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लिवर कैंसर के लक्षण, कारण और बचाव | एक्सपर्ट्स से जानें शुरुआती संकेत और उपचार

लिवर कैंसर के शुरुआती लक्षण क्या हैं? थकान, वजन कम होना, पीलिया और पेट दर्द जैसे संकेतों को अनदेखा न करें। एक्सपर्ट्स से जानें लिवर कैंसर के कारण, जांच और बचाव के उपाय।

लिवर कैंसर के लक्षण, कारण और बचाव | एक्सपर्ट्स से जानें शुरुआती संकेत और उपचार

लिवर कैंसर के लक्षण, कारण और बचाव

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6:31 PM, Sep 26, 2025

O News हिंदी Desk

लिवर कैंसर के शुरुआती लक्षण और बचाव: एक्सपर्ट्स से जानें जरूरी बातें

नई दिल्ली। लिवर हमारे शरीर का वह अहम अंग है, जो पाचन, डिटॉक्स और ऊर्जा को स्टोर करने जैसे कई महत्वपूर्ण काम करता है। यह खून को फिल्टर करता है, प्रोटीन बनाता है और पित्त रस (Bile Juice) तैयार करता है जिससे खाना सही तरीके से पचता है। लेकिन जब यही लिवर कैंसर की चपेट में आता है तो शरीर का पूरा सिस्टम प्रभावित हो जाता है। मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि लिवर कैंसर (Liver Cancer) की पहचान शुरुआती दौर में मुश्किल होती है क्योंकि इसके शुरुआती लक्षण साधारण बीमारियों जैसे लगते हैं।

लिवर कैंसर क्या है?

जब लिवर की कोशिकाएं (Liver Cells) असामान्य तरीके से बढ़ने लगती हैं और उन पर नियंत्रण नहीं रहता, तब इसे लिवर कैंसर कहा जाता है। यह मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है:

  1. हेपैटोसेलुलर कार्सिनोमा (HCC) – यह सबसे सामान्य प्रकार है और सीधे लिवर के सेल्स से शुरू होता है।
  2. कोलांजियोकार्सिनोमा (Cholangiocarcinoma) – यह बाइल डक्ट यानी पित्त नली से विकसित होता है।

लंबे समय तक शराब का सेवन, हेपेटाइटिस-बी और सी का संक्रमण, फैटी लिवर डिजीज, मोटापा और परिवार में कैंसर का इतिहास इस बीमारी के प्रमुख कारण माने जाते हैं।

लिवर कैंसर के शुरुआती लक्षण

एम्स (AIIMS) के गैस्ट्रोलॉजी डिपार्टमेंट के पूर्व डॉक्टर डॉ. अनन्य गुप्ता बताते हैं कि लिवर कैंसर के लक्षण धीरे-धीरे सामने आते हैं। अक्सर मरीज इन्हें सामान्य थकान या पाचन संबंधी समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं।

शुरुआती संकेत:

  1. बिना वजह थकान रहना
  2. भूख न लगना
  3. अचानक और बिना कारण वजन कम होना
  4. पेट के दाहिने हिस्से में दर्द या भारीपन
  5. आंखों और त्वचा का पीला पड़ना (पीलिया)
  6. बार-बार उल्टी या मिचली आना

गंभीर अवस्था के लक्षण:

  1. पेट में लगातार सूजन
  2. पैरों में सूजन
  3. अत्यधिक कमजोरी
  4. खून की उल्टी आना
  5. ब्लीडिंग की समस्या

विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक बीमारी गंभीर नहीं हो जाती, तब तक लोग इसे पहचान नहीं पाते। यही वजह है कि मरीज अक्सर देर से अस्पताल पहुंचते हैं।

लिवर कैंसर की जांच कैसे होती है?

