इंडोनेशिया हादसा: इस्लामिक स्कूल ढहा, 65 छात्र दबे
Indonesia Islamic School Collapse: सिदोअर्जो में इस्लामिक स्कूल ढहने से 65 से ज्यादा छात्र मलबे में दबे। बचाव अभियान जारी, कई घायल अस्पताल में भर्ती।

इस्लामिक स्कूल ढहा,
indonesia
1:33 PM, Sep 30, 2025
O News हिंदी Desk
इंडोनेशिया में बड़ा हादसा: इस्लामिक स्कूल की इमारत ढही, दर्जनों छात्र मलबे में दबे, बचाव अभियान जारी
Indonesia Islamic School Collapse News Update: इंडोनेशिया के सिदोअर्जो (Sidoarjo) शहर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। अल खोजिनी इस्लामिक बोर्डिंग स्कूल की इमारत अचानक ढह गई, जिसके मलबे में 65 से ज्यादा छात्रों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। हादसे में अब तक एक छात्र की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 99 से अधिक बच्चे घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराए गए हैं। इस घटना ने न सिर्फ इंडोनेशिया बल्कि पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है।
हादसा कैसे हुआ?
स्थानीय पुलिस प्रवक्ता जूल्स अब्राहम अबास्ट के मुताबिक, छात्र उस समय दोपहर की नमाज (Prayer) अदा कर रहे थे, जब अचानक इमारत भरभराकर गिर पड़ी। शुरुआती जांच में सामने आया है कि जर्जर प्रार्थना हॉल पर बिना अनुमति दो और मंजिलों का निर्माण किया जा रहा था। कमजोर नींव और पुरानी इमारत का ढांचा भारी कंक्रीट का भार नहीं सह पाया और पलभर में पूरी इमारत मलबे में तब्दील हो गई।
अधिकारियों का मानना है कि अनधिकृत निर्माण (Unauthorized Construction) और निर्माण मानकों की अनदेखी (Building Safety Negligence) इस हादसे की मुख्य वजह हो सकती है।
राहत और बचाव कार्य जारी
हादसे के तुरंत बाद सैकड़ों बचावकर्मी, पुलिस और सैन्यकर्मी मौके पर पहुंचे और राहत अभियान शुरू किया। भारी मशीनों और उपकरणों की मदद से मलबा हटाया जा रहा है। बचाव अधिकारी नानांग सिगिट ने बताया कि भारी कंक्रीट और अस्थिर हिस्से राहत कार्य में बड़ी बाधा बने हुए हैं।
उन्होंने कहा –
“हम मलबे में फंसे बच्चों तक ऑक्सीजन और पानी पहुंचा रहे हैं। कोशिश यही है कि उन्हें जीवित बाहर निकाला जा सके।”
रातभर की कड़ी मेहनत के बाद 8 घायल छात्रों को बाहर निकाला गया, जबकि मलबे में कई शव भी देखे गए हैं, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ने का अंदेशा है।
घायल बच्चों की हालत गंभीर
इस हादसे में घायल छात्रों की उम्र 12 से 17 वर्ष बताई जा रही है। अधिकतर बच्चे कक्षा 7 से 11 के छात्र हैं। स्थानीय अस्पतालों में 99 घायल छात्रों को भर्ती कराया गया है, जिनमें से कई की हालत नाजुक बताई जा रही है।
अस्पतालों में आपातकाल (Emergency Alert) घोषित कर दिया गया है और अतिरिक्त डॉक्टरों व नर्सों को ड्यूटी पर लगाया गया है।
परिवारों का मातम, इमारत के बाहर जमा भीड़
हादसे की खबर मिलते ही छात्रों के परिजन अस्पतालों और हादसे वाली जगह पर जमा हो गए। अपने बच्चों को खोजने की बेचैनी उनके चेहरों पर साफ झलक रही थी।
एक मां ने मीडिया से बात करते हुए कहा –
“हे भगवान… मेरा बेटा अभी भी मलबे में दबा है। कृपया उसे बचा लीजिए।”
परिजनों की चीख-पुकार और आंसुओं ने पूरे माहौल को और भी भयावह बना दिया।
हादसे के पीछे छुपी लापरवाही
इस घटना ने इंडोनेशिया में स्कूल बिल्डिंग सेफ्टी (School Building Safety in Indonesia) और अनधिकृत निर्माण पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अधिकारियों ने माना है कि अगर समय रहते नियमों का पालन किया गया होता तो शायद यह दुर्घटना टल सकती थी।
विशेषज्ञों का कहना है कि दक्षिण-पूर्व एशिया के कई देशों में पुराने ढांचों पर बिना सुरक्षा मानकों का पालन किए नए मंजिलें जोड़ दी जाती हैं, जो किसी भी समय बड़े हादसे का कारण बन सकती हैं।
स्थानीय प्रशासन और सरकार की प्रतिक्रिया
प्रांतीय प्रशासन ने इस हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। स्थानीय अधिकारियों ने कहा है कि इमारत ढहने के सही कारण का पता लगाने के लिए टेक्निकल सर्वे और स्ट्रक्चरल एनालिसिस कराया जाएगा।
सरकार ने पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। साथ ही इस हादसे के बाद अन्य स्कूलों और धार्मिक संस्थानों की इमारतों की सुरक्षा जांच भी कराए जाने की बात कही गई है।
क्यों उठ रहा है सवाल?
