भारत माता की तस्वीर से सजी मुद्रा! PM मोदी ने RSS शताब्दी समारोह में किया चौंकाने वाला ऐलान
RSS शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार भारत माता की तस्वीर वाले विशेष सिक्के और डाक टिकट का अनावरण किया। क्या यह कदम सिर्फ एक प्रतीक है या किसी बड़े राजनीतिक संदेश की तैयारी? जानें इस ऐतिहासिक मौके की पूरी कहानी...

भारत माता की तस्वीर से सजी मुद्रा!
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12:40 PM, Oct 1, 2025
O News हिंदी Desk
मुद्रा पर पहली बार भारत माता की तस्वीर: RSS शताब्दी समारोह में पीएम मोदी ने जारी किया विशेष सिक्का और डाक टिकट
नई दिल्ली। आज़ाद भारत के इतिहास में पहली बार भारतीय मुद्रा पर भारत माता की तस्वीर अंकित की गई है। यह ऐतिहासिक मौका राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी समारोह के दौरान सामने आया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में 100 रुपये का विशेष सिक्का और डाक टिकट जारी किया।
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि यह क्षण न केवल संघ के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए गौरव का विषय है। उन्होंने बताया कि 100 रुपये के सिक्के पर जहां एक ओर राष्ट्रीय चिन्ह है, वहीं दूसरी ओर सिंह के साथ भारत माता की तस्वीर और समर्पण भाव से नमन करते स्वयंसेवकों की छवि दिखाई देती है।
संघ के 100 साल और ऐतिहासिक जश्न
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना विजयादशमी के दिन 1925 में हुई थी और इस वर्ष RSS अपने 100 साल पूरे कर रहा है। इस अवसर को यादगार बनाने के लिए केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय की ओर से इस भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
समारोह में संघ के सरकार्यवाहक दत्तात्रेय होसबाले, केंद्रीय मंत्री और विभिन्न क्षेत्रों के प्रबुद्ध लोग मौजूद रहे। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि यह केवल संघ का नहीं बल्कि पूरे देश का उत्सव है।
पहली बार भारतीय मुद्रा पर भारत माता की तस्वीर
भारत के इतिहास में यह पहली बार है जब किसी सिक्के पर भारत माता की छवि अंकित की गई है। पीएम मोदी ने कहा कि यह भारत की बदलती सोच और आत्मविश्वास का प्रतीक है।
100 रुपये के सिक्के की खासियत:
- एक ओर राष्ट्रीय चिन्ह (अशोक स्तंभ)।
- दूसरी ओर भारत माता की तस्वीर, शेर और स्वयंसेवकों की नमन मुद्रा।
- संघ की सेवा, समर्पण और राष्ट्रवाद की झलक।
मोदी ने कहा कि यह सिक्का सिर्फ धातु का टुकड़ा नहीं है, बल्कि यह “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की भावना का प्रतीक है।
डाक टिकट की विशेषता
पीएम मोदी ने बताया कि इस मौके पर जारी विशेष डाक टिकट भी संघ के इतिहास से जुड़ी अनमोल यादों को संजोए हुए है।
- यह टिकट 1963 की गणतंत्र दिवस परेड से प्रेरित है।
- उस वर्ष RSS स्वयंसेवकों ने पहली बार राजपथ पर कदमताल किया था।
- टिकट में वही क्षण चित्रित है, जब स्वयंसेवक राष्ट्रभक्ति की धुन पर आगे बढ़े थे।
मोदी ने कहा कि यह टिकट हर उस स्वयंसेवक की प्रतिबद्धता को दर्शाता है जिसने राष्ट्र निर्माण में योगदान दिया।
पीएम मोदी का संबोधन: "संघ के लिए देश पहले"
अपने भाषण में पीएम मोदी ने RSS की 100 साल की यात्रा को याद किया। उन्होंने कहा—
- “संघ के लिए हमेशा देश पहले रहा है।
- संघ शाखा केवल शारीरिक अभ्यास की जगह नहीं, बल्कि मानसिक और नैतिक विकास का भी केंद्र है।”
- “आजादी की लड़ाई में संघ ने बलिदान दिए, 1942 के आंदोलन में स्वयंसेवकों ने अंग्रेजों के अत्याचार सहे।”
- “आजादी के बाद भी संघ पर हमले हुए, लेकिन संघ ने हर साजिश और विरोध का डटकर सामना किया।”
मोदी ने आगे कहा कि RSS में साधारण लोग मिलकर असाधारण काम करते हैं। यही संघ की सबसे बड़ी ताकत है।
नवरात्रि और संघ शताब्दी का खास संयोग
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत देशवासियों को नवरात्रि और विजयादशमी की शुभकामनाएं देकर की। उन्होंने कहा कि यह कोई संयोग नहीं है कि RSS की स्थापना विजयादशमी के दिन हुई थी।
- विजयादशमी अन्याय पर न्याय की जीत का पर्व है।
- अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है।
- ऐसे ही दिन पर संघ का जन्म हुआ, जो राष्ट्रभक्ति, अनुशासन और सेवा का प्रतीक है।
मोदी ने कहा कि यह हमारी पीढ़ी का सौभाग्य है कि हम संघ के शताब्दी समारोह का हिस्सा बन रहे हैं।
संघ और भारत का भविष्य
संघ शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री ने देश की युवा पीढ़ी को संदेश दिया। उन्होंने कहा कि आने वाले 100 साल भारत के होंगे और इसमें संघ की भूमिका अहम रहेगी।
उन्होंने कहा—
- संघ की शाखाएं देश को ऊर्जा और अनुशासन देती हैं।
- “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” का लक्ष्य संघ की कार्यशैली में झलकता है।
- संघ का सपना है कि हर नागरिक राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाए।
क्यों खास है यह फैसला?
- ऐतिहासिक पहल: पहली बार भारतीय मुद्रा पर भारत माता की तस्वीर।
- राष्ट्रवाद का प्रतीक: सिक्का और टिकट दोनों संघ के राष्ट्रवादी विचारों को दर्शाते हैं।
- सांस्कृतिक संदेश: नवरात्रि और विजयादशमी के पर्व पर जारी करना।
- राजनीतिक महत्व: RSS और केंद्र सरकार के बीच गहरी वैचारिक साझेदारी का संकेत।
निष्कर्ष
RSS शताब्दी समारोह में जारी विशेष सिक्का और डाक टिकट केवल स्मारक नहीं हैं, बल्कि यह भारत की नई सोच, आत्मविश्वास और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कदम भारतीय मुद्रा और डाक टिकट के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ता है।
आज जब भारत अपनी आर्थिक और सांस्कृतिक शक्ति के साथ दुनिया में अपनी जगह बना रहा है, तब यह पहल राष्ट्रवाद और राष्ट्रीय एकता को और मजबूत करती है।
यह केवल संघ के लिए नहीं बल्कि हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है कि अब हमारी मुद्रा पर भी भारत माता की तस्वीर अंकित है।
Source: Tv9