महाराष्ट्र: 'आई लव मोहम्मद' रंगोली विवाद में बवाल, 30 हिरासत
महाराष्ट्र के अहिल्यानगर में 'आई लव मोहम्मद' रंगोली विवाद पर बवाल, पुलिस ने लाठियां भांजी और 30 लोगों को हिरासत में लिया। पढ़ें पूरी खबर।

आई लव मोहम्मद' रंगोली विवाद में बवाल
महाराष्ट्र
6:19 PM, Sep 29, 2025
O News हिंदी Desk
महाराष्ट्र: 'आई लव मोहम्मद' रंगोली विवाद ने अहिल्यानगर को किया अशांत, पुलिस ने 30 लोगों को लिया हिरासत में
नई दिल्ली/अहिल्यानगर (Onews Hindi): देशभर में "आई लव मोहम्मद" और "आई लव महादेव" जैसे पोस्टर और नारे इन दिनों गहरी बहस का मुद्दा बने हुए हैं। ताज़ा मामला महाराष्ट्र के अहिल्यानगर (पूर्व में अहमदनगर) जिले से सामने आया है, जहां "आई लव मोहम्मद" लिखी गई एक रंगोली को लेकर भारी विवाद खड़ा हो गया। यह विवाद इतना बढ़ा कि पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा और अब तक 30 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
पुलिस सूत्रों के अनुसार, अहिल्यानगर शहर की एक सड़क पर कुछ अज्ञात लोगों ने "आई लव मोहम्मद" की रंगोली बनाई। स्थानीय मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने इसे पैगंबर मोहम्मद का अपमान मान लिया और गुस्से में बड़ी संख्या में थाने के बाहर इकट्ठा हो गए। देखते ही देखते भीड़ बढ़ी और माहौल तनावपूर्ण हो गया।
प्रदर्शनकारी लोगों का आरोप था कि जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को भड़काने के लिए ऐसा किया गया। वहीं पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई की और दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया। इनमें से एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस की कार्रवाई और हालात काबू में
जब स्थिति बेकाबू होने लगी तो पुलिस ने हल्के बल का प्रयोग करते हुए भीड़ को तितर-बितर किया। पुलिस ने पुष्टि की है कि अब तक 30 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाने की कोशिश की कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है। इसके बावजूद भीड़ में मौजूद कुछ अराजक तत्व माहौल बिगाड़ते रहे।
पुलिस प्रशासन ने कहा कि अहिल्यानगर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और जगह-जगह पुलिस बल तैनात किया गया है। साथ ही अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की गई है।
पूरे घटनाक्रम पर प्रशासन का बयान
अहिल्यानगर पुलिस ने प्रेस को बताया:
“हमने इस घटना को गंभीरता से लिया है। दो आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। एक आरोपी गिरफ्तार हो चुका है। आगे की जांच जारी है। शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात है।”
क्यों बढ़ रहा है "आई लव मोहम्मद" और "आई लव महादेव" विवाद?
पिछले कुछ महीनों से सोशल मीडिया और ज़मीन पर "आई लव मोहम्मद" और "आई लव महादेव" लिखे पोस्टर्स, बैनर और स्लोगन पर तीखी बहस छिड़ी हुई है।
- एक वर्ग का कहना है कि यह धार्मिक आस्था व्यक्त करने का तरीका है।
- दूसरा वर्ग इसे उकसावे और धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ बताता है।
- कई जगहों पर इसे लेकर हिंसक झड़पें और प्रदर्शन भी हो चुके हैं।
अहिल्यानगर की घटना भी इसी सिलसिले की कड़ी मानी जा रही है।
राजनीतिक रंग लेने लगा मुद्दा
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, इस घटना को लेकर राजनीतिक हलकों में भी चर्चा तेज हो गई है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार धार्मिक विवादों पर समय रहते नियंत्रण नहीं कर पा रही है। वहीं, सत्तारूढ़ दल का कहना है कि प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई कर स्थिति को संभाला।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह विवाद केवल धार्मिक भावनाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि चुनावी समीकरणों और समाजिक ध्रुवीकरण से भी जुड़ रहा है।
जनता का नजरिया
स्थानीय लोगों ने अपनी राय दी।
- एक स्थानीय दुकानदार ने कहा: “धार्मिक भावनाएं आहत करना गलत है। लेकिन किसी भी स्थिति में हिंसा समाधान नहीं है।”
- वहीं एक छात्र ने कहा: “सोशल मीडिया पर जो चल रहा है, उसका असर सड़कों पर दिख रहा है। प्रशासन को पहले से ऐसे मामलों पर नजर रखनी चाहिए।”
सोशल मीडिया पर गर्मा-गर्म बहस
इस घटना के बाद ट्विटर (अब X), फेसबुक और इंस्टाग्राम पर #ILoveMohammad और #ILoveMahadev ट्रेंड करने लगे।
- एक तरफ लोग धार्मिक स्वतंत्रता की बात कर रहे हैं।
- दूसरी ओर कुछ लोग इसे जानबूझकर माहौल खराब करने की साजिश बता रहे हैं।
सुरक्षा व्यवस्था और आगे की जांच
पुलिस ने कहा है कि शहर में धारा 144 लागू करने पर भी विचार किया जा रहा है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन पुलिस लगातार गश्त कर रही है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जो भी लोग हिंसा फैलाने में शामिल पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
बड़ी तस्वीर: देश में क्यों बढ़ रही हैं ऐसी घटनाएं?
देशभर में पिछले कुछ समय से धार्मिक नारों और प्रतीकों को लेकर विवाद बढ़ते जा रहे हैं।
- कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह सोशल मीडिया पर बढ़ते ध्रुवीकरण का नतीजा है।
- वहीं कुछ लोग इसे स्थानीय राजनीति का हथियार मानते हैं।
- मनोवैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो यह समाज में असुरक्षा और पहचान की राजनीति से भी जुड़ा हुआ है।
Onews Hindi का विश्लेषण
इस घटना से यह साफ है कि धार्मिक नारों और प्रतीकों को लेकर संवेदनशीलता बेहद ज्यादा है। किसी भी समाज में आस्था और विश्वास का सम्मान करना जरूरी है, लेकिन हिंसा और अराजकता कभी समाधान नहीं हो सकते।
प्रशासन को चाहिए कि वह ऐसे मामलों में प्रिवेंटिव एक्शन ले और सोशल मीडिया पर चल रहे विवादित कंटेंट पर भी निगरानी रखे।
नतीजा
अहिल्यानगर की यह घटना केवल एक शहर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश में बढ़ती धार्मिक असहिष्णुता की तस्वीर पेश करती है। अभी के लिए पुलिस ने स्थिति पर काबू पा लिया है और 30 लोग हिरासत में हैं। लेकिन असली चुनौती आगे है – जब तक समाज संवाद और आपसी सम्मान की राह पर नहीं चलेगा, तब तक ऐसे विवाद बार-बार सामने आते रहेंगे।
Source: India Tv