जॉन बोल्टन का बड़ा खुलासा: ट्रंप- मोदी की दोस्ती क्यों टूटी? जानें टैरिफ विवाद का असर
अमेरिका के पूर्व NSA जॉन बोल्टन ने कहा- ट्रंप और मोदी की दोस्ती टैरिफ विवाद की वजह से खत्म हुई। ट्रंप की नीतियों ने भारत को रूस-चीन की ओर धकेला। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

दोस्ती की आड़ में धोखा? ट्रंप पर फूटा पूर्व NSA बोल्टन का गुस्सा,
भारत
11:34 AM, Sep 5, 2025
O News हिंदी Desk
दोस्ती की आड़ में धोखा? ट्रंप पर फूटा पूर्व NSA बोल्टन का गुस्सा, कहा- “मोदी के साथ जो किया, उसने रिश्ते तोड़ डाले”
नई दिल्ली। अमेरिका-भारत संबंधों को लेकर बड़ा खुलासा सामने आया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जॉन बोल्टन (John Bolton) ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच गहरी दोस्ती थी, लेकिन टैरिफ विवाद ने इन रिश्तों को पूरी तरह तोड़ दिया।
बोल्टन ने ब्रिटिश मीडिया पोर्टल LBC को दिए इंटरव्यू में कहा कि ट्रंप अपने अंतरराष्ट्रीय संबंधों को नेताओं से निजी रिश्तों की नजर से देखते थे। इसी कारण मोदी के साथ उनकी मजबूत दोस्ती भी आर्थिक विवादों की भेंट चढ़ गई।
क्या बोले जॉन बोल्टन?
जॉन बोल्टन ने कहा-
- “व्यक्तिगत रूप से ट्रंप और मोदी के बीच शानदार रिश्ते थे। लेकिन अब यह रिश्ता पूरी तरह खत्म हो चुका है।”
- “यह सभी देशों के लिए एक सबक है, खासकर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर (Keir Starmer) के लिए। क्योंकि व्यक्तिगत रिश्ता आपको बड़े संकट से नहीं बचा सकता।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि ट्रंप, पुतिन और अन्य नेताओं के साथ भी निजी रिश्तों को ही अंतरराष्ट्रीय नीति का आधार मानते थे, लेकिन यह तरीका लंबे समय तक टिकाऊ नहीं है।
टैरिफ विवाद बना तनाव की वजह
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बोल्टन ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि ट्रंप के टैरिफ फैसले ने अमेरिका-भारत संबंधों को दशकों पीछे धकेल दिया। ट्रंप प्रशासन द्वारा भारतीय सामानों पर 50% तक आयात शुल्क (Tariff) लगाने से दोनों देशों के रिश्ते बिगड़ गए।
उनके अनुसार, “व्हाइट हाउस की नीतियों ने मोदी को रूस और चीन के करीब ला दिया है। बीजिंग खुद को अमेरिका और ट्रंप के विकल्प के रूप में पेश कर रहा है।”
भारत-अमेरिका रिश्तों पर असर
- ट्रंप प्रशासन के दौरान कई बार व्यापार युद्ध (Trade War) जैसे हालात बने।
- भारत ने कहा था कि टैरिफ पर अमेरिका से बातचीत चल रही है, लेकिन ट्रंप अपने फैसले से पीछे हटने को तैयार नहीं थे।
- विशेषज्ञ मानते हैं कि यही वजह थी कि रणनीतिक साझेदारी में दूरी बढ़ गई और चीन ने इस खाली जगह को भरने की कोशिश की।
क्या होगा आगे?
बोल्टन का यह खुलासा ऐसे समय में आया है जब ट्रंप 17 से 19 सितंबर तक ब्रिटेन दौरे पर रहने वाले हैं। वहीं, अमेरिकी राजनीति में ट्रंप की वापसी की चर्चा भी तेज है। ऐसे में बोल्टन का बयान न केवल अमेरिका-भारत रिश्तों को लेकर सवाल खड़े करता है, बल्कि आने वाले समय में कूटनीतिक समीकरणों को भी प्रभावित कर सकता है।