बिहार SIR पर राहुल गाँधी का प्रोपेगेंडा ध्वस्त! अमन कुमार ने किया माफी माँग कर सच उजागर
राहुल गाँधी की 'वोट अधिकार यात्रा' का सच सामने आ गया है। बिहार के रफीगंज निवासी अमन कुमार, जिसने वोटर लिस्ट से नाम हटाने की शिकायत की थी, ने अब माफी माँग ली है। जाँच में साबित हुआ कि उसके पिता रजाक और उसका नाम दोनों ही मतदाता सूची में मौजूद थे। चुनाव आयोग ने साफ किया कि SIR प्रक्रिया का उद्देश्य मृत और फर्जी नाम हटाना है, न कि गरीबों या अल्पसंख्यकों को टारगेट करना।

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delhi
8:38 AM, Aug 26, 2025
O News हिंदी Desk
राहुल गाँधी और राजद नेता तेजस्वी यादव की ‘वोट अधिकार यात्रा’ अब खुद सवालों के घेरे में है। जिस अमन कुमार ने मतदाता सूची से नाम कटने की शिकायत की थी, उसने ही अब वीडियो जारी कर माफी माँगी है और माना कि उसकी जानकारी झूठी थी।
अमन का दावा और सच
रफीगंज के अमन कुमार ने राहुल गाँधी के सामने कहा था कि उसके पिता रजाक का नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है। इस पर राहुल गाँधी ने इसे ‘गरीबों का अधिकार छीनने की साजिश’ बताया और अपने प्रोपेगेंडा को आगे बढ़ाया। लेकिन जब स्थानीय प्रशासन और चुनाव आयोग ने जांच की तो पाया गया कि अमन और उसके पिता दोनों का नाम लिस्ट में पहले से मौजूद था।
इसके बाद अमन ने वीडियो जारी करके कहा: “मैंने लिस्ट चेक ही नहीं की थी। गलत जानकारी मिली थी। इसके लिए मैं माफी माँगता हूँ।”
और भी सामने आए मामले
- नहाटा के चकला गाँव की महिला को भी राहुल गाँधी की यात्रा में इस दावे के साथ लाया गया कि उसके परिवार का नाम सूची से गायब है।
- प्रशासन की जाँच में यह झूठा निकला और महिला ने माना कि उसे जबरन बुलाया गया था।
चुनाव आयोग का बयान
चुनाव आयोग ने साफ किया कि SIR (Special Intensive Revision) का मकसद केवल मृत और फर्जी नामों को हटाना है, न कि गरीबों या अल्पसंख्यकों को निशाना बनाना। सुप्रीम कोर्ट ने भी आयोग की प्रक्रिया को सही ठहराया है और कहा है कि आधार कार्ड वोटर सत्यापन के लिए अनिवार्य नहीं है।
आयोग ने बताया कि इस प्रक्रिया में 65 लाख फर्जी या डुप्लीकेट नाम हटाए गए। इन्हीं पर राहुल गाँधी राजनीति करने की कोशिश कर रहे थे।
नतीजा
बार-बार की गई जाँच और झूठी शिकायतों के खुलासे ने राहुल गाँधी के ‘वोट चोरी’ वाले आरोपों को खोखला साबित कर दिया है। अब यह साफ हो चुका है कि SIR प्रक्रिया पारदर्शी है और किसी भी समुदाय को टारगेट नहीं करती।
Fact Check Verdict: राहुल गाँधी का दावा – झूठा अमन कुमार की शिकायत – गलत चुनाव आयोग का रिकॉर्ड – सही
Conclusion : राहुल गाँधी की वोटर अधिकार यात्रा अब सवालों के घेरे में है। जब तथ्यों की पड़ताल हुई तो ‘वोट चोरी’ का पूरा प्रोपेगेंडा धराशायी हो गया।