आईआईटीयन बाबा अभय सिंह: एक विलक्षण सफर, टॉपर से संन्यासी तक
आईआईटीयन बाबा अभय सिंह: एक विलक्षण सफर, टॉपर से संन्यासी तक

IIT Baba Viral Marksheet
12:00 AM, Mar 7, 2025
O News हिंदी Desk
IIT Baba Viral Marksheet:आईआईटीयन बाबा के नाम से मशहूर अभय सिंह इन दिनों सोशल मीडिया पर फिर चर्चा में हैं। इस बार वजह है उनकी 10वीं, 12वीं और जेईई परीक्षा की मार्कशीट, जो तेजी से वायरल हो रही है। उनकी शानदार शैक्षणिक पृष्ठभूमि और उसके बाद का सफर सभी को चौंका रहा है।
IIT Baba Abhay Singh: 10वीं, 12वीं और JEE Rank
डीएनए इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अभय सिंह ने 10वीं में 93% और 12वीं में 92.4% अंक प्राप्त किए थे, जो उनकी उत्कृष्ट शैक्षणिक क्षमता को दर्शाता है। 2008 में उन्होंने IIT-JEE परीक्षा दी औरऑल इंडिया रैंक (AIR) 731हासिल कर ली। इसके बाद उन्हें भारत के प्रतिष्ठित संस्थानIIT बॉम्बेमेंएयरोस्पेस इंजीनियरिंगमें दाखिला मिला।
IIT से कनाडा तक का सफर
आईआईटी बॉम्बे से 2012 में बी.टेक करने के बाद अभय सिंह ने कनाडा की एक प्राइवेट कंपनी में जॉब की। यहां तीन साल तक काम करने के दौरान उनकीसालाना सैलरी 36 लाख रुपयेथी। लेकिन इस दौड़भाग वाली जिंदगी से अलग, उन्होंने आत्म-खोज और दर्शन के मार्ग को चुनने का फैसला किया।
IIT Baba: टॉपर से संन्यासी बनने तक का सफर
आईआईटी बॉम्बे में अपने बैचमेट्स के बीच टॉपर माने जाने वाले अभय सिंह ने आगे चलकरडिजाइन में मास्टर्स (M.Des)भी किया और फोटोग्राफी में रुचि ली। लेकिन बाद में उन्होंने सांसारिक मोह छोड़कर सन्यास का मार्ग अपनाया। प्रयागराज महाकुंभ में जब उन्होंने सार्वजनिक रूप से खुद को 'आईआईटीयन बाबा' घोषित किया, तब से वह चर्चा का विषय बने हुए हैं।
IIT Baba: विवादों में भी रहे सुर्खियों में
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आईआईटियन बाबा का नाम अक्सर विवादों में भी आता रहा है। कभी जयपुर में गांजे के साथ गिरफ्तार होने की खबरें आईं, तो कभी किसी शो में विवादित बयान देने और मारपीट के कारण वह सुर्खियों में रहे।
सोशल मीडिया पर वायरल मार्कशीट की सच्चाई
अब उनकी 10वीं, 12वीं और जेईई परीक्षा की मार्कशीट वायरल हो रही है, जिस पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोग इसे प्रेरणादायक मान रहे हैं, तो कुछ इसे महज पब्लिसिटी स्टंट बता रहे हैं।
निष्कर्ष:
आईआईटीयन बाबा अभय सिंह की कहानी असाधारण है—जहां एक तरफ वह एक होनहार छात्र थे, वहीं दूसरी ओर उन्होंने आध्यात्मिकता की ओर रुख कर लिया। उनकी वायरल मार्कशीट एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर रही है कि क्या सफलता केवल करियर और पैसों से ही मापी जानी चाहिए, या फिर आत्म-खोज भी उतनी ही महत्वपूर्ण है?
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