हीरा चेक करने की नौकरी: कौन-सा कोर्स करें और कितनी मिलेगी सैलरी? | Diamond Grading Career in India
हीरा चेक करने की नौकरी में करियर कैसे बनाएं? जानें कौन-सा डायमंड ग्रेडिंग कोर्स करना जरूरी है, इसकी फीस, सिलेबस, जॉब अवसर और शुरुआती से लेकर इंटरनेशनल लेवल तक कितनी मिलती है सैलरी। पढ़ें पूरी डिटेल।

Diamond Grading Career in India
delhi
5:19 PM, Sep 7, 2025
O News हिंदी Desk
हीरा चेक करने की नौकरी के लिए कौन-सा कोर्स जरूरी? जानें करियर और सैलरी की पूरी जानकारी
आज के दौर में करियर विकल्प सिर्फ डॉक्टर, इंजीनियर या सरकारी नौकरी तक सीमित नहीं रह गए हैं। बदलते समय में युवाओं की रुचि अब उन प्रोफेशन की ओर भी बढ़ रही है, जिनके बारे में पहले बहुत कम लोग जानते थे लेकिन उनमें कमाई और ग्रोथ दोनों की बेहतरीन संभावना होती है। इन्हीं में से एक है हीरा चेक करने की नौकरी यानी डायमंड ग्रेडिंग और जेमोलॉजी।
इस काम को सुनने में जितना आसान लगता है, असलियत में यह उतना ही बारीकी और गहन अध्ययन वाला क्षेत्र है। एक हीरे की असली कीमत और पहचान तय करना सिर्फ चमक देखकर संभव नहीं होता, बल्कि इसके लिए तकनीकी ज्ञान और प्रोफेशनल ट्रेनिंग की जरूरत होती है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि हीरा चेक करने की नौकरी के लिए कौन-सा कोर्स करना जरूरी है, भारत में कहां यह कोर्स कराया जाता है, करियर के क्या अवसर हैं और इसमें कितनी सैलरी मिलती है।
हीरा चेक करने की नौकरी क्या है?
हीरा सिर्फ एक चमकदार पत्थर नहीं है, बल्कि यह दुनिया की सबसे कीमती और दुर्लभ धातुओं में गिना जाता है। हीरे की क्वालिटी, कट, कलर, कैरेट और क्लैरिटी ही उसकी असली कीमत तय करते हैं। यही वजह है कि हीरे की जाँच और ग्रेडिंग का काम एक बेहद महत्वपूर्ण प्रोफेशन बन चुका है।
इस प्रोफेशन को डायमंड ग्रेडिंग या जेमोलॉजी कहा जाता है। इसमें ट्रेनिंग लेकर आप यह सीखते हैं कि असली और नकली हीरे में फर्क कैसे करना है, किस तरह से उसकी क्वालिटी तय करनी है और किस तरह ज्वेलरी कंपनियों के लिए सही वैल्यूएशन तैयार करना है।
हीरा चेक करने के लिए कौन-सा कोर्स करें?
अगर आप इस फील्ड में करियर बनाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको इससे जुड़े कोर्स करने होंगे। भारत में कई प्रतिष्ठित संस्थान हैं जो जेमोलॉजी और डायमंड ग्रेडिंग से जुड़े सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स कराते हैं।
प्रमुख कोर्स और संस्थान
- Gemological Institute of India (GII), मुंबई यह भारत का सबसे प्रतिष्ठित संस्थान है। यहां डायमंड ग्रेडिंग, जेमोलॉजी और ज्वेलरी डिजाइनिंग से जुड़े कोर्स उपलब्ध हैं। कोर्स की ड्यूरेशन 6 महीने से 1 साल तक होती है।
- Indian Diamond Institute (IDI), सूरत सूरत को डायमंड सिटी कहा जाता है और यह संस्थान डायमंड ट्रेनिंग का सबसे बड़ा हब माना जाता है। यहां शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म दोनों तरह के कोर्स मिलते हैं।
- International Gemological Institute (IGI), मुंबई IGI एक ग्लोबल ब्रांड है जो डायमंड ग्रेडिंग और जेमोलॉजी में एडवांस ट्रेनिंग कराता है। यहां पढ़ाई करने के बाद विदेशों में भी करियर के मौके मिलते हैं।
- National Institute of Design (NID) और अन्य प्राइवेट इंस्टीट्यूट्स यहां ज्वेलरी डिजाइनिंग के साथ-साथ डायमंड क्वालिटी चेकिंग के कोर्स भी उपलब्ध हैं।
कोर्स की अवधि और फीस
- शॉर्ट-टर्म कोर्स: 3 महीने से 6 महीने
- एडवांस डिप्लोमा: 1 साल तक
- फीस: ₹50,000 से लेकर ₹2 लाख तक (संस्थान और कोर्स पर निर्भर करता है)
कोर्स में क्या सिखाया जाता है?
