Gold Price Today 25 September: सोने-चांदी के रेट में गिरावट, जानें दिल्ली-मुंबई समेत अपने शहर का ताज़ा भाव
Gold Price Today: 25 सितंबर को सोना ₹1,13,120 प्रति 10 ग्राम और चांदी ₹1,33,950 प्रति किलो पर पहुंची। जानें दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और अपने शहर का ताज़ा सोने का रेट।

Gold Price Today ( Image AI )
delhi
11:46 AM, Sep 25, 2025
O News हिंदी Desk
Gold Price Today: सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट, जानें 25 सितंबर को अपने शहर का रेट
नई दिल्ली। त्योहारी सीजन की शुरुआत के बीच सोने-चांदी की कीमतें रिकॉर्ड स्तर छूने के बाद अब थोड़ी नरमी दिखा रही हैं। लगातार कई दिनों से ऊपर चढ़ते सोने के भाव पर 25 सितंबर (गुरुवार) को ब्रेक लगा है। इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, सोने और चांदी दोनों के दाम में गिरावट देखने को मिली है। हालांकि, अभी भी कीमतें ऊंचाई पर बनी हुई हैं और निवेशकों के साथ-साथ ग्राहकों की नजरें बाज़ार की हर हलचल पर टिकी हुई हैं।
24 कैरेट गोल्ड का ताज़ा रेट
आज 25 सितंबर को देशभर में 24 कैरेट सोना औसतन ₹1,13,120 प्रति 10 ग्राम की दर से बिक रहा है। एक दिन पहले यानी बुधवार को यही भाव ₹1,14,360 प्रति 10 ग्राम था। इस तरह सोने में करीब ₹1,240 प्रति 10 ग्राम की गिरावट आई है।
आपके शहर का सोने का भाव (₹ प्रति 10 ग्राम):
- दिल्ली: ₹1,12,720
- मुंबई: ₹1,12,910
- बेंगलुरु: ₹1,13,000
- कोलकाता: ₹1,12,760
- चेन्नई: ₹1,13,240 (सबसे महंगा)
यानी कि महानगरों में सोने की कीमतें करीब-करीब बराबर हैं, लेकिन दक्षिण भारत के चेन्नई में सोना सबसे ऊंचे भाव पर बिक रहा है।
चांदी का ताज़ा रेट
सोने की तरह ही चांदी में भी नरमी देखने को मिली है। आज देशभर में चांदी ₹1,33,950 प्रति किलोग्राम की दर से बिक रही है। एक दिन पहले यानी बुधवार को यही भाव ₹1,34,990 प्रति किलोग्राम था। यानी चांदी में करीब ₹1,040 प्रति किलो की गिरावट दर्ज की गई है।
क्यों घटे सोने-चांदी के भाव?
बाज़ार विशेषज्ञों का कहना है कि सोने-चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव कई वैश्विक और घरेलू कारकों पर निर्भर करता है।
- अमेरिका में ब्याज दरों की उम्मीदें अमेरिका के केंद्रीय बैंक यूएस फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावनाएं लगातार बनी हुई हैं। ब्याज दरें घटने की स्थिति में निवेशक शेयर बाज़ार और बॉन्ड की जगह सोने को सुरक्षित विकल्प मानते हैं। यही वजह है कि सोने की मांग बढ़ रही है और कीमतें रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई हैं।
- भूराजनीतिक तनाव और आर्थिक अनिश्चितता रूस-यूक्रेन युद्ध, पश्चिम एशिया में तनाव और चीन की आर्थिक सुस्ती जैसे कारणों ने भी सोने को निवेश का बेहतर विकल्प बना दिया है। जब भी वैश्विक स्तर पर अस्थिरता बढ़ती है, निवेशक गोल्ड की ओर रुख करते हैं।
- त्योहारी सीजन और भारतीय परंपरा भारत में नवरात्र, दिवाली और शादी-ब्याह का सीजन सोने की खरीदारी के लिए शुभ माना जाता है। यही कारण है कि इस समय डिमांड बढ़ जाती है और कीमतों में उछाल देखने को मिलता है। हालांकि, आज की हल्की गिरावट को बाज़ार के सामान्य उतार-चढ़ाव का हिस्सा माना जा रहा है।
निवेशकों के लिए क्या है रणनीति?
