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बिहार वोटर लिस्ट में बांग्लादेशी-नेपाली घुसपैठियों के नाम, EC की बड़ी कार्रवाई

बिहार वोटर लिस्ट में बांग्लादेशी-नेपाली घुसपैठियों के नाम, EC की बड़ी कार्रवाई

बिहार वोटर लिस्ट में बांग्लादेशी-नेपाली घुसपैठियों के नाम, EC की बड़ी कार्रवाई

बिहार वोटर लिस्ट में बांग्लादेशी-नेपाली घुसपैठियों के नाम, EC की बड़ी कार्रवाई

12:00 AM, Jul 14, 2025

O News हिंदी Desk

बिहार की वोटर लिस्ट में घुसपैठियों की घुसपैठ! EC की सख्ती से हड़कंप – 30 सितंबर से पहले हटाए जाएंगे बांग्लादेशी, नेपाली और म्यांमारी नाम

पटना:बिहार की मतदाता सूची में सामने आया एक बड़ा खुलासा राजनीतिक और सामाजिक हलकों में बहस का विषय बन गया है।

विशेष गहन संशोधन प्रक्रिया (SIR)के दौरान बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) ने वोटर लिस्ट मेंबांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार से आए अवैध प्रवासियों के नामपाए हैं।

चुनाव आयोग अब इनफर्जी मतदाताओंको सूची से बाहर करने की तैयारी में है।

चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार,1 अगस्त 2025को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की जाएगी, और30 सितंबर 2025को अंतिम सूची प्रकाशित होगी।

जिन लोगों की नागरिकता संदिग्ध है या जो आवश्यक दस्तावेज नहीं दे पाएंगे, उनके नाम सूची से हटा दिए जाएंगे।

बिहार में कुल मतदाता:फिलहाल राज्य में7.89 करोड़ वोटरदर्ज हैं। परंतु इस नई कार्यवाही से कईफर्जी नामों की पहचानऔर उन्हें हटाने की प्रक्रिया तेज हो चुकी है।

इन दस्तावेजों से साबित करें नागरिकता:

  1. जन्म प्रमाण पत्र या स्कूल प्रमाण पत्र
  2. पासपोर्ट या एनआरसी
  3. पेंशन/सरकारी पहचान पत्र
  4. बैंक या एलआईसी द्वारा 1987 से पहले जारी दस्तावेज
  5. राज्य सरकार का आवास या ज़मीन प्रमाण पत्र
  6. जाति प्रमाण पत्र और परिवार रजिस्टर

राजनीतिक बवाल भी शुरू:इस प्रक्रिया परविपक्षी दलोंने सवाल उठाते हुए इसेगरीबों और प्रवासी मजदूरों को वोट से वंचित करने की साजिशकरार दिया है। विपक्ष का कहना है किदस्तावेज जुटाना गरीबों के लिए कठिनहै, और इससे उनका नाम भी गलत तरीके से हट सकता है।

चुनाव आयोग की सफाई:EC ने स्पष्ट किया कि यह अभियान सिर्फमतदाता सूची को पारदर्शीबनाने के लिए है, ताकि देश केवास्तविक नागरिकों को ही मतदान का अधिकारमिले।

घुसपैठ की गंभीरता:यह मामला इसलिए भी संवेदनशील है क्योंकिनेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार से लोग अक्सर सीमा पार कर बिहार में बस जाते हैं।

काम-धंधे के लिए आने वाले ये लोगफर्जी दस्तावेजों से वोटर बन जाते हैं, जो लोकतंत्र कीनिष्पक्षता पर सवालउठाता है।

EC की अपील:चुनाव आयोग ने सभी नागरिकों से25 जुलाई तक दस्तावेज जमा करनेऔर30 अगस्त तक दावे-आपत्तियाँ करनेकी अपील की है, ताकि उनका नाम सुरक्षित रहे।

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