ब्राह्मण के हाथ मे ही होगा BJP का बागडोर.! BJP अध्यक्ष के लिए इनका नाम तय.?
बीजेपी को नवरात्रि में नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है। जेपी नड्डा, दिनेश शर्मा और देवेंद्र फडणवीस रेस में शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार इस बार ब्राह्मण नेता को ही अध्यक्ष बनाया जाएगा।

ब्राह्मण के हाथ मे ही होगा BJP का बागडोर.!
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2:13 PM, Sep 17, 2025
O News हिंदी Desk
ब्राह्मण ही होगा अगला बीजेपी अध्यक्ष! उपराष्ट्रपति चुनाव ने बदला समीकरण, नवरात्रि में फाइनल होगा नाम?
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (BJP) में बड़ा संगठनात्मक बदलाव अब ज्यादा दूर नहीं दिख रहा। सूत्रों के अनुसार, श्राद्ध या पितृपक्ष के बाद और नवरात्रि के दौरान पार्टी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है। दिलचस्प बात यह है कि इस बार अध्यक्ष पद के लिए सबसे आगे ब्राह्मण चेहरे ही हैं। पार्टी के भीतर जातिगत संतुलन को देखते हुए यह माना जा रहा है कि उपराष्ट्रपति पद पर सी.पी. राधाकृष्णन (OBC) के आने और राष्ट्रपति पद पर आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू के बैठने के बाद बीजेपी अब अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी किसी ब्राह्मण नेता को ही सौंपना चाहती है।
पार्टी सूत्रों और संघ (RSS) से जुड़े लोगों का कहना है कि हालिया राजनीतिक घटनाक्रम ने पूरा गणित बदल दिया है। यही वजह है कि अध्यक्ष पद की रेस में अभी तीन नाम सबसे ज्यादा चर्चा में हैं — जेपी नड्डा, दिनेश शर्मा और देवेंद्र फडणवीस।
क्यों ब्राह्मण अध्यक्ष पर टिक रहा बीजेपी का भरोसा?
बीजेपी की राजनीति में जातीय समीकरण हमेशा से अहम भूमिका निभाते रहे हैं। 2014 और 2019 की जीत के बाद पार्टी ने दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग से शीर्ष पदों पर नेताओं को मौका दिया।
- राष्ट्रपति पद: रामनाथ कोविंद (दलित) और फिर द्रौपदी मुर्मू (आदिवासी महिला)।
- उपराष्ट्रपति: हाल ही में सी.पी. राधाकृष्णन (OBC)।
- प्रधानमंत्री: नरेंद्र मोदी (OBC)।
ऐसे में संगठनात्मक संतुलन बनाने के लिए यह लगभग तय माना जा रहा है कि पार्टी अब ब्राह्मण नेतृत्व को आगे करेगी। संघ के भी करीबी सूत्र मानते हैं कि यह कदम न सिर्फ जातीय गणित मजबूत करेगा बल्कि पार्टी के ब्राह्मण वोट बैंक को और ज्यादा स्थिर करेगा।
नड्डा फिर से अध्यक्ष?
सबसे ज्यादा चर्चा जेपी नड्डा के नाम की है। वे मौजूदा अध्यक्ष हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा गृहमंत्री अमित शाह दोनों के साथ उनकी अच्छी ट्यूनिंग जानी जाती है।
- कार्यक्षकाल की स्थिति: नड्डा का औपचारिक कार्यकाल पूरा हो चुका है, लेकिन संगठन ने उन्हें विस्तार दिया है।
- संविधान के अनुसार: कोई भी व्यक्ति अधिकतम दो कार्यकाल तक अध्यक्ष रह सकता है। नड्डा अब तक केवल एक ही कार्यकाल में गिने जाते हैं।
- संभावना: सूत्रों का कहना है कि नड्डा औपचारिक रूप से इस्तीफा देंगे और फिर उन्हें दोबारा अध्यक्ष चुन लिया जाएगा।
इस तरह, नड्डा का नाम सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है।

