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बड़ी खबर/न्यूज़/troubled by stomach problems these 5 yogasanas will be far away from your problem the effect will be seen in just 7 days

पेट की दिक्कतों से परेशान हैं? ये 5 योगासन आपकी समस्या को करेंगे दूर, सिर्फ 7 दिन में दिखेगा असर।

पेट की समस्याओं और एसिडिटी से परेशान हैं? जानिए 5 आसान योगासन जिन्हें अपनाकर सिर्फ एक हफ्ते में पेट हल्का और गैस, अपच से राहत पाएं।

पेट की दिक्कतों से परेशान हैं? ये 5 योगासन आपकी समस्या को करेंगे दूर, सिर्फ 7 दिन में दिखेगा असर।

पेट की परेशानियों को कहें अलविदा ( Image AI )

delhi

8:28 PM, Sep 22, 2025

O News हिंदी Desk

पेट की परेशानियों को कहें अलविदा! इन 5 योगासनों को अपनाकर एक हफ्ते में देखें कमाल।

नई दिल्ली: आज की तेज-तर्रार जिंदगी और असंतुलित खान-पान के कारण पेट की समस्या यानी एसिडिटी (Acidity) आम होती जा रही है। जल्दी-जल्दी खाना, तला-भुना और मसालेदार भोजन, देर रात तक भोजन करना या अनियमित डाइट ऐसे कारण हैं जो पेट में जलन, गैस, अपच और भारीपन जैसी समस्याएं पैदा करते हैं। कभी-कभी ये परेशानी रात के समय बढ़ जाती है, जिससे नींद भी प्रभावित होती है।

एसिडिटी से न केवल शारीरिक असुविधा होती है बल्कि यह सामाजिक रूप से भी लोगों को शर्मिंदगी में डाल सकती है। पब्लिक प्लेस पर अचानक होने वाली खट्टी डकारें और पेट की जलन किसी के लिए भी मुश्किल खड़ी कर सकती हैं। लोग अक्सर दवाइयों, चूर्ण या घरेलू नुस्खों का सहारा लेते हैं, लेकिन उनका असर हमेशा तुरंत दिखाई नहीं देता और समस्या बार-बार लौट आती है।

ऐसे में योगासन (Yoga Asanas) एक प्राकृतिक और सुरक्षित उपाय के रूप में सामने आते हैं। नियमित योग से पाचन तंत्र मजबूत होता है, पेट हल्का रहता है और एसिडिटी जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।

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1. बालासन (Child Pose)

बालासन या चाइल्ड पोज योग की सबसे आरामदायक मुद्राओं में से एक है। इसे करने से पेट की अंगों की मालिश होती है, जिससे फंसी हुई गैस बाहर निकलती है और अपच में आराम मिलता है।

  1. फायदे: तनाव कम करना, शरीर को शांत रखना, लचीलापन बढ़ाना और पेट की समस्याओं से राहत।
  2. कैसे करें: जमीन पर घुटनों के बल बैठें, धीरे-धीरे झुकते हुए माथा जमीन पर रखें और हाथ आगे फैलाएं। 2–3 मिनट तक इस स्थिति में रहें।

बालासन लंबे समय से एसिडिटी से परेशान लोगों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हुआ है।

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2. हलासन (Plow Pose)

हलासन को हल मुद्रा या प्लॉव पोज भी कहते हैं। इसमें शरीर को हल के आकार में मोड़कर सिर के पीछे ले जाया जाता है। यह आसन पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है और कब्ज, अपच और एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत देता है।

  1. फायदे: पाचन सुधारना, रक्त परिसंचरण बढ़ाना, रक्तचाप नियंत्रित करना और तनाव कम करना।
  2. कैसे करें: पीठ के बल लेटें, पैरों को ऊपर उठाएं और धीरे-धीरे सिर के पीछे ले जाएं। हाथों से पीठ को सहारा दें और 30 सेकंड से 1 मिनट तक रहें।

