काशी दर्शन अब बिल्कुल फ्री: सरकार लाई नई धार्मिक यात्रा योजना,
तमिलनाडु सरकार ने 60–70 वर्ष के हिंदू वरिष्ठ नागरिकों के लिए मुफ्त धार्मिक यात्रा योजना शुरू की है। रामेश्वरम से काशी तक ट्रेन टिकट, रहना और खाना सब फ्री मिलेगा। जानें कैसे करें आवेदन और क्या है पात्रता।

काशी दर्शन अब बिल्कुल फ्री
delhi
8:03 PM, Sep 15, 2025
O News हिंदी Desk
काशी दर्शन अब बिल्कुल फ्री: तमिलनाडु सरकार लाई नई धार्मिक यात्रा योजना, बुजुर्ग श्रद्धालुओं को मिलेगा फायदा
भारत जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध देश में तीर्थयात्रा सिर्फ आस्था का विषय नहीं है, बल्कि यह समाज को जोड़ने और बुजुर्गों को मानसिक शांति देने का साधन भी है। यही वजह है कि कई राज्य सरकारें समय-समय पर वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त धार्मिक यात्रा योजनाओं का लाभ देती रही हैं। इसी कड़ी में अब तमिलनाडु सरकार ने एक अनोखी पहल की है। इस योजना के तहत राज्य के बुजुर्ग श्रद्धालु अब रामेश्वरम से वाराणसी (काशी) तक की यात्रा बिल्कुल मुफ्त कर सकेंगे। इसमें ट्रेन टिकट, ठहरने और खाने-पीने की सुविधा तक पूरी तरह सरकारी खर्चे पर होगी।
क्या है तमिलनाडु सरकार की नई योजना?
तमिलनाडु सरकार ने इस योजना की घोषणा करते हुए कहा है कि 60 से 70 वर्ष आयु वर्ग के हिंदू वरिष्ठ नागरिक इसमें आवेदन कर सकते हैं। योजना के अनुसार, चयनित श्रद्धालुओं को 10 दिन की आध्यात्मिक यात्रा कराई जाएगी।
- यात्रा की शुरुआत रामेश्वरम से होगी, जहां स्नान और दर्शन का अवसर मिलेगा।
- इसके बाद श्रद्धालुओं को ट्रेन से काशी (वाराणसी) ले जाया जाएगा।
- वाराणसी दर्शन और गंगा स्नान के बाद उन्हें वापस रामेश्वरम लाया जाएगा।
सरकार ने इस योजना के लिए मार्च 2026 तक कुल 600 श्रद्धालुओं को यात्रा कराने का लक्ष्य तय किया है।
किसे मिलेगा लाभ?
यह योजना विशेष रूप से उन बुजुर्गों के लिए है जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है और जो जीवन भर काशी जाने का सपना देखते हैं, लेकिन खर्च उठाने में सक्षम नहीं होते।
पात्रता की मुख्य शर्तें:
- आवेदक हिंदू धर्म से होना चाहिए।
- आयु 60 से 70 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- वार्षिक आय ₹2 लाख या उससे कम होनी चाहिए।
- पहले कभी सरकार की मुफ्त धार्मिक यात्रा योजना का लाभ न लिया हो।
आवश्यक दस्तावेज:
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मोबाइल नंबर
- आय प्रमाण पत्र
- स्वास्थ्य प्रमाण पत्र
कैसे करें आवेदन?
आवेदन प्रक्रिया भी काफी सरल रखी गई है। इच्छुक श्रद्धालु अपना फॉर्म तमिलनाडु हिंदू धार्मिक और परोपकारी बंदोबस्त विभाग (HR&C Department) की आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं। फॉर्म भरकर जरूरी दस्तावेजों के साथ जमा करना होगा। इसके बाद विभाग द्वारा चयनित नामों की सूची जारी की जाएगी और यात्रा का आयोजन किया जाएगा।
इन्हें भी पढ़ें



सरकार का इरादा क्या है?
विशेषज्ञों का मानना है कि मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन की सरकार इस योजना के जरिए बुजुर्गों तक धार्मिक और भावनात्मक जुड़ाव बढ़ाना चाहती है। चूंकि तमिलनाडु में चुनावी माहौल धीरे-धीरे बन रहा है, ऐसे में यह कदम राजनीतिक दृष्टि से भी अहम माना जा रहा है।
इसके अलावा हाल ही में सरकार ने मंदिरों में सुविधाओं का विस्तार करने की भी घोषणा की है।
- श्रद्धालुओं के लिए प्रतीक्षालय, लॉज, कॉन्फ्रेंस हॉल और पार्किंग बनाए जाएंगे।
- तिरुवन्नामलाई के अरुल्मिगु अरुणाचलेश्वर मंदिर और श्रीविल्लीपुथुर के अरुल्मिगु नचियार मंदिर में बड़े विकास कार्य शुरू किए गए हैं।
- कुल ₹124.97 करोड़ की 17 परियोजनाओं की शुरुआत की गई है।
- साथ ही 11 मंदिरों में पूरी हो चुकी ₹51.19 करोड़ की 14 योजनाओं का उद्घाटन भी किया गया है।
क्यों खास है यह यात्रा?
वाराणसी यानी काशी हिंदू धर्म में सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है। माना जाता है कि यहां गंगा स्नान और भगवान विश्वनाथ के दर्शन से जीवन के पाप मिट जाते हैं। वहीं रामेश्वरम भी हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण तीर्थ है, जिसे भगवान राम की लीलाओं से जोड़ा जाता है।
इस यात्रा का धार्मिक महत्व ही नहीं बल्कि भावनात्मक पहलू भी बहुत बड़ा है। अधिकांश बुजुर्ग जीवन भर काशी दर्शन की इच्छा रखते हैं। अब तमिलनाडु सरकार की इस योजना से उनका सपना बिना आर्थिक बोझ के पूरा हो सकेगा।
सामाजिक और राजनीतिक असर
इस योजना के दो बड़े असर साफ नजर आते हैं:
- सामाजिक प्रभाव: गरीब और निम्न आय वर्ग के बुजुर्गों को राहत। धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा को मजबूती। परिवार और समाज में सकारात्मक माहौल।
- राजनीतिक प्रभाव: चुनाव से पहले जनता से सीधा जुड़ाव। धार्मिक भावनाओं के जरिए मतदाताओं को आकर्षित करने की रणनीति।
निष्कर्ष
तमिलनाडु सरकार की यह मुफ्त धार्मिक यात्रा योजना न केवल बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए राहत की खबर है बल्कि यह सरकार की धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है। काशी और रामेश्वरम जैसे पवित्र स्थलों को जोड़कर बनाई गई यह यात्रा वरिष्ठ नागरिकों के लिए जीवन भर की यादगार साबित हो सकती है।
जहां एक तरफ सरकार इस योजना से गरीब और असहाय वर्ग को सीधा लाभ पहुंचा रही है, वहीं दूसरी तरफ यह कदम राजनीतिक दृष्टि से भी अहम साबित हो सकता है।