अगर किसी व्यक्ति में ऊपर बताए गए लक्षण लगातार दिख रहे हैं तो डॉक्टर से तुरंत परामर्श लेना चाहिए। इसकी पहचान के लिए आधुनिक मेडिकल टेस्ट किए जाते हैं:

  1. अल्ट्रासाउंड – लिवर की स्थिति जानने के लिए पहला और आसान टेस्ट।
  2. सीटी स्कैन (CT Scan) और एमआरआई (MRI) – कैंसर की स्टेज और फैलाव की सटीक जानकारी।
  3. बायोप्सी (Biopsy) – इसमें लिवर के टिश्यू का सैंपल लेकर जांच की जाती है कि कोशिकाएं कैंसरग्रस्त हैं या नहीं।

शुरुआती स्टेज पर पहचान हो जाए तो इलाज आसान हो जाता है और रोगी की जान बचने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।

लिवर कैंसर से बचाव के उपाय

एक्सपर्ट्स का मानना है कि जीवनशैली और खानपान पर ध्यान देकर लिवर कैंसर जैसी घातक बीमारी से काफी हद तक बचाव किया जा सकता है।

✅ शराब और धूम्रपान से दूरी बनाएं – यह लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं।

✅ हेपेटाइटिस-बी का टीकाकरण (Vaccination) करवाएं – यह वायरस लिवर कैंसर का बड़ा कारण है।

✅ हेल्दी डाइट लें – ताजे फल, हरी सब्जियां और फाइबर से भरपूर भोजन करें।

✅ फैटी लिवर से बचें – अधिक तेल, जंक फूड और मीठा खाने से परहेज करें।

✅ रोजाना एक्सरसाइज करें – मोटापा नियंत्रित करने से लिवर की कार्यक्षमता बेहतर रहती है।

✅ समय-समय पर लिवर की जांच कराएं – खासकर अगर परिवार में किसी को लिवर की बीमारी रही हो।

क्यों खतरनाक है लिवर कैंसर?

लिवर कैंसर की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि यह लंबे समय तक छुपा रहता है। जब तक मरीज को गंभीर लक्षण दिखते हैं, तब तक बीमारी अक्सर एडवांस स्टेज में पहुंच चुकी होती है। लिवर शरीर की डिटॉक्स प्रक्रिया संभालता है। जब यह कमजोर हो जाता है तो खून में जहरीले पदार्थ जमा होने लगते हैं जिससे शरीर के दूसरे अंग भी प्रभावित होते हैं। यही वजह है कि डॉक्टर समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराने की सलाह देते हैं।

भारत में लिवर कैंसर की स्थिति

मेडिकल डेटा के मुताबिक, भारत में हर साल हजारों नए मरीज लिवर कैंसर से प्रभावित होते हैं। शराब का अत्यधिक सेवन, वायरल हेपेटाइटिस और अस्वस्थ जीवनशैली इसके मुख्य कारण हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर लोग जागरूक हों और शुरुआती लक्षणों को गंभीरता से लें तो इस बीमारी से मौतों की संख्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

लोगों को क्या करना चाहिए?

  1. अगर लगातार थकान या वजन कम होना जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत जांच कराएं।
  2. घरेलू नुस्खों पर भरोसा करने की बजाय डॉक्टर से सलाह लें।
  3. कैंसर का डर होने पर घबराएं नहीं, क्योंकि शुरुआती चरण में यह पूरी तरह इलाज योग्य है।
  4. मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर जागरूकता फैलाने की जरूरत है ताकि लोग देर न करें।
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निष्कर्ष

लिवर कैंसर एक गंभीर लेकिन प्रिवेंटेबल बीमारी है। समय रहते पहचान और सही इलाज से इससे बचाव संभव है। स्वस्थ जीवनशैली, संतुलित खानपान और नियमित जांच ही इसके खिलाफ सबसे बड़ा हथियार हैं।

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डिस्क्लेमर:

यह लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है। लिवर कैंसर या इससे जुड़े लक्षण दिखने पर हमेशा योग्य डॉक्टर से परामर्श लें। स्वयं इलाज करने की कोशिश न करें।

Source: Tv9

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