क्या तेजस्वी यादव सीएम बन पाएंगे? कांग्रेस की कमजोर स्थिति और बिहार चुनाव 2025 का हाल
बिहार विधानसभा चुनाव 2025: जेवीसी पोल में कांग्रेस की कमजोरी और एनडीए की बढ़त, नीतीश कुमार तेजस्वी यादव से आगे, जानिए बिहार के चुनावी समीकरण और सीटों का गणित।

क्या तेजस्वी यादव सीएम बन पाएंगे?
बिहार
3:03 PM, Oct 1, 2025
O News हिंदी Desk
क्या तेजस्वी यादव की राह मुश्किल? बिहार में कांग्रेस की कमजोर कड़ी और एनडीए की बढ़त
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए हर राजनीतिक दल की निगाहें मुस्लिम वोटर और मध्यम वर्ग पर टिक गई हैं, लेकिन सबसे बड़ा सवाल अब भी यही है कि क्या तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुँच पाएंगे या कांग्रेस की कमजोर स्थिति उनकी राह में रोड़ा बनेगी। हाल ही में जारी जेवीसी के चुनावी सर्वे ने राजद और कांग्रेस के लिए नए राजनीतिक समीकरण पेश किए हैं, जो बिहार के राजनीतिक परिदृश्य को पूरी तरह बदल सकते हैं।
कांग्रेस की मुश्किलें और जमीन का खिसकना
देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस इस बार बिहार में कमजोर स्थिति में दिख रही है। जेवीसी पोल के अनुसार, 2025 के चुनाव में कांग्रेस को केवल 11-14 सीटों की संभावना है। यह संख्या 2020 के मुकाबले और भी कम है। पार्टी ने राहुल गांधी की अगुआई में वोट चोरी और एसआईआर (Special Investigation Report) जैसे मुद्दों को लेकर आक्रामक अभियान चलाया, लेकिन जनता पर इसका कोई खास असर नहीं पड़ा। सर्वे में लगभग 52% लोगों ने कांग्रेस के आरोपों को निराधार बताया।
विशेषज्ञों का कहना है कि बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में कांग्रेस की जमीनी पकड़ कमजोर होती जा रही है। यह वही स्थिति है, जिसे बिहार में कहावत “सारा श्रृंगार किया, पर ‘घेघा’ बिगाड़ दिया” से समझा जा सकता है। राहुल गांधी की आक्रामकता और तेजस्वी यादव का साथ देने के बावजूद, विपक्षी गठबंधन की सियासी जमीन पर कांग्रेस ने खास प्रभाव नहीं छोड़ा।
तेजस्वी यादव की चुनौती
जनता दल (यूनाइटेड) और भाजपा की बढ़ती पकड़ के बीच तेजस्वी यादव को सीएम की रेस में आगे बढ़ने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। जेवीसी पोल के अनुसार, राजद को इस बार 57-71 सीटों की संभावना है, जबकि एनडीए गठबंधन को कुल 131-150 सीटें मिलने का अनुमान है।
मुख्यमंत्री पद के लिए जनता में नीतीश कुमार की लोकप्रियता तेजस्वी यादव से आगे दिख रही है। सर्वे में अधिकांश उत्तरदाताओं ने नीतीश कुमार को अपनी प्राथमिकता बताया, जिसमें 27% लोगों ने उन्हें वोट देने की बात कही, जबकि तेजस्वी यादव को केवल 25% वोट मिले। यह आंकड़ा संकेत करता है कि बिहार के चुनावी रण में नीतीश कुमार की पकड़ अभी भी मजबूत है।
एनडीए का बढ़ता ग्राफ
जेवीसी पोल के आंकड़े बताते हैं कि एनडीए गठबंधन में भाजपा को 66-77 और जेडीयू को 52-58 सीटें मिलने की संभावना है। इसके अलावा, एनडीए के अन्य सहयोगियों को भी 13-15 सीटें मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। पिछले चुनावों की तुलना में जेडीयू को अधिक सीटें मिलने की संभावना, नीतीश कुमार के लोकप्रिय नेतृत्व और मजबूत जमीनी संगठन का संकेत है।
मतदान प्रतिशत के लिहाज से एनडीए को 41-45% वोट मिलने का अनुमान है, जबकि महागठबंधन को केवल 37-40% वोट मिलने की उम्मीद है। यह आंकड़ा स्पष्ट रूप से बताता है कि बिहार में सत्ता का संतुलन एनडीए की ओर झुकता दिख रहा है।
कांग्रेस की रणनीति पर सवाल
राहुल गांधी ने बिहार में सक्रिय भूमिका निभाई, कई जनसभाओं और दौरे के माध्यम से जदयू-भाजपा सरकार पर हमला किया, लेकिन सर्वे में इसका खास असर नजर नहीं आया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस की रणनीति बिहार के मतदाताओं पर अप्रभावी साबित हुई।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि कांग्रेस अपनी रणनीति नहीं बदलती है, तो तेजस्वी यादव के लिए यह गठबंधन बोझ बन सकता है। हालाँकि महागठबंधन के अन्य दलों के समर्थन से राजद कुछ हद तक सीटें बढ़ा सकता है, लेकिन कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन के चलते यह पूरी तस्वीर बदल सकती है।
प्रशांत किशोर का ‘एक्स-फैक्टर’
इस चुनाव में प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को भी अहम भूमिका दी जा रही है। जेवीसी पोल के अनुसार, जन सुराज पार्टी 4-6 सीटों के बीच जीत सकती है और लगभग 10-11% वोट शेयर हासिल कर सकती है। यह आंकड़ा बताता है कि चुनाव में यह पार्टी ‘एक्स-फैक्टर’ की तरह भूमिका निभा सकती है और मुख्य दलों की रणनीति को प्रभावित कर सकती है।
इसके अलावा चिराग पासवान और सम्राट चौधरी जैसे नए चेहरे भी अपनी पार्टी के लिए सीमित सीटों पर प्रभाव डाल सकते हैं। जेवीसी पोल में चिराग पासवान को 11% और सम्राट चौधरी को 8% वोट शेयर मिलने का अनुमान है।
चुनावी समीकरण और रणनीति
जेवीसी पोल के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का समीकरण कुछ इस प्रकार दिख रहा है:
- एनडीए गठबंधन: 131-150 सीटें भाजपा: 66-77 जेडीयू: 52-58 अन्य सहयोगी: 13-15
- महागठबंधन: 81-103 सीटें राजद: 57-71 कांग्रेस: 11-14 अन्य: 13-18
इस आंकड़े से स्पष्ट होता है कि एनडीए गठबंधन बहुमत के करीब है, जबकि महागठबंधन और विशेषकर कांग्रेस की स्थिति चिंता जनक है।
निष्कर्ष
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में तेजस्वी यादव और राजद के लिए सबसे बड़ी चुनौती कांग्रेस की कमजोर कड़ी और एनडीए की मजबूती है। नीतीश कुमार की लोकप्रियता और मजबूत संगठनात्मक आधार, भाजपा और जेडीयू के लिए बढ़त बनाए रख सकते हैं।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यदि कांग्रेस अपने रणनीति में बदलाव नहीं करती और जनता को जोड़ने में सफल नहीं होती, तो महागठबंधन के लिए यह चुनाव कठिन साबित हो सकता है। बिहार के मतदाता इस बार वास्तविक नेतृत्व, जमीन की पकड़ और रणनीति की समझ पर वोट करेंगे, न कि केवल आरोप-प्रचार पर।
इस चुनावी माहौल में तेजस्वी यादव के लिए यह स्पष्ट है कि सीएम की कुर्सी निहारते रहना ही नहीं, बल्कि जमीन पर मजबूत पकड़ बनाना भी जरूरी है। बिहार का चुनावी रण, कांग्रेस की कमजोर स्थिति और एनडीए की बढ़त के बीच बेहद रोमांचक और निर्णायक साबित होने वाला है।
Source: News 18