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ED Raids: सीमा हैदर और सचिन के नाम पर 650 करोड़ का ITC Scam, फर्जी कंपनियों का बड़ा खेल

ED Raids ITC Scam 2025: प्रवर्तन निदेशालय ने 650 करोड़ रुपए के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट घोटाले का भंडाफोड़ किया। आरोपियों ने सीमा हैदर और सचिन के नाम पर फर्जी कंपनियां बनाकर टैक्स चोरी और हवाला कारोबार किया। जानिए पूरा मामला।

ED Raids: सीमा हैदर और सचिन के नाम पर 650 करोड़ का ITC Scam, फर्जी कंपनियों का बड़ा खेल

सीमा हैदर और सचिन

delhi

11:44 AM, Sep 11, 2025

O News हिंदी Desk

650 करोड़ का ITC घोटाला: सीमा हैदर और सचिन के नाम पर हुआ खेल, ईडी की बड़ी कार्रवाई

नई दिल्ली/इटानगर। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बार फिर बड़ा एक्शन लिया है। इस बार मामला जुड़ा है 650 करोड़ रुपए के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) घोटाले से, जिसने देशभर में हड़कंप मचा दिया है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस खेल में पाकिस्तान मूल की सीमा हैदर और उसके भारतीय पति सचिन का नाम भी सामने आया है। ईडी की जांच में पता चला है कि इन दोनों के नाम का इस्तेमाल फर्जी कंपनियां बनाकर और नकली दस्तावेज तैयार करके करोड़ों का घोटाला किया गया।

ईडी की छापेमारी से उठा पर्दा

ईडी ने बुधवार सुबह करीब 5 बजे से दिल्ली, हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना समेत कई राज्यों में ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू की। इस दौरान ईडी को कई अहम दस्तावेज, फर्जी कंपनियों के रजिस्ट्रेशन पेपर्स और हवाला लेनदेन से जुड़े सबूत मिले हैं। जांच एजेंसी को शक है कि फर्जी आईटीसी से हासिल पैसा हवाला और अन्य अवैध कारोबारों में लगाया गया है।

ईडी अधिकारियों के अनुसार, आरोपी गिरोह ने दर्जनों शेल कंपनियां बनाकर और फर्जी बिलिंग करके सरकार से 650 करोड़ रुपए का फायदा उठाया। इनमें से ज्यादातर कंपनियां कागजों पर ही मौजूद थीं, जिनका कोई असली कारोबार नहीं था।

सीमा हैदर और सचिन के नाम से बना फर्जीवाड़ा

मामले की सबसे बड़ी सनसनी यह है कि कुछ आरोपियों ने सीमा हैदर और उसके पति सचिन के नाम का इस्तेमाल किया। सीमा हैदर, जो पिछले साल भारत आने के बाद से लगातार सुर्खियों में रही है, इस बार एक बड़े टैक्स घोटाले में चर्चा का विषय बनी है। ईडी की जांच में सामने आया है कि बिहार के दरभंगा जिले के रहने वाले दो चार्टर्ड अकाउंटेंट भाइयों – आशुतोष झा और विपिन झा – ने सीमा और सचिन के नाम से फर्जी आईडी तैयार की थी।

इन दोनों भाइयों ने सीमा हैदर और सचिन की तस्वीरें लगाकर कंपनी डायरेक्टर की नकली प्रोफाइल बनाई और उनके नाम पर शेल कंपनियां खोल दीं। इन कंपनियों के जरिए इनपुट टैक्स क्रेडिट का घोटाला किया गया। अरुणाचल प्रदेश पुलिस ने 2024 में इन दोनों भाइयों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था, जब उन पर 100 करोड़ के आईटीसी घोटाले का आरोप लगा था।

सिद्धिविनायक ट्रेड मर्चेंट का कनेक्शन

जांच में एक और कंपनी का नाम सामने आया है – सिद्धिविनायक ट्रेड मर्चेंट, जिसे राहुल जैन नामक शख्स चलाता है। आरोप है कि इसी कंपनी के जरिए सीमा हैदर और सचिन की फर्जी पहचान का इस्तेमाल किया गया। फर्जी कंपनियों के जरिए न सिर्फ टैक्स चोरी हुई बल्कि राज्य सरकार को भी भारी नुकसान पहुंचा। इटानगर पुलिस ने इस मामले में 99.21 करोड़ रुपए के गबन का केस दर्ज किया था।

कैसे हुआ 650 करोड़ का खेल?

इस पूरे घोटाले का तरीका बेहद सुनियोजित था। सबसे पहले आरोपियों ने कई शेल कंपनियां बनाई। फिर उन कंपनियों के जरिए ऐसे बिल तैयार किए गए जिनके पीछे असली कारोबार मौजूद ही नहीं था। इन फर्जी बिलों के आधार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा किया गया।

उदाहरण के तौर पर, अगर किसी कंपनी ने 100 करोड़ रुपए की सप्लाई दिखाई, तो सरकार को उस पर टैक्स क्रेडिट देना पड़ता है। जबकि हकीकत में ऐसी कोई सप्लाई हुई ही नहीं। इसी तरीके से सरकार से 650 करोड़ रुपए का टैक्स क्रेडिट फर्जीवाड़े से ले लिया गया।

ईडी को शक है कि इस घोटाले से निकले पैसे का इस्तेमाल हवाला कारोबार, नकली निवेश योजनाओं और अन्य आपराधिक गतिविधियों में किया गया। जांच एजेंसी के अनुसार, आरोपी नेटवर्क ने देशभर में फैले हवाला कारोबारियों के जरिए पैसे को घुमाया और सफेद करने की कोशिश की।

सीमा हैदर का नाम क्यों आया?

जांच एजेंसी के अधिकारियों का कहना है कि सीमा हैदर और सचिन के नाम का इस्तेमाल सिर्फ एक ढाल की तरह किया गया। असल में घोटाले के पीछे का दिमाग और नेटवर्क अलग था, लेकिन पहचान छुपाने और पुलिस व टैक्स विभाग को भ्रमित करने के लिए इन दोनों के नाम का सहारा लिया गया।

हालांकि, यह अब भी साफ नहीं हो पाया है कि सीमा और सचिन को इस फर्जीवाड़े की जानकारी थी या नहीं। ईडी का कहना है कि इस एंगल की जांच भी की जाएगी।

हाई-प्रोफाइल केस बनने की संभावना

इस पूरे मामले ने एक बार फिर आईटीसी घोटालों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पहले भी कई राज्यों में फर्जी कंपनियों के जरिए इनपुट टैक्स क्रेडिट का दुरुपयोग सामने आता रहा है। लेकिन इस बार मामला हाई-प्रोफाइल हो गया है क्योंकि इसमें सीमा हैदर और सचिन जैसे चर्चित नाम जुड़ गए हैं।

ईडी की कार्रवाई के बाद राजनीतिक हलकों में भी हलचल मच गई है। विपक्ष का कहना है कि सरकार टैक्स चोरी रोकने में नाकाम रही है, जबकि सत्ता पक्ष इसे एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देख रहा है कि ईडी ने समय रहते घोटाले का पर्दाफाश कर दिया।

आगे क्या?

ईडी ने इस मामले से जुड़े दर्जनों आरोपियों की लिस्ट तैयार कर ली है। आने वाले दिनों में बड़े बिजनेसमैन और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स से पूछताछ की जा सकती है। वहीं, यह भी देखा जाएगा कि इस घोटाले से निकले पैसे का इस्तेमाल किन-किन जगहों पर किया गया।

फिलहाल ईडी ने जो सबूत जब्त किए हैं, उनकी फोरेंसिक जांच कराई जाएगी और डिजिटल डाटा की मदद से इस घोटाले की असली जड़ तक पहुंचने की कोशिश होगी।

निष्कर्ष

650 करोड़ रुपए का यह आईटीसी घोटाला सिर्फ टैक्स चोरी का मामला नहीं है, बल्कि यह बताता है कि कैसे फर्जी कंपनियों और नकली आईडी के सहारे एक बड़ा माफिया नेटवर्क खड़ा हो चुका है। सीमा हैदर और सचिन के नाम का इस्तेमाल इस घोटाले को और ज्यादा सनसनीखेज बना देता है। आने वाले दिनों में इस केस में कई और बड़े खुलासे होने की संभावना है।

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