Gold Price Today: फेडरल रिजर्व की चाल से सोना लुढ़का, चांदी भी टूटी – क्या अब बढ़ेंगे दाम?
Gold Rate Today 18 September 2025: फेड की पॉलिसी और डॉलर की मजबूती से सोना 600 रुपये टूटा, चांदी भी 600 रुपये सस्ती हुई। क्या अब गोल्ड फिर महंगा होगा? जानें ताज़ा भाव और एक्सपर्ट्स की राय।

Gold Price Today (PICS-AI)
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1:47 PM, Sep 18, 2025
O News हिंदी Desk
Gold Rate Today: फेड की पॉलिसी से सोना 600 रुपये टूटा, चांदी भी लुढ़की – जानें ताज़ा भाव
नई दिल्ली, 18 सितंबर 2025 (Onews Hindi): अगर आप सोने-चांदी में निवेश करने की सोच रहे हैं या फिर घर के लिए गहनों की खरीदारी का प्लान बना रहे हैं, तो आज का दिन आपके लिए राहत भरी खबर लेकर आया है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) की ब्याज दरों में कटौती और डॉलर की मजबूती का सीधा असर भारतीय बाजार में सोने और चांदी की कीमतों पर देखने को मिला है। घरेलू बाजार (Domestic Market) में आज सोना 600 रुपये से ज्यादा टूटा, जबकि चांदी भी 600 रुपये तक सस्ती हो गई।
सोना 600 रुपये टूटा – जानें MCX पर ताज़ा रेट
भारतीय मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर अक्टूबर डिलीवरी वाले सोने का भाव आज 612 रुपये यानी 0.56% की गिरावट के साथ ₹1,09,210 प्रति 10 ग्राम पर आ गया। वहीं, दिसंबर डिलीवरी का कॉन्ट्रैक्ट भी 566 रुपये लुढ़ककर ₹1,10,300 प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ।
विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों ने फेड की पॉलिसी और डॉलर इंडेक्स (Dollar Index) की मजबूती को देखते हुए प्रॉफिट बुकिंग की, जिससे गोल्ड कॉन्ट्रैक्ट पर दबाव बना।
चांदी भी हुई सस्ती
सोने की तरह चांदी की कीमतों में भी आज गिरावट दर्ज की गई। MCX पर दिसंबर डिलीवरी की चांदी 604 रुपये टूटकर ₹1,26,380 प्रति किलो पर पहुंच गई। वहीं, अगले साल मार्च कॉन्ट्रैक्ट में चांदी 630 रुपये की गिरावट के साथ ₹1,27,985 प्रति किलो पर ट्रेड हुई।
चांदी के दाम में यह गिरावट भी डॉलर की मजबूती और ग्लोबल मार्केट के दबाव की वजह से आई है।
ग्लोबल मार्केट में सोने-चांदी पर दबाव
अंतरराष्ट्रीय बाजार (International Gold & Silver Market) में भी सोना-चांदी कमजोर नजर आए।
- दिसंबर डिलीवरी का गोल्ड फ्यूचर्स 28.05 डॉलर यानी 0.75% गिरकर 3,689.75 डॉलर प्रति औंस पर आ गया।
- सिल्वर फ्यूचर्स भी 1.05% गिरकर 41.71 डॉलर प्रति औंस पर ट्रेड हुआ।
ध्यान देने वाली बात यह है कि पिछले सेशन में सोना 3,744 डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था, लेकिन फेडरल रिजर्व की नई पॉलिसी और डॉलर की मजबूती ने इस रैली को रोक दिया।
फेड की पॉलिसी और डॉलर इंडेक्स का असर
अमेरिकी फेडरल रिजर्व (US Fed) ने इस साल पहली बार ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है और दरों को 4% से 4.25% के बीच कर दिया है। हालांकि, फेड चेयर जेरोम पॉवेल (Jerome Powell) ने साफ किया कि 2026 में ज्यादा नरमी की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। उन्होंने इसे “Risk Management Step” बताते हुए कहा कि अमेरिका का लेबर मार्केट कमजोर हो रहा है, इसीलिए ब्याज दरों में कटौती जरूरी थी।
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इसी बीच, डॉलर इंडेक्स (Dollar Index) भी 0.35% बढ़कर 97.21 पर पहुंच गया। डॉलर की यह मजबूती सीधे सोने-चांदी के दामों पर दबाव बना रही है।
निवेशकों के लिए क्या है संकेत?
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि अभी सोने और चांदी में वोलैटिलिटी बनी रहेगी।
- अगर फेड 2025 में और दो कटौती करता है, तो मीडियम टर्म में सोने को सपोर्ट मिलेगा।
- फिलहाल डॉलर की मजबूती और पॉलिसी पर अनिश्चितता की वजह से सोने-चांदी पर दबाव रहेगा।
- लंबी अवधि (Long-Term Investment) के लिए गोल्ड अभी भी सुरक्षित निवेश (Safe Haven Asset) माना जा रहा है।
भारत में गोल्ड-सिल्वर की डिमांड पर असर
भारत दुनिया का सबसे बड़ा सोना उपभोक्ता (Gold Consumer) है। शादियों और त्योहारों (Indian Wedding & Festival Season) में सोने की डिमांड बढ़ जाती है।
- अभी कीमतों में गिरावट आई है, जिससे ज्वैलरी शॉप्स और रिटेल मार्केट में खरीदारी बढ़ सकती है।
- हालांकि, अगर डॉलर मजबूत रहता है और ग्लोबल मार्केट दबाव में रहता है, तो कीमतों में उतार-चढ़ाव बना रहेगा।
एक्सपर्ट्स का सुझाव
- शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स (Short Term Traders): फिलहाल सावधानी बरतें क्योंकि ग्लोबल मार्केट में दबाव ज्यादा है।
- इन्वेस्टर्स (Investors): सोने में डिप (गिरावट) का फायदा उठाकर धीरे-धीरे निवेश बढ़ा सकते हैं।
- चांदी निवेशक (Silver Investors): इंडस्ट्रियल डिमांड और टेक्नोलॉजी सेक्टर से आने वाले महीनों में चांदी को सपोर्ट मिल सकता है।
निचोड़ (Conclusion)
फेड की पॉलिसी और डॉलर की मजबूती ने आज भारतीय बाजार में सोना और चांदी दोनों को नीचे खींच दिया है। सोना 600 रुपये से ज्यादा टूटा है और चांदी भी 600 रुपये लुढ़क गई है। हालांकि, मीडियम टर्म में ब्याज दरों में और कटौती होने पर गोल्ड को सपोर्ट मिल सकता है।
त्योहारी सीजन और शादियों के चलते घरेलू डिमांड (Domestic Demand) सोने की कीमतों को बैलेंस कर सकती है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे जल्दबाजी में बड़े फैसले न लें, बल्कि लॉन्ग टर्म गोल्स को ध्यान में रखकर निवेश करें।