3 दवाएं जो हार्ट अटैक से बचा सकती हैं – कार्डियोलॉजिस्ट का गोल्डन नुस्खा
हार्ट अटैक से बचाव के लिए मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी ने 3 जीवनरक्षक दवाओं का गोल्डन नुस्खा बताया। जानें कौन-सी हैं ये दवाएं।

3 दवाएं जो हार्ट अटैक से बचा सकती हैं ( Image AI )
india
4:33 PM, Sep 29, 2025
O News हिंदी Desk
हार्ट अटैक से बचा सकती हैं ये 3 दवाएं, मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट ने बताया गोल्डन नुस्खा
नई दिल्ली। भारत में दिल की बीमारियां (Heart Diseases in India) तेजी से बढ़ रही हैं। कभी 18 साल के नौजवान को अचानक हार्ट अटैक आ जाता है, तो कभी 25 साल की लड़की डांस करते हुए जिंदगी से हाथ धो बैठती है। हालात इतने गंभीर हैं कि 2020 से 2023 के बीच हार्ट अटैक के लगभग 50% केस 40 साल से कम उम्र के लोगों में देखे गए। भारत में हर साल 30 से 40 लाख लोग दिल की बीमारियों (Cardiovascular Diseases) का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर अचानक हार्ट अटैक आ जाए, तो तुरंत जान कैसे बचाई जा सकती है?
इसी गंभीर सवाल का जवाब दिया है फोर्टिस अस्पताल, नई दिल्ली (Fortis Hospital Delhi) के मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट और कार्डियोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी ने। उन्होंने हार्ट अटैक से मौत के खतरे को कम करने के लिए एक “गोल्डन नुस्खा” बताया है। उनके मुताबिक, अगर आपके पास हमेशा ये 3 दवाएं (3 Medicines for Heart Attack) मौजूद हों, तो हार्ट अटैक आने पर तुरंत उनकी मदद से जान बचाई जा सकती है।
हार्ट अटैक क्यों बढ़ रहे हैं?
- खराब लाइफस्टाइल और असंतुलित डाइट
- तनाव, नशे की लत और नींद की कमी
- जंक फूड और अधिक कोलेस्ट्रॉल
- परिवार में पहले से हार्ट डिजीज का इतिहास
आज के समय में बिना लक्षण दिखे भी किसी को अचानक हार्ट अटैक हो सकता है। इसलिए डॉ. त्रिपाठी का मानना है कि हर किसी को अपने पास ये 3 दवाएं जरूर रखनी चाहिए।
हार्ट अटैक से बचाने वाली 3 दवाएं
1. डिस्प्रीन (Disprin 325 mg) या एस्पिरिन
डॉ. त्रिपाठी बताते हैं कि हार्ट अटैक के समय सबसे पहली दवा डिस्प्रीन या एस्पिरिन है।
- इसे निगलना नहीं है, बल्कि जीभ पर रखकर चूसना है।
- यह दवा खून को पतला करती है और हार्ट ब्लॉकेज का खतरा घटाती है।
- छाती में तेज दर्द, बेचैनी और सांस लेने में तकलीफ जैसी स्थिति में तुरंत यह दवा लेने से मौत का खतरा काफी कम हो सकता है।
👉 यह दवा “फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस” मानी जाती है।
2. स्टैटिन (Statin)
यह दवा शरीर में बनने वाले कोलेस्ट्रॉल को कम करती है।
- हार्ट अटैक के लक्षण दिखते ही अगर आप स्टैटिन ले लें, तो लिवर से कोलेस्ट्रॉल बनना रुक जाता है।
- इससे ब्लॉकेज बनने का खतरा कम हो जाता है।
- बाजार में लोवेक्स, स्टेटिन, लोवाकार्ड, लोटिन आदि दवाएं इसी श्रेणी में आती हैं।
👉 यानी हार्ट अटैक के दौरान यह दवा ब्लॉकेज को रोककर दिल की सुरक्षा कवच का काम करती है।
3. क्लोपिडोग्रेल (Clopidogrel)
यह दवा एंटीप्लेटलेट मेडिसिन है।
- हार्ट अटैक के समय खून के प्लेटलेट्स आपस में चिपककर गुच्छा बना लेते हैं, जिससे खून गाढ़ा हो जाता है।
- यही स्थिति दिल की नलियों को ब्लॉक कर देती है और जानलेवा साबित होती है।
- क्लोपिडोग्रेल प्लेटलेट्स को चिपकने से रोक देती है और खून को जमने नहीं देती।
👉 यह दवा हार्ट अटैक के दौरान मौत के जोखिम को लगभग शून्य तक कर देती है।
क्यों जरूरी हैं ये 3 दवाएं?