JP Nadda
दिनेश शर्मा: यूपी का ब्राह्मण चेहरा
दूसरे बड़े दावेदार दिनेश शर्मा हैं।
- पृष्ठभूमि: राज्यसभा सांसद, यूपी के पूर्व उपमुख्यमंत्री और संघ से गहरा नाता।
- अनुभव: बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके हैं और गुजरात जैसे अहम राज्य में महासचिव संगठन की भूमिका भी निभा चुके हैं।
- लोकप्रियता: लखनऊ के मेयर रहते हुए उन्हें पार्टी में एक सशक्त ब्राह्मण चेहरा माना गया।
यूपी में बीजेपी का सबसे बड़ा राजनीतिक किला है, और वहां के ब्राह्मण समीकरण को देखते हुए शर्मा का नाम गंभीरता से लिया जा रहा है।

Dinesh Sharma
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फडणवीस: सबसे चौंकाने वाला नाम
तीसरा नाम है देवेंद्र फडणवीस का, जो महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
- राजनीतिक करियर: फडणवीस ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में पार्टी को ऐतिहासिक जीत दिलाई।
- भविष्य की रणनीति: अगर उन्हें अध्यक्ष बनाया जाता है तो पार्टी की नई पीढ़ी को राष्ट्रीय स्तर पर लाने का संदेश जाएगा।
- समीकरण: सूत्रों का कहना है कि फडणवीस के अध्यक्ष बनने पर महाराष्ट्र में उनकी जगह पार्टी महासचिव और बिहार प्रभारी विनोद तावड़े को सीएम बनाया जा सकता है, जो OBC समुदाय से आते हैं।
यह कदम महाराष्ट्र में बीजेपी के जातीय समीकरण को और मजबूत कर सकता है।

Devendra Fadanvis
संघ और बीजेपी की मीटिंग्स का संकेत
सूत्र बताते हैं कि पिछले कुछ हफ्तों में बीजेपी और आरएसएस के शीर्ष नेताओं की कम से कम दो अहम बैठकें हो चुकी हैं। इनमें इस बात पर सहमति बनी है कि पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्राह्मण ही होना चाहिए।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह फैसला लोकसभा चुनाव 2029 और उससे पहले होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए रणनीतिक दृष्टि से भी बेहद अहम होगा।
कब होगा ऐलान?
पार्टी के अंदर चर्चा है कि नया अध्यक्ष श्राद्ध पक्ष के बाद और नवरात्रि के दौरान चुना जा सकता है। यह समय धार्मिक और राजनीतिक दोनों दृष्टि से शुभ माना जाता है। साथ ही, बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले यह फैसला पार्टी का मनोबल बढ़ाने के लिए भी महत्वपूर्ण होगा।
राजनीतिक संदेश क्या होगा?
बीजेपी का यह फैसला कई संदेश देगा:
- ब्राह्मण वोट बैंक को साधना: उत्तर भारत और महाराष्ट्र में ब्राह्मण समुदाय की अहम भूमिका है।
- संतुलन की राजनीति: जब शीर्ष पदों पर OBC, दलित और आदिवासी नेता मौजूद हैं, तब अध्यक्ष पद पर ब्राह्मण चेहरा पार्टी के जातीय संतुलन को और मजबूत करेगा।
- 2029 की तैयारी: संगठनात्मक मजबूती और नेतृत्व में निरंतरता बनाए रखना, खासकर जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2029 के बाद सक्रिय राजनीति में रहेंगे या नहीं, इस पर अनिश्चितता बनी रहती है।
निष्कर्ष
बीजेपी का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा, यह सवाल पार्टी और संघ दोनों के लिए बेहद अहम है। अभी तक जो संकेत मिल रहे हैं, उनमें जेपी नड्डा सबसे आगे दिखते हैं, लेकिन दिनेश शर्मा और देवेंद्र फडणवीस भी बराबरी से चर्चा में हैं।
नवरात्रि के दौरान जब इसका ऐलान होगा, तब साफ हो जाएगा कि पार्टी अपने पुराने और अनुभवी चेहरे पर भरोसा जताती है या फिर किसी नए नेतृत्व को सामने लाती है। लेकिन एक बात तय है — इस बार बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्राह्मण ही होगा।