हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला: अब रिटायर्ड कर्मचारी 63 साल तक कर सकेंगे सेवा, जानें नए नियम
हरियाणा सरकार ने रिटायर्ड अफसरों और कर्मचारियों के लिए नई पॉलिसी लागू की है। अब 63 साल तक पुनर्नियुक्ति और 65 साल तक संविदा सेवा संभव। जानें शर्तें और पूरी जानकारी।

हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला
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6:52 PM, Sep 6, 2025
O News हिंदी Desk
हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला: रिटायर्ड अफसर और कर्मचारी अब 63 साल तक कर सकेंगे सेवा
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने रिटायर्ड अफसरों और कर्मचारियों को लेकर एक अहम फैसला लिया है। अब राज्य में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 63 साल की आयु तक पुनर्नियुक्ति (Re-appointment) का अवसर दिया जाएगा। इसके लिए मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं। इस फैसले का सीधा लाभ उन अधिकारियों और कर्मचारियों को मिलेगा जो रिटायरमेंट के बाद भी सेवा जारी रखना चाहते हैं। हालांकि, सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि पुनर्नियुक्ति केवल दो साल की अवधि तक ही दी जाएगी। इसके बाद कर्मचारी केवल संविदा (Contract Basis) पर ही कार्य कर सकेंगे और अधिकतम 65 साल की उम्र तक सेवा दे पाएंगे।
सरकार ने क्यों लिया यह फैसला?
हरियाणा सरकार का मानना है कि कई बार विभागों में अनुभवी और दक्ष अफसरों की कमी हो जाती है। ऐसे में पहले से सेवानिवृत्त कर्मचारी, जिनके पास लंबे समय का अनुभव और प्रशासनिक समझ है, उन्हें पुनः नियुक्त करने से कामकाज पर सकारात्मक असर पड़ेगा। यह कदम प्रशासनिक कार्यों को सुचारु रखने और जनता तक सेवाओं की बेहतर पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
किन शर्तों पर मिलेगी पुनर्नियुक्ति?
मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से जारी आदेश में यह साफ किया गया है कि पुनर्नियुक्ति हर किसी को नहीं दी जाएगी, बल्कि केवल असाधारण परिस्थितियों में दी जाएगी। साथ ही इसके लिए कुछ महत्वपूर्ण शर्तें भी तय की गई हैं:
- पुनर्नियुक्ति अधिकतम दो साल तक ही मिलेगी।
- दो साल की अवधि पूरी होने के बाद कर्मचारी केवल संविदा आधार पर सेवा जारी रख पाएंगे।
- पुनर्नियुक्ति से किसी भी कनिष्ठ अधिकारी की पदोन्नति (Promotion) पर असर नहीं पड़ना चाहिए।
- सेवा विस्तार तभी मिलेगा जब संबंधित पद के लिए पात्र उम्मीदवार कम से कम दो साल से उपलब्ध न हो।
- जिस कर्मचारी के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई लंबित हो, उसे यह लाभ नहीं दिया जाएगा।
रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए राहत
यह फैसला उन कर्मचारियों के लिए राहतभरी खबर है, जो सेवानिवृत्ति के बाद भी काम करने की इच्छा रखते हैं और अपनी सेवाएं जारी रखना चाहते हैं। ऐसे कर्मचारियों का अनुभव विभागों के लिए भी लाभकारी होगा, क्योंकि उन्हें काम को समझाने या नए सिरे से प्रशिक्षण देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे सरकार को अनुभवी मानव संसाधन का फायदा मिलेगा और विभागों में कार्यकुशलता भी बढ़ेगी।
युवाओं पर क्या असर होगा?
अक्सर इस तरह के फैसलों के बाद युवाओं में यह सवाल उठता है कि कहीं इससे नई नौकरियों पर असर तो नहीं पड़ेगा। लेकिन सरकार ने इस पर भी साफ कर दिया है कि पुनर्नियुक्ति केवल उन्हीं परिस्थितियों में दी जाएगी जहां योग्य उम्मीदवार उपलब्ध नहीं होंगे। यानी नए भर्ती और पदोन्नति की प्रक्रिया प्रभावित नहीं होगी।
बड़ा असर प्रशासनिक कामकाज पर
इस कदम से उन विभागों को राहत मिलेगी, जहां लंबे समय से योग्य और अनुभवी अफसरों की कमी बनी हुई है। खासकर स्वास्थ्य, शिक्षा और प्रशासनिक क्षेत्र में इस नीति का असर दिख सकता है। सरकार का दावा है कि इससे कार्यप्रणाली में तेजी आएगी और जनता को भी बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी।