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बरेली हिंसा: सीएम योगी की चेतावनी, तौकीर रजा पर बड़ा हमला

बरेली हिंसा पर सीएम योगी ने मौलाना तौकीर रजा को चेतावनी दी। कहा- यूपी में दंगे-करफ्यू नहीं होंगे, दंगाइयों को सबक सिखाया जाएगा।

बरेली हिंसा: सीएम योगी की चेतावनी, तौकीर रजा पर बड़ा हमला

सीएम योगी की चेतावनी

उत्तर प्रदेश

12:06 PM, Sep 27, 2025

O News हिंदी Desk

बरेली हिंसा पर सीएम योगी का बड़ा बयान: "तौकीर रजा भूल गए यूपी में किसकी सरकार है"

लखनऊ/बरेली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बरेली हिंसा को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए मौलाना तौकीर रजा खान को सीधे शब्दों में चेतावनी दी है। सीएम योगी ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था किसी भी कीमत पर बिगड़ने नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि 2017 के बाद से प्रदेश में न दंगे हुए हैं और न ही कर्फ्यू लगा है। सरकार ने साफ कर दिया है कि "जो लोग व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश करेंगे, उन्हें ऐसा सबक सिखाया जाएगा जिसे उनकी पीढ़ियां याद रखेंगी।"

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बरेली हिंसा: "आई लव मोहम्मद" विवाद से उपजा तनाव

शुक्रवार (26 सितंबर) को बरेली में जुमे की नमाज के बाद अचानक हालात बिगड़ गए। बताया जा रहा है कि 'आई लव मोहम्मद' के बैनर और नारेबाजी के चलते भीड़ भड़क उठी। देखते ही देखते पथराव और उपद्रव शुरू हो गया। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

इस दौरान इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के अध्यक्ष और धार्मिक नेता मौलाना तौकीर रजा खान को प्रशासन ने नजरबंद कर दिया। उनके फइक एंक्लेव स्थित आवास के बाहर भारी पुलिस बल और आरएएफ की तैनाती की गई।

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सीएम योगी की चेतावनी: "2017 से पहले यही था चलन"

बरेली में उपद्रव को लेकर सीएम योगी ने कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा:

  1. "कल बरेली में एक मौलाना भूल गया कि यूपी में किसकी सरकार है। उसे लगा कि वो जब चाहे व्यवस्था को रोक सकता है। लेकिन हमने साफ कर दिया कि न तो कहीं नाकाबंदी होगी और न ही कर्फ्यू लगेगा।"
  2. "हमारी सरकार ने जो सबक दंगाइयों को सिखाया है, उससे आने वाली पीढ़ियां दंगा करने से पहले दो बार सोचेंगी।"
  3. "2017 से पहले यूपी में यही चलन था। दंगे होते थे, कर्फ्यू लगता था। लेकिन हमारी सरकार में न तो कर्फ्यू लगा और न ही दंगे हुए।"

सीएम योगी ने यह भी कहा कि पहले की सरकारें दंगाइयों को मुख्यमंत्री आवास पर बुलाकर उनका सम्मान करती थीं। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि माफियाओं और अपराधियों के सामने सत्ता "सलाम ठोकती थी।"

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प्रशासन की रणनीति: कड़ी निगरानी और भारी सुरक्षा

जिला प्रशासन ने साफ किया कि तौकीर रजा को नजरबंद करना एक एहतियाती कदम था। अधिकारियों का कहना है कि शहर में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह आवश्यक था।

  1. बरेली के बारादरी थाना क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई।
  2. सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट रोकने के लिए साइबर सेल अलर्ट पर है।
  3. पुलिस ने लोगों से अपील की कि अफवाहों और भड़काऊ नारों से बचें।
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मौलाना तौकीर रजा का आरोप: "मुसलमानों पर सख्ती"

मौलाना तौकीर रजा ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि जैसे ही वे नमाज के लिए निकलने वाले थे, उन्हें घर से बाहर निकलने से रोक दिया गया।

उन्होंने कहा: "सरकार मुसलमानों के खिलाफ सख्ती बरत रही है। मुझे नजरबंद किया गया ताकि मैं नमाज में शामिल न हो सकूं। यह मुस्लिम समुदाय के खिलाफ साजिश है।"

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कौन हैं मौलाना तौकीर रजा?