डॉ. त्रिपाठी का कहना है कि आजकल लाइफस्टाइल इतनी खराब हो गई है कि किसी को भी अचानक हार्ट अटैक आ सकता है।
- ज्यादातर लोग बिना जांच के ही स्वस्थ दिखते हैं, लेकिन अंदर ही अंदर हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ रहा होता है।
- परिवार में अगर पहले से हार्ट डिजीज है, तो जोखिम और भी ज्यादा बढ़ जाता है।
- यात्रा, ऑफिस, घर – कहीं भी हार्ट अटैक हो सकता है।
इसलिए डॉक्टर सलाह देते हैं कि हर किसी को अपने पास ये 3 दवाएं हमेशा रखनी चाहिए।
भारत में हार्ट अटैक का बढ़ता संकट
- 40 साल से कम उम्र में हार्ट अटैक के मामले बढ़कर 50% हो गए हैं।
- हर साल लगभग 30–40 लाख लोग हार्ट डिजीज का शिकार हो रहे हैं।
- तनाव, धूम्रपान, शराब और खराब खानपान इस खतरे को और बढ़ा रहे हैं।
👉 यह आंकड़े बताते हैं कि अब हार्ट डिजीज केवल बुजुर्गों की बीमारी नहीं रह गई है।
हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षण
- सीने में दबाव या दर्द
- पसीना आना और बेचैनी
- सांस लेने में कठिनाई
- हाथ, गर्दन या जबड़े में दर्द
- अचानक थकान और कमजोरी
👉 इन लक्षणों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।
तुरंत उठाएं ये कदम
- जैसे ही हार्ट अटैक के लक्षण दिखें – डिस्प्रीन 325 mg को जीभ पर रखकर चूसें।
- तुरंत स्टैटिन और क्लोपिडोग्रेल लें।
- नजदीकी अस्पताल पहुंचने की कोशिश करें।
- अकेले न रहें – परिवार या आसपास के लोगों को तुरंत सूचित करें।
डॉक्टर की राय
डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी का कहना है कि ये दवाएं केवल आपातकाल (Emergency) में जीवन बचाने का समय देती हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप नियमित चेकअप और स्वस्थ जीवनशैली को नजरअंदाज करें।
- समय-समय पर हार्ट चेकअप कराएं।
- संतुलित डाइट लें और एक्सरसाइज करें।
- धूम्रपान और शराब से बचें।
- तनाव को नियंत्रित करने के उपाय अपनाएं।
निष्कर्ष
आज के समय में दिल की बीमारी किसी भी उम्र में किसी को भी अपना शिकार बना सकती है। ऐसे में मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी का यह सुझाव बेहद अहम है कि हर किसी को अपने पास डिस्प्रीन, स्टैटिन और क्लोपिडोग्रेल जैसी तीन दवाएं जरूर रखनी चाहिए। ये दवाएं हार्ट अटैक के समय जीवन रक्षक साबित हो सकती हैं और अस्पताल तक पहुंचने का समय दे सकती हैं।
डिस्क्लेमर (Disclaimer)
इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जागरूकता के लिए है। किसी भी दवा का उपयोग करने से पहले हमेशा अपने चिकित्सक की सलाह लें। हार्ट अटैक की स्थिति में तुरंत नजदीकी अस्पताल से संपर्क करें।
Source: News 18