जिन हिंदुओं ने वोट देकर सत्ता में बिठाया! उसी ने हनुमान जी को बताया फर्जी भगवान.!
अमेरिका के टेक्सास में बन रही 90 फुट हनुमान प्रतिमा पर रिपब्लिकन नेता अलेक्जेंडर डंकन का विवादित बयान, HAF और हिंदू समुदाय भड़का।

हनुमान जी को बताया फर्जी भगवान.!
delhi
11:55 AM, Sep 23, 2025
O News हिंदी Desk
हनुमान जी पर ट्रंप समर्थक का विवादित बयान: अमेरिका में हिंदू समुदाय भड़का, HAF ने रिपब्लिकन पार्टी से की कार्रवाई की मांग
वॉशिंगटन/टेक्सास। अमेरिका में हिंदू समुदाय इन दिनों बेहद आक्रोशित है। वजह है डोनाल्ड ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन (GOP) के एक नेता अलेक्जेंडर डंकन का विवादित बयान। टेक्सास राज्य में स्थापित की जा रही हनुमान जी की 90 फुट ऊंची प्रतिमा को लेकर डंकन ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी की— "हम टेक्सास में एक झूठे हिंदू भगवान की झूठी मूर्ति क्यों लगने दे रहे हैं? हम एक ईसाई राष्ट्र हैं!"
यह बयान सामने आते ही अमेरिका और भारत, दोनों जगह हिंदू समुदाय ने कड़ी नाराजगी जताई है। हिंदू अमेरिकन फॉउंडेशन (HAF) ने इसे "हिंदू-विरोधी, भड़काऊ और संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन" बताया है।
टेक्सास में बन रही ऐतिहासिक प्रतिमा
टेक्सास के सुगर लैंड में श्री अष्टलक्ष्मी मंदिर द्वारा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनियन’ नामक विशालकाय हनुमान प्रतिमा स्थापित की जा रही है।
- ऊंचाई: 90 फुट
- संरचना: कांस्य से निर्मित
- उद्देश्य: भक्ति, शक्ति और एकता का संदेश देना
अमेरिका में बसे लाखों हिंदुओं के लिए यह प्रतिमा सांस्कृतिक पहचान और धार्मिक आस्था का प्रतीक मानी जा रही है। लेकिन रिपब्लिकन नेता डंकन की टिप्पणी ने इस धार्मिक आयोजन पर विवाद की छाया डाल दी है।
अलेक्जेंडर डंकन कौन हैं?
अलेक्जेंडर डंकन, रिपब्लिकन पार्टी के नेता और डोनाल्ड ट्रंप के कट्टर समर्थक हैं। वे खुद को MAGA (Make America Great Again) विचारधारा का पैरोकार मानते हैं।
- डंकन का मानना है कि अमेरिका को एक शुद्ध ईसाई राष्ट्र बनना चाहिए।
- वे लगातार मुस्लिम विरोधी बयानबाजी भी करते रहे हैं।
- अब उन्होंने हिंदुओं की धार्मिक आस्था पर चोट पहुंचाते हुए हनुमान जी को “फर्जी भगवान” कहा।
हिंदू अमेरिकन फॉउंडेशन (HAF) का कड़ा रुख
डंकन के इस बयान पर HAF ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
- HAF ने रिपब्लिकन पार्टी से आंतरिक जांच और अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है।
- HAF ने X (ट्विटर) पर लिखा: "क्या टेक्सास GOP उस उम्मीदवार को अनुशासित करेगा जो भेदभाव विरोधी गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ा रहा है और हिंदू-विरोधी नफरत को बढ़ावा दे रहा है?"
सोशल मीडिया पर बवाल
डंकन की टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं।
- एक अमेरिकी यूजर ने लिखा: "आपको अपने धर्म पर विश्वास करने का अधिकार है, लेकिन दूसरों की मान्यताओं को झूठा कहना धार्मिक स्वतंत्रता नहीं है।"
- डॉक्टर ट्रेसी नाम की यूजर ने लिखा: "हिंदू जिहाद को बढ़ावा नहीं देते। हिंदू देवता मानवीय गुणों और सद्गुणों का प्रतिनिधित्व करते हैं। समस्या यह नहीं है।"
- जॉर्डन क्राउडर (सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर) ने लिखा: "वेद ईसा मसीह के जन्म से 2000 साल पहले लिखे गए थे और उनका ईसाई धर्म पर भी प्रभाव है। इसलिए हिंदू धर्म को झूठा कहना नासमझी है।"
अमेरिकी राजनीति और हिंदू वोट बैंक
अमेरिका में करीब 40 लाख हिंदू मूल के लोग रहते हैं। हाल के चुनावों में अधिकांश हिंदुओं ने रिपब्लिकन पार्टी और डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन किया था।
- लेकिन इस घटना के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या रिपब्लिकन पार्टी वास्तव में हिंदू समुदाय की भावनाओं का सम्मान करती है?
- राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर ऐसे विवादित बयान जारी रहे, तो हिंदू मतदाता पार्टी से दूरी बना सकते हैं।
भारत में भी गुस्सा
भारत में भी इस बयान की खबर आते ही सोशल मीडिया पर #IStandWithHanuman और #BoycottRepublican जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।
- कई यूजर्स ने लिखा कि अमेरिका में बसे हिंदुओं को अब डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर रुख करना चाहिए।
- भारतीय संत समाज और धार्मिक संगठनों ने भी डंकन के बयान को “गंभीर अपमान” बताया है।
धार्मिक स्वतंत्रता पर सवाल
अमेरिकी संविधान का पहला संशोधन हर नागरिक को धर्म और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है। ऐसे में डंकन की टिप्पणी न सिर्फ हिंदुओं का अपमान है, बल्कि अमेरिकी मूल्यों का भी उल्लंघन है।
- विशेषज्ञों का कहना है कि यदि पार्टी इस पर कठोर कदम नहीं उठाती, तो यह धार्मिक असहिष्णुता को बढ़ावा देगा।
- HAF ने चेतावनी दी है कि वे इस मुद्दे को कांग्रेस और अंतरराष्ट्रीय मंचों तक ले जाएंगे।
ट्रंप की पार्टी पर दबाव
रिपब्लिकन पार्टी पहले से ही मुस्लिम विरोधी बयानबाजी और धार्मिक कट्टरता के कारण आलोचनाओं का सामना कर रही है।
- अब हिंदुओं के खिलाफ आए इस बयान ने पार्टी की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
- पार्टी नेतृत्व पर दबाव है कि वे डंकन को या तो अनुशासित करें या चुनावी उम्मीदवार की सूची से बाहर करें।
निष्कर्ष
अलेक्जेंडर डंकन का यह बयान सिर्फ एक राजनीतिक विवाद नहीं है, बल्कि यह अमेरिकी समाज की बहुलता और धार्मिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। हनुमान जी की प्रतिमा हिंदुओं के लिए भक्ति और शक्ति का प्रतीक है, और उसका अपमान करना किसी भी सूरत में जायज नहीं ठहराया जा सकता।
अमेरिका जैसे देश, जो खुद को लोकतंत्र और धार्मिक स्वतंत्रता का ध्वजवाहक मानता है, वहां इस तरह की बयानबाजी चिंताजनक है। अब दुनिया की नजरें रिपब्लिकन पार्टी और डोनाल्ड ट्रंप पर हैं कि वे इस विवाद पर क्या रुख अपनाते हैं।
Source: Nbt