डायमंड ग्रेडिंग और जेमोलॉजी के कोर्स में विद्यार्थियों को हीरे की गहराई से पहचान सिखाई जाती है। इसमें मुख्य रूप से ये विषय शामिल होते हैं –
- असली और नकली हीरे में फर्क करना
- 4C’s of Diamond – Cut, Colour, Clarity, Carat
- माइक्रोस्कोप और लैब इंस्ट्रूमेंट्स से टेस्टिंग
- हीरे के मार्केट वैल्यूएशन की प्रक्रिया
- ज्वेलरी कंपनियों की आवश्यकताओं के अनुसार रिपोर्ट तैयार करना
इन कोर्स को पूरा करने के बाद विद्यार्थी डायमंड ग्रेडर, क्वालिटी एनालिस्ट या ज्वेलरी डिजाइनिंग एक्सपर्ट बन सकते हैं।
करियर के अवसर कहां मिलते हैं?
भारत दुनिया के सबसे बड़े हीरा व्यापार केंद्रों में से एक है। सूरत, मुंबई और जयपुर जैसे शहर डायमंड कटिंग और ग्रेडिंग के हब हैं। यहां बड़ी संख्या में प्रोफेशनल्स की डिमांड रहती है।
करियर विकल्प
- ज्वेलरी कंपनियों में डायमंड ग्रेडर
- एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट हाउस में क्वालिटी एनालिस्ट
- डायमंड कटिंग और पॉलिशिंग यूनिट्स
- फ्रीलांस डायमंड कंसल्टेंट
- विदेशों में ज्वेलरी ब्रांड्स और डायमंड हब्स (बेल्जियम, दुबई, हांगकांग)
अगर आपके पास इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट से सर्टिफिकेशन है तो विदेशों में भी आपको शानदार जॉब अवसर मिल सकते हैं।
हीरा चेक करने वालों की सैलरी कितनी होती है?
इस फील्ड में सैलरी पूरी तरह आपके स्किल, ट्रेनिंग और अनुभव पर निर्भर करती है।
- फ्रेशर्स (0-2 साल का अनुभव): शुरुआती स्तर पर आपको ₹15,000 से ₹25,000 प्रति माह की सैलरी मिल सकती है।
- मिड-लेवल (3-5 साल का अनुभव): इस स्तर पर सैलरी ₹30,000 से ₹50,000 प्रति माह तक पहुंच जाती है।
- एक्सपर्ट लेवल (5 साल से ज्यादा अनुभव): बड़ी कंपनियों या एक्सपोर्ट हाउस में पैकेज ₹60,000 से ₹1,00,000 प्रति माह तक मिल सकता है।
- विदेशों में अवसर: बेल्जियम, दुबई, अमेरिका और यूरोप के डायमंड मार्केट में इस प्रोफेशन की बहुत डिमांड है। यहां सैलरी लाखों रुपये प्रतिमाह तक हो सकती है।
इस क्षेत्र में क्यों है बेहतर भविष्य?
- कम प्रतियोगिता: अभी भी भारत में बहुत कम लोग इस प्रोफेशन के बारे में जानते हैं, इसलिए यहां प्रतिस्पर्धा कम है।
- ग्लोबल डिमांड: डायमंड ट्रेडिंग और ज्वेलरी इंडस्ट्री कभी बंद नहीं होती। इसकी मांग हमेशा बनी रहती है।
- हाई-पेइंग जॉब्स: एक बार अनुभव हासिल करने के बाद यह इंडस्ट्री शानदार सैलरी पैकेज देती है।
- स्वतंत्र काम का अवसर: आप चाहें तो फ्रीलांसर डायमंड कंसल्टेंट बनकर भी काम कर सकते हैं।
कौन लोग इस कोर्स के लिए उपयुक्त हैं?
- जिनकी नजर बारीकियों पर जाती है।
- जिन्हें ज्वेलरी और रत्नों में रुचि है।
- जो रिसर्च और एनालिटिकल माइंडसेट रखते हैं।
- जो एक नया और हाई-पेइंग करियर विकल्प तलाश रहे हैं।
निष्कर्ष
हीरा चेक करने की नौकरी यानी डायमंड ग्रेडिंग और जेमोलॉजी एक ऐसा करियर है जिसमें कम प्रतियोगिता और ज्यादा अवसर हैं। सही कोर्स करके आप न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी बेहतरीन कमाई कर सकते हैं।
अगर आप 12वीं के बाद कोई नया और अनोखा करियर विकल्प तलाश रहे हैं या फिर ज्वेलरी सेक्टर में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं, तो यह फील्ड आपके लिए सुनहरा मौका हो सकता है।
याद रखिए – हीरे की असली पहचान सिर्फ चमक से नहीं, बल्कि ट्रेनिंग और अनुभव से होती है। और यही ट्रेनिंग आपको इस इंडस्ट्री में चमकदार करियर दिला सकती है।