विशेषज्ञ मानते हैं कि सोने की कीमतों में गिरावट खरीदारी का मौका है।
- लंबी अवधि के निवेशक – सोना हमेशा से महंगाई के खिलाफ सुरक्षित रिटर्न देने वाला विकल्प रहा है। यदि आप लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं तो मौजूदा गिरावट आपके लिए सही समय हो सकता है।
- शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स – अगर आप मुनाफाखोरी की सोच रहे हैं तो बाजार पर कड़ी नजर रखना जरूरी है, क्योंकि त्योहारी सीजन और वैश्विक कारकों के चलते कीमतों में अचानक उछाल भी आ सकता है।
- डिजिटल गोल्ड और गोल्ड ETF – युवा निवेशक अब भौतिक सोना खरीदने के बजाय डिजिटल गोल्ड, सोवरन गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड ETF में निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं। ये आसान, सुरक्षित और टैक्स-फ्रेंडली विकल्प हैं।
22 और 18 कैरेट सोने की डिमांड
भारत में 24 कैरेट सोना निवेश के लिए खरीदा जाता है, जबकि 22 कैरेट और 18 कैरेट सोना ज्यादातर ज्वैलरी बनाने के लिए इस्तेमाल होता है। शादी-ब्याह और त्योहारों के मौसम में इनकी मांग सबसे ज्यादा रहती है। यही कारण है कि ज्वैलर्स पहले से ही खरीदारी कर स्टॉक तैयार रखते हैं।
सोना क्यों है खास?
सोना सिर्फ निवेश ही नहीं बल्कि भारतीय समाज की परंपरा और भावनाओं से भी जुड़ा हुआ है।
- शादी-ब्याह में सोने के गहने देना शुभ माना जाता है।
- त्योहारों पर सोना खरीदना समृद्धि का प्रतीक समझा जाता है।
- यह पीढ़ी-दर-पीढ़ी विरासत के रूप में भी संजोया जाता है।
इसी वजह से सोना भारतीय अर्थव्यवस्था और परिवार दोनों में अहम भूमिका निभाता है।
महंगाई और सोना
इतिहास गवाह है कि जब भी महंगाई बढ़ी है, सोने ने निवेशकों को बेहतर रिटर्न दिया है। यही कारण है कि इसे "सुरक्षित निवेश" (Safe Haven Asset) कहा जाता है।
- 2008 की वैश्विक मंदी में सोना निवेशकों के लिए सबसे बड़ा सहारा बना।
- कोविड-19 महामारी के दौरान भी सोने ने रिकॉर्ड हाई छुआ और लोगों को नुकसान से बचाया।
आज भी जब महंगाई का दबाव और शेयर बाजार की अनिश्चितता बनी हुई है, सोने में निवेश करना सुरक्षित विकल्प माना जा रहा है।
सोने की कीमतें किन-किन फैक्टर्स से तय होती हैं?
भारत में सोने की कीमतें कई घरेलू और वैश्विक कारकों पर निर्भर करती हैं:
- डॉलर-रुपया विनिमय दर
- इम्पोर्ट ड्यूटी और GST
- वैश्विक सोने की कीमतें
- स्थानीय मांग और आपूर्ति
- अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक और आर्थिक हालात
आने वाले दिनों का अनुमान
एनालिस्ट्स का कहना है कि अगर अमेरिका ब्याज दरों में कटौती करता है और त्योहारी सीजन में डिमांड बढ़ती है तो सोने की कीमतें फिर से ऑल-टाइम हाई को छू सकती हैं। वहीं, यदि डॉलर मजबूत होता है और वैश्विक तनाव कम होते हैं तो इसमें थोड़ी स्थिरता आ सकती है।
निचोड़ (Conclusion)
25 सितंबर को सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट आई है। दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में सोना ₹1,12,720 से ₹1,13,240 प्रति 10 ग्राम के बीच बिक रहा है। वहीं चांदी की कीमत ₹1,33,950 प्रति किलो दर्ज की गई है।
त्योहारी सीजन और वैश्विक कारक आने वाले दिनों में कीमतों को और ऊपर-नीचे कर सकते हैं। ऐसे में निवेशकों को विशेषज्ञों की राय के साथ समझदारी से फैसला लेना चाहिए।
Source: ABP