हलासन नियमित करने से पेट हल्का महसूस होता है और भोजन आसानी से पचता है।

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3. वज्रासन (Thunderbolt Pose)

वज्रासन घुटनों के बल बैठकर किया जाता है और यह पाचन तंत्र के लिए बेहद फायदेमंद है। भोजन के तुरंत बाद इसे करने से गैस, अपच और एसिडिटी की समस्या कम होती है।

  1. फायदे: पेट की मांसपेशियों को मजबूत करना, भोजन पचाना आसान बनाना, शरीर को शांति प्रदान करना।
  2. कैसे करें: घुटनों के बल सीधे बैठें, पीठ सीधी रखें और हाथों को घुटनों पर रखें। 5–10 मिनट तक सांस पर ध्यान केंद्रित करें।

रोज़ाना वज्रासन करने से पेट हमेशा हल्का और फूला हुआ महसूस नहीं होता।

4. पवन मुक्तासन (Wind-Relieving Pose)

पवन मुक्तासन पेट की गैस और कब्ज दूर करने का सबसे आसान योगासन है। सीधे लेटकर दोनों घुटनों को हाथों से पकड़कर छाती के पास लाया जाता है और फिर नाक को छूने की कोशिश की जाती है।

  1. फायदे: पेट की गैस और अपच से तुरंत राहत, पेट की मांसपेशियों को मजबूत करना।
  2. कैसे करें: पीठ के बल लेटें, घुटनों को हाथों से पकड़ें और धीरे-धीरे छाती के पास लाएं। 5–7 सांस लें और छोड़ें।

यह आसन खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिनके पेट में अक्सर गैस और अपच की समस्या रहती है।

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5. अग्निसार और कपालभाति (Digestive & Detox Yoga)

अग्निसार क्रिया: बैठकर गहरी सांस लें और पेट को अंदर-बाहर करें। यह पेट की अग्नि (Digestive Fire) को सक्रिय करता है और पाचन शक्ति बढ़ाता है। कपालभाति प्राणायाम: तेजी से सांस छोड़कर पेट की मांसपेशियों को सक्रिय करें। यह पाचन क्रिया सुधारता है, शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालता है और पेट हल्का महसूस कराता है।

दोनों योग क्रियाएं मिलकर पेट की जलन, एसिडिटी और अपच में राहत देती हैं।

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योगासन अपनाने के टिप्स

  1. नियमितता: योगासन को रोजाना कम से कम 15–20 मिनट दें।
  2. भोजन के समय: वज्रासन और हलासन भोजन के 30 मिनट बाद करें।
  3. सांस पर ध्यान: योग के दौरान धीमी और गहरी सांस लें।
  4. हाइड्रेशन: योग के बाद हल्का पानी पीना फायदेमंद है।
  5. अनुकूल वातावरण: शांत और स्वच्छ जगह पर योग करें।
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विशेषज्ञ की राय

योग विशेषज्ञ डॉ. मनीषा शर्मा का कहना है कि “एसिडिटी और अपच जैसी पेट की समस्याओं में दवाओं का केवल अस्थायी असर होता है। नियमित योगासन पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है, पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है और मानसिक तनाव भी कम करता है। सिर्फ एक हफ्ते में फर्क महसूस किया जा सकता है।”

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निष्कर्ष

आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में पेट की समस्याएं आम हो गई हैं, लेकिन योगासन एक प्राकृतिक और सुरक्षित उपाय है। बालासन, हलासन, वज्रासन, पवन मुक्तासन और अग्निसार-कपालभाति जैसी मुद्राओं को नियमित करने से पेट हल्का रहता है, गैस और एसिडिटी से राहत मिलती है और पाचन तंत्र मजबूत होता है।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी तरह की दवा या इलाज का विकल्प नहीं है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या में हमेशा योग्य चिकित्सक से संपर्क करें।

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Source: Money Control

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