  1. मौलाना तौकीर रजा बरेली के प्रसिद्ध आला हजरत खानदान से आते हैं।
  2. यही खानदान सुन्नी बरेलवी मसलक का संस्थापक माना जाता है।
  3. उन्होंने 2001 में अपनी राजनीतिक पार्टी "इत्तेहाद-ए-मिल्लत परिषद" (IMC) बनाई।
  4. 2009 में वे कांग्रेस के साथ जुड़े, जबकि 2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का समर्थन किया।
  5. बरेली और पश्चिमी यूपी में उनकी धार्मिक पकड़ मजबूत मानी जाती है।
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योगी सरकार बनाम तौकीर रजा: टकराव क्यों?

तौकीर रजा पहले भी कई बार विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहे हैं। वे अक्सर सरकार की नीतियों पर तीखा हमला करते हैं। वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ लगातार यह संदेश देते रहे हैं कि उनकी सरकार में किसी भी कीमत पर दंगा और अराजकता बर्दाश्त नहीं होगी।

बरेली हिंसा के बाद यह टकराव और भी गहरा हो गया है। एक तरफ मौलाना रजा इसे मुसलमानों के खिलाफ सख्ती बता रहे हैं, वहीं योगी सरकार इसे "कानून-व्यवस्था की मजबूती" का उदाहरण बता रही है।

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2017 के बाद यूपी का कानून-व्यवस्था मॉडल

योगी सरकार बार-बार दावा करती है कि 2017 से पहले यूपी दंगों और अपराधों से जूझता था। लेकिन 2017 के बाद न सिर्फ बड़े दंगे रुके हैं बल्कि माफियाओं और अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई ने भी सख्त संदेश दिया है।

  1. 2017 से पहले औसतन हर साल 100 से ज्यादा दंगे होते थे।
  2. 2017 के बाद अब तक कोई बड़ा दंगा या कर्फ्यू नहीं लगा।
  3. गैंगस्टर और माफियाओं की संपत्तियों पर अब तक हजारों करोड़ का बुलडोजर चला।
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बरेली हिंसा का राजनीतिक असर

इस घटना का राजनीतिक असर भी देखने को मिल सकता है।

  1. बीजेपी इसे "कानून-व्यवस्था की सफलता" और "मजबूत सरकार" की मिसाल बताएगी।
  2. विपक्ष सरकार पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ कार्रवाई का आरोप लगाएगा।
  3. बरेली और पश्चिमी यूपी में मुस्लिम वोटबैंक पर इसका सीधा असर पड़ सकता है।
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विशेषज्ञों की राय

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मौलाना तौकीर रजा जैसे धार्मिक नेताओं का जनसमर्थन सीमित होते हुए भी स्थानीय स्तर पर बड़ा असर डालता है। वहीं, योगी सरकार अपनी छवि "सख्त कानून-व्यवस्था" वाली सरकार के रूप में और मजबूत करने की कोशिश करेगी।

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निष्कर्ष

बरेली की हिंसा और उसके बाद सीएम योगी व मौलाना तौकीर रजा के बीच तकरार ने एक बार फिर यूपी की राजनीति और कानून-व्यवस्था को सुर्खियों में ला दिया है। योगी सरकार जहां इसे "Zero Tolerance" की नीति बता रही है, वहीं मौलाना इसे "मुसलमानों पर सख्ती" करार दे रहे हैं।

हालांकि, साफ है कि आने वाले समय में यह मुद्दा न सिर्फ बरेली बल्कि पूरे प्रदेश की राजनीति में गूंजने वाला है।

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Source: Ndtv

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