बेरोजगार युवाओं को सीएम नीतीश कुमार का तोहफा.!
CM नीतीश कुमार ने बेरोजगार युवाओं के लिए बड़ा ऐलान किया। अब स्नातक पास युवक-युवतियों को भी मिलेगा 1000 रुपये प्रतिमाह का भत्ता। जानें योजना की पूरी डिटेल, पात्रता और आवेदन प्रक्रिया।

Nitish Kumar
bihar
11:29 AM, Sep 18, 2025
O News हिंदी Desk
बेरोजगार युवाओं को सीएम नीतीश कुमार का तोहफा, हर महीने मिलेंगे 1000 रुपये, जानें पूरी योजना
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बेरोजगार युवाओं के लिए बड़ा ऐलान किया है। अब स्नातक पास युवक-युवतियां भी मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना (MNSSBY) का लाभ उठा सकेंगे। सात निश्चय कार्यक्रम के तहत इस योजना का विस्तार करते हुए सीएम ने कहा कि युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी और कौशल विकास प्रशिक्षण के लिए वित्तीय मदद दी जाएगी। इसके तहत योग्य बेरोजगार स्नातकों को हर महीने 1000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
स्नातक बेरोजगार युवाओं के लिए बड़ा ऐलान
गुरुवार को हुई समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कहा कि सरकार का मुख्य लक्ष्य युवाओं को रोजगार, कौशल और आत्मनिर्भरता से जोड़ना है। अब तक यह योजना इंटर पास युवाओं के लिए थी, लेकिन अब इसमें बड़ा बदलाव करते हुए कला, विज्ञान और वाणिज्य से स्नातक उत्तीर्ण बेरोजगार युवाओं को भी जोड़ा गया है।
इसके तहत 20 से 25 वर्ष की आयु के युवक-युवतियां, जो वर्तमान में न तो किसी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे हैं और न ही नौकरी या स्वरोजगार से जुड़े हैं, उन्हें यह लाभ मिलेगा।
कितनी मिलेगी आर्थिक सहायता?
- पात्र उम्मीदवारों को 1000 रुपये प्रति माह की दर से अधिकतम दो वर्षों तक भत्ता दिया जाएगा।
- यह राशि युवाओं को कौशल विकास, प्रशिक्षण, कंपटीशन एग्जाम की तैयारी और अन्य शैक्षणिक संसाधनों पर खर्च करने के लिए दी जाएगी।
- इससे छात्रों को कोचिंग फीस, किताबें, स्टेशनरी और अन्य जरूरी खर्चों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
सात निश्चय कार्यक्रम से रोजगार पर फोकस
नीतीश कुमार ने कहा कि नवंबर 2005 में जब नई सरकार बनी थी, तभी से लक्ष्य रखा गया था कि अधिक से अधिक युवाओं को नौकरी और रोजगार से जोड़ा जाए। सात निश्चय कार्यक्रम इसी सोच का हिस्सा है।
सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को रोजगार और सरकारी नौकरी देना है। इसी क्रम में इस योजना को और व्यापक बनाया गया है ताकि हर युवा को आर्थिक सुरक्षा और भविष्य निर्माण का अवसर मिल सके।
युवाओं को मिलेगा सीधा फायदा
- प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी आसान होगी – जिन युवाओं के पास कोचिंग फीस चुकाने या किताबें खरीदने की क्षमता नहीं है, उन्हें सीधी आर्थिक मदद मिलेगी।
- कौशल विकास में सहयोग – IT, कंप्यूटर, भाषा और अन्य स्किल डेवलपमेंट कोर्सेज के लिए यह भत्ता मददगार साबित होगा।
- सामाजिक सुरक्षा की गारंटी – युवाओं को लगेगा कि सरकार उनके साथ खड़ी है, जिससे उनमें आत्मविश्वास बढ़ेगा।
- रोजगार मिशन को गति – सरकार की कोशिश है कि युवा सिर्फ सरकारी नौकरी पर निर्भर न रहें, बल्कि स्वरोजगार और उद्यमिता की दिशा में भी आगे बढ़ें।
बिहार में युवाओं की बड़ी आबादी
बिहार देश का वह राज्य है, जहां युवाओं की आबादी सबसे अधिक है। राज्य में बड़ी संख्या में स्नातक पास छात्र बेरोजगार हैं और सरकारी नौकरियों की तैयारी करते हैं। ऐसे में यह योजना उनके लिए राहत की खबर है।
सरकार मानती है कि बेरोजगारी को कम करने के लिए केवल नौकरी देना ही समाधान नहीं है, बल्कि युवाओं को स्किल्ड और सक्षम बनाना भी उतना ही जरूरी है। यही वजह है कि सरकार ने इस योजना को और अधिक प्रभावी बनाने का फैसला किया।
युवाओं की प्रतिक्रियाएं
इस ऐलान के बाद पटना और अन्य जिलों के छात्रों ने इसे “उम्मीद की किरण” बताया।
- रोहित कुमार (पटना यूनिवर्सिटी): “मैं पिछले साल स्नातक हुआ हूं और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा हूं। यह भत्ता मेरे लिए बहुत मददगार होगा।”
- नेहा सिंह (भागलपुर): “हम लड़कियों के लिए यह योजना खास तौर पर उपयोगी है। अब हम भी आत्मनिर्भर बन सकेंगे।”
विपक्ष का सवाल, सरकार का जवाब
विपक्षी दलों ने इस योजना को लेकर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि सरकार युवाओं को रोजगार देने में विफल रही है, इसलिए भत्ता योजना लाकर उन्हें भ्रमित कर रही है।
हालांकि, सरकार का तर्क है कि यह सिर्फ अस्थायी आर्थिक मदद नहीं, बल्कि युवाओं को भविष्य की तैयारी के लिए सहयोग देने का एक ठोस कदम है।
योजना का लाभ उठाने की प्रक्रिया
सरकार ने संकेत दिया है कि जल्द ही इसके लिए ऑनलाइन आवेदन पोर्टल पर नए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
- उम्मीदवारों को अपनी शैक्षणिक योग्यता, आयु प्रमाण और बेरोजगारी का प्रमाण पत्र जमा करना होगा।
- इसके बाद जांच के बाद योग्य उम्मीदवारों के बैंक खाते में प्रतिमाह डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए राशि भेजी जाएगी।
आर्थिक बोझ या निवेश?
कई अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इस योजना पर सरकार का वार्षिक बोझ हजारों करोड़ रुपये तक जा सकता है। लेकिन इसे एक निवेश के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि यह पैसा सीधे युवाओं की शिक्षा, कौशल और तैयारी में खर्च होगा।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह फैसला बेरोजगार युवाओं के लिए किसी राहत पैकेज से कम नहीं है। 1000 रुपये भत्ता भले ही बड़ी रकम न हो, लेकिन यह उन युवाओं के लिए बहुत मायने रखता है, जो हर महीने कोचिंग फीस और किताबों के खर्च के लिए संघर्ष करते हैं।
यह योजना सरकार की उस सोच को मजबूत करती है कि “युवा ही राज्य का भविष्य हैं।” अगर यह पहल सही तरीके से लागू होती है, तो निश्चित रूप से बिहार के लाखों स्नातक युवाओं का भविष्य सुरक्षित होगा और वे प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे।