भारत ने पहली बार ट्रेन से दागी अग्नि प्राइम मिसाइल | Rail-Based Missile Test
भारत ने इतिहास रचा! पहली बार ट्रेन से अग्नि प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया। 2000 किमी रेंज वाली यह परमाणु-सक्षम मिसाइल रेल-आधारित मोबाइल लॉन्चर सिस्टम से दागी गई। जानें इसके फीचर्स और सामरिक महत्व।

Rail-Based Missile Test
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10:42 AM, Sep 25, 2025
O News हिंदी Desk
चलती ट्रेन, अचूक निशाना! 'अग्नि प्राइम' ने रेल लॉन्चर से उड़ान भरकर रक्षा क्षेत्र में रचा इतिहास। अब सुरक्षा और गतिशीलता दोनों भारत के साथ।
नई दिल्ली। भारत ने गुरुवार को इतिहास रच दिया। देश ने पहली बार ट्रेन से अग्नि-प्राइम (Agni Prime) मिसाइल का सफल परीक्षण करके अपनी सामरिक क्षमता को नई ऊँचाइयों पर पहुंचा दिया। इस उपलब्धि के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जिनके पास रेल-आधारित मोबाइल मिसाइल लॉन्चर सिस्टम की तकनीक मौजूद है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि की जानकारी खुद ट्वीट कर साझा की और डीआरडीओ (DRDO), सामरिक बल कमान (SFC) और सशस्त्र बलों को बधाई दी।
क्यों खास है यह परीक्षण?
अग्नि-प्राइम मिसाइल का यह परीक्षण कई मायनों में खास है:
- यह भारत का पहला रेल-आधारित मिसाइल लॉन्चर सिस्टम है।
- यह प्रणाली देशभर के रेल नेटवर्क पर कहीं भी चल सकती है, जिससे दुश्मन देशों के लिए इसे ट्रैक करना बेहद मुश्किल हो जाएगा।
- यह परीक्षण बताता है कि भारत अब मोबाइल कैनिस्टराइज्ड लॉन्च सिस्टम वाली तकनीक में माहिर देशों की लिस्ट में शामिल हो चुका है।
- इस तकनीक से भारत को न केवल सामरिक बढ़त मिलेगी बल्कि कम समय में मिसाइल लॉन्च करने की क्षमता भी मजबूत होगी।
अग्नि प्राइम मिसाइल – नई पीढ़ी की ताकत
अग्नि प्राइम, दरअसल अग्नि कैटेगरी की मिसाइलों का अगला और ज्यादा एडवांस वर्जन है। यह मिसाइल पूरी तरह से परमाणु-सक्षम (Nuclear Capable) है और इसे खास तौर पर मध्यम दूरी के हमलों के लिए डिजाइन किया गया है।
मुख्य खूबियां:
- रेंज (Range): 1,000 से 2,000 किलोमीटर
- वजन (Weight): पुराने वर्जनों से हल्की, जिससे इसकी गतिशीलता (mobility) बढ़ती है।
- डिजाइन (Design): दो-स्टेप (Two-stage) कैनिस्टराइज्ड मिसाइल
- सटीकता (Accuracy): एडवांस नेविगेशन और गाइडेंस सिस्टम से लैस, जिससे लक्ष्य भेदन क्षमता और ज्यादा सटीक हो जाती है।
- कम दृश्यता (Low Detectability): रेल-आधारित सिस्टम से दुश्मन देशों के सैटेलाइट और निगरानी नेटवर्क इसे आसानी से नहीं पकड़ पाएंगे।
रेल-आधारित लॉन्चर सिस्टम क्यों गेमचेंजर है?
भारत के पास पहले से ही रोड-बेस्ड मोबाइल लॉन्चर सिस्टम मौजूद थे, लेकिन रेल से लॉन्च करने की क्षमता मिलना बेहद खास है।
- कम समय में लॉन्च: युद्ध की स्थिति में रेलवे नेटवर्क का इस्तेमाल करके तेजी से मिसाइल को इच्छित लोकेशन तक ले जाया जा सकता है।
- मोबिलिटी (Mobility): दुश्मन को यह अंदाजा लगाना मुश्किल होगा कि मिसाइल कहां तैनात है।
- गुप्त क्षमता (Stealth): रेलवे नेटवर्क पर मौजूद सामान्य ट्रेनों की तरह ही यह सिस्टम काम करेगा, जिससे इसे पहचानना लगभग असंभव होगा।
- सामरिक बढ़त: पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसी देशों के खिलाफ यह सिस्टम भारत की स्ट्रैटेजिक डिटरेंस (Strategic Deterrence) क्षमता को और मजबूत करेगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बयान
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा – "भारत ने अपनी तरह का पहला रेल-आधारित मोबाइल लॉन्चर सिस्टम से अग्नि प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। यह तकनीक हमें कम समय में, कम दृश्यता के साथ मिसाइल लॉन्च करने की क्षमता देती है। मैं डीआरडीओ, सामरिक बल कमान और सशस्त्र बलों को इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर हार्दिक बधाई देता हूं।"
विशेषज्ञों की राय
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह परीक्षण भारत की सुरक्षा रणनीति में मील का पत्थर साबित होगा।
- मिलिट्री एनालिस्ट्स का कहना है कि यह कदम भारत को "अभेद्य सुरक्षा कवच" प्रदान करेगा।
- यह तकनीक सुनिश्चित करेगी कि किसी भी संभावित युद्ध या संकट की स्थिति में भारत के पास तुरंत जवाब देने की क्षमता हो।
- साथ ही, यह मिसाइल तकनीक भारत की सामरिक स्वतंत्रता (Strategic Autonomy) को और ज्यादा मजबूत करेगी।
भारत की बढ़ती सैन्य ताकत
भारत पहले से ही अग्नि-1, अग्नि-2, अग्नि-3, अग्नि-4 और अग्नि-5 जैसी मिसाइलों का मालिक है। अग्नि-5 की रेंज 5,000 किलोमीटर से ज्यादा है और यह अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) श्रेणी में आती है। अब अग्नि-प्राइम के सफल रेल-आधारित परीक्षण से भारत की मिसाइल श्रृंखला और भी मजबूत हो गई है।
यह कदम न केवल एशिया बल्कि पूरी दुनिया में भारत को एक सशक्त सामरिक शक्ति (Strategic Power) के रूप में स्थापित करता है।

Rail-Based Missile Test
पाकिस्तान और चीन पर सीधा संदेश
भारत का यह कदम उसके पड़ोसी देशों के लिए भी एक सीधा संदेश है।
- पाकिस्तान, जो अक्सर आतंकवाद और सीमा विवादों के जरिए भारत को अस्थिर करने की कोशिश करता है, उसके लिए यह तकनीक एक "स्ट्रॉन्ग डिटरेंस" का काम करेगी।
- चीन, जिसने हाल ही में दक्षिण चीन सागर और लद्दाख में आक्रामक रुख दिखाया है, उसे भी यह साफ संकेत है कि भारत हर परिस्थिति में जवाब देने में सक्षम है।
भविष्य की ओर कदम
इस सफल परीक्षण के साथ भारत ने न केवल अपनी रक्षा नीति को मजबूत किया है बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि भारत अब तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर हो रहा है।
- भविष्य में भारत और भी एडवांस मिसाइल तकनीक विकसित करेगा।
- अग्नि-प्राइम का रेल-आधारित परीक्षण मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान की एक बड़ी सफलता है।
- यह परीक्षण आने वाले दशकों तक भारत की सुरक्षा नीतियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
निष्कर्ष
अग्नि प्राइम मिसाइल का ट्रेन से सफल प्रक्षेपण भारत के लिए सिर्फ एक रक्षा उपलब्धि नहीं बल्कि एक ऐतिहासिक क्षण है। यह उस नए भारत का प्रतीक है जो न केवल आत्मनिर्भर है बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी सैन्य और रणनीतिक ताकत का लोहा मनवा रहा है।
अब दुनिया देख चुकी है कि भारत के पास न केवल तकनीक, इच्छाशक्ति और सामरिक सोच है, बल्कि दुश्मन की किसी भी नापाक हरकत का जवाब देने की पूरी क्षमता भी है।
Source: NBT