “हमारी पूरी उम्मीद जीविका समूह से थी, अब सरकार के इस कदम से हम आत्मनिर्भर बन सकेंगे।”
विशेषज्ञों की राय
आर्थिक विशेषज्ञ मानते हैं कि यह योजना बिहार के ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों की महिलाओं के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है।
- महिलाओं की आमदनी बढ़ेगी।
- स्वयं सहायता समूह (SHG) की मजबूती होगी।
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था में गति आएगी।
- गरीबी कम करने में भी यह योजना कारगर होगी।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना बिहार सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है, जिसका सीधा फायदा राज्य की लाखों महिलाओं और उनके परिवारों को मिलेगा। यह योजना न सिर्फ महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
नीतीश कुमार की यह पहल बिहार में महिला सशक्तिकरण, आर्थिक विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती में नई ऊर्जा भर सकती है।
Source: Tv9