शामली में मुस्लिम युवक ने भगवा चोला पहन हिंदू बनकर भीख मांगी, पकड़ा गया – हुआ बड़ा खुलासा
शामली में मुस्लिम युवक ने भगवा चोला पहन हिंदू बनकर भीख मांगी, पकड़ा गया – हुआ बड़ा खुलासा

शामली में मुस्लिम युवक ने भगवा चोला पहन हिंदू बनकर भीख मांगी, पकड़ा गया – हुआ बड़ा खुलासा Pics-ai
12:00 AM, Jul 12, 2025
O News हिंदी Desk
"शहजाद बना सोनू उपाध्याय: भगवा चोला पहनकर हिंदू समाज को धोखा देने की साजिश?"
O News Hindi
उत्तर प्रदेश केशामली जिलेमें एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने धर्म, पहचान और समाज की संवेदनाओं को झकझोर कर रख दिया है।एक मुस्लिम युवक ‘शहजाद’ ने खुद को हिंदू बताकर भगवा वस्त्र धारण किए और 'सोनू उपाध्याय' बनकर लोगों से भीख माँग रहा था।मामला झिंझाना थाना क्षेत्र के वेदखेड़ी गांव का है, जहाँ वह एक छोटे बच्चे के साथ संदिग्ध परिस्थितियों में घूम रहा था।
शक हुआ तो खुली पोल
स्थानीय लोगों को युवक की गतिविधियों पर शक हुआ, तो उन्होंने उसका नाम पूछा। युवक ने खुद को'सोनू उपाध्याय'बताया। लेकिन जब सख्ती से पूछताछ हुई और उसकी तलाशी ली गई, तोएक राशन कार्ड मिला, जिसमें उसका असली नाम‘शहजाद’और पताथानाभवन कस्बा, शामलीलिखा हुआ था।
इस खुलासे के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने युवक को पकड़ लिया और मौके पर हीपुलिस को सौंप दिया। ग्रामीणों ने आशंका जताई कि ये महज भीख मांगने का मामला नहीं, बल्किधार्मिक पहचान छुपाकर किसी गहरी साजिश या रेकी का हिस्सा भी हो सकता है।
संतों और समाज की प्रतिक्रिया
स्थानीय संतस्वामी यशवीर महाराजने इस घटना कोधार्मिक धोखा और हिंदू समाज को गुमराह करने की सुनियोजित साजिशबताया। उन्होंने कहा कि यह समाज की भावनाओं से खिलवाड़ है और ऐसे मामलों पर तुरंत और कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।
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पुलिस का क्या है कहना?
झिंझाना थाना प्रभारी ने कहा है कियुवक को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है, और सभी पहलुओं की निष्पक्ष जांच की जाएगी। यदि यह मामला सिर्फ भीख माँगने तक सीमित नहीं है, तोकड़ी धाराओं में केस दर्ज कर आगे की कार्रवाईकी जाएगी। पुलिस ने यह भी पुष्टि की है कि सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो कीफॉरेंसिक जांचकी जाएगी।
सोशल मीडिया पर बवाल
यह घटना जैसे ही सामने आई,सोशल मीडिया पर तूफान आ गया। लोग इस मामले को लेकरधार्मिक भावना से खिलवाड़औरगुप्त साजिशबता रहे हैं। हैशटैग #धर्मपरधोखा और #भगवाचोला_काअपमान ट्रेंड कर रहा है।
निष्कर्ष
इस घटना ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है किधार्मिक पहचान का दुरुपयोग किस हद तक बढ़ता जा रहा है। समाज की जिम्मेदारी बनती है कि वह सतर्क रहे और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना पुलिस को दे।