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काशी विश्वनाथ मंदिर पुजारियों को राज्य कर्मचारी का दर्जा | योगी सरकार ने बढ़ाया तीन गुना वेतन

योगी सरकार का ऐतिहासिक फैसला – 40 साल बाद काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों और कर्मचारियों को मिलेगा राज्य कर्मचारी का दर्जा। वेतन तीन गुना बढ़कर 90 हजार तक, साथ में छुट्टियाँ, प्रमोशन और अन्य सुविधाएँ भी।

काशी विश्वनाथ मंदिर पुजारियों को राज्य कर्मचारी का दर्जा | योगी सरकार ने बढ़ाया तीन गुना वेतन

काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों को CM YOGI का तोहफा.!

उत्तर प्रदेश/delhi

1:59 PM, Sep 6, 2025

O News हिंदी Desk

काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों को मिलेगा राज्य कर्मचारी का दर्जा, योगी सरकार ने वेतन बढ़ाया तीन गुना – छुट्टियाँ और प्रमोशन भी शामिल

वाराणसी से बड़ी खबर सामने आई है। काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों और कर्मचारियों को अब राज्य कर्मचारी का दर्जा मिलने जा रहा है। 40 साल से लंबित इस मांग को योगी सरकार ने पूरा कर दिया है। इसके साथ ही पुजारियों का वेतन तीन गुना तक बढ़ाया जाएगा और उन्हें छुट्टियाँ व प्रमोशन जैसी सुविधाएँ भी मिलेंगी।

40 साल बाद ऐतिहासिक फैसला

गुरुवार (4 सितंबर 2025) को हुई काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद की 108वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में तय हुआ कि पुजारियों, सेवादारों और अन्य कर्मचारियों को अब राज्य सरकार के कर्मचारियों की तरह सभी सुविधाएँ मिलेंगी।

मंडलायुक्त एस. राजलिंगम ने बताया कि अब तक पुजारियों को करीब 30,000 रुपये वेतन मिलता था। नई व्यवस्था लागू होने के बाद उनका वेतन 80,000 से 90,000 रुपये तक पहुँच जाएगा।

वेतन के साथ मिलेगी छुट्टी और प्रमोशन की सुविधा

नई नियमावली लागू होने के बाद पुजारियों को न सिर्फ अधिक वेतन मिलेगा, बल्कि उन्हें प्रमोशन, अवकाश और ग्रेड-मैट्रिक्स जैसी सुविधाएँ भी दी जाएँगी। इसके लिए मंदिर न्यास परिषद ने कर्मचारियों को चार अलग-अलग श्रेणियों में बाँटने का फैसला किया है।

1983 से लंबित थी सेवा नियमावली

गौरतलब है कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का अधिग्रहण 1983 में किया गया था, लेकिन तब से अब तक कर्मचारियों के लिए कोई सेवा नियमावली लागू नहीं हो पाई थी। लगातार चली आ रही इस मांग पर आखिरकार योगी सरकार ने मुहर लगा दी।

मंदिर विकास से जुड़े बड़े फैसले

इस बैठक में सिर्फ पुजारियों के वेतन पर ही नहीं, बल्कि मंदिर विकास कार्यों पर भी कई अहम फैसले लिए गए—

  1. मिर्जापुर के ककरही स्थित 46 बीघा जमीन पर वैदिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बनेगा।
  2. श्रीकाशी विश्वनाथ धाम से विशालाक्षी माता मंदिर तक कॉरिडोर तैयार किया जाएगा।
  3. धाम परिसर में डिजिटल संग्रहालय की स्थापना होगी।
  4. बेनीपुर-सारनाथ स्थित संकट हरण हनुमान मंदिर का विकास और गौशाला का आधुनिकीकरण होगा।
  5. धाम की सुरक्षा को और मज़बूत करने के लिए मॉडर्न कंट्रोल रूम और हाई-टेक कैमरे लगाए जाएँगे।

भक्तों के लिए नई सुविधाएँ

  1. मंदिर में आने वाले भक्तों को लड्डू और रुद्राक्ष माला प्रसाद स्वरूप दी जाएगी।
  2. संगम तीर्थ जल आदान-प्रदान योजना के तहत सभी ज्योतिर्लिंगों को जोड़ा जाएगा।
  3. दंडी संन्यासियों को रोजाना प्रसाद, भोजन और 101 रुपये दक्षिणा दी जाएगी।

निष्कर्ष

काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद की यह बैठक पुजारियों और कर्मचारियों के लिए ऐतिहासिक साबित हो सकती है। लंबे समय से लंबित उनकी मांगों को पूरा कर सरकार ने न सिर्फ उनका मान-सम्मान बढ़ाया है, बल्कि मंदिर परिसर के विकास की दिशा में भी बड़ा कदम उठाया है।

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