- क्या अनधिकृत निर्माण को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी इस हादसे की वजह बनी?
- क्या स्कूल प्रशासन ने सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया?
- क्या ऐसे पुराने भवनों को पहले ही खतरनाक घोषित कर बंद कर देना चाहिए था?
ये सवाल अब इंडोनेशिया ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बने हुए हैं।
ग्लोबल मीडिया की नजर
यह हादसा केवल इंडोनेशिया तक सीमित नहीं रहा। बीबीसी, एनडीटीवी, रॉयटर्स और अल-जज़ीरा जैसे बड़े अंतरराष्ट्रीय मीडिया हाउस लगातार इस खबर को कवर कर रहे हैं। दुनिया भर से लोग सोशल मीडिया पर संवेदनाएं जता रहे हैं और सरकार से जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
Video Courtsy Breaking News World
🚨 BREAKING
— Breaking News World (@WorldAlertHi) September 30, 2025
School building collapses in Indonesia — around 65 students trapped under debris, local officials say.
Rescue operations underway.#Indonesia #BreakingNews pic.twitter.com/5vL8MJsX6I
वीडियो ने झकझोरा दिल
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में साफ दिख रहा है कि कैसे बच्चे मलबे के नीचे दबे हुए हैं और बाहर से लोग टॉर्च दिखाकर उन्हें ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं। एक अन्य वीडियो में देखा जा सकता है कि पूरी इमारत अचानक ढह जाती है और चारों ओर धूल-धुआं फैल जाता है।
इन वीडियो ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है।
Video @JLANoticias
Un internado se derrumbó en la provincia indonesia de Java Oriental, mientras los alumnos rezaban en la planta baja del edificio. El incidente dejó “un número incierto” de víctimas 🇮🇩🏫☠️
— José Luis Arévalo (@JLANoticias) September 30, 2025
Fuente: X: @InfoFPMKI#Indonesia #JavaOriental #JLANoticias #NoticiasInternacionales pic.twitter.com/nrtkyTZuNJ
भविष्य के लिए सबक
यह हादसा हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर हम कितने गंभीर हैं। शिक्षा संस्थानों की इमारतों को लेकर सख्त मानक बनाए गए हैं, लेकिन अगर उनका पालन नहीं किया जाएगा तो ऐसी त्रासदियां बार-बार दोहराई जाती रहेंगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि –
- जर्जर स्कूलों का तुरंत निरीक्षण होना चाहिए।
- बिना अनुमति निर्माण पर कड़ी सजा होनी चाहिए।
- सरकार को स्ट्रक्चरल सेफ्टी ऑडिट हर साल अनिवार्य करना चाहिए।
निष्कर्ष
Indonesia Islamic School Collapse सिर्फ एक हादसा नहीं बल्कि एक चेतावनी है। यह घटना दिखाती है कि कैसे लापरवाही और गैरजिम्मेदारी मासूम बच्चों की जान पर भारी पड़ सकती है।
फिलहाल, बचाव अभियान जारी है और उम्मीद की जा रही है कि और भी बच्चों को जिंदा बाहर निकाला जा सके। लेकिन इस हादसे ने कई परिवारों से उनके नन्हें-मुन्नों को हमेशा के लिए छीन लिया है।
इंडोनेशिया की यह त्रासदी दुनिया भर के लिए एक कड़ा सबक (Lesson for the World) है कि बच्चों की सुरक्षा के मामले में कोई भी समझौता मौत को न्योता देने जैसा है।
Source: Prabhat khabar