कौशांबी की रोमांचक प्रेम कहानी: मुस्लिम लड़की ने हिंदू लड़के से शादी के लिए अपनाया नया धर्म
"In Kaushambi, a Muslim girl converted to Hinduism to marry her long-time love, a Hindu boy, after nine years of romance. With the support of Hindu Raksha Sangathan, the couple tied the knot in a temple, proving that true love transcends religion and social barriers."

हिंदू लड़के से शादी के लिए धर्म बदला
delhi
4:37 PM, Sep 25, 2025
O News हिंदी Desk
UP NEWS: मुस्लिम लड़की ने हिंदू लड़के से शादी के लिए धर्म बदला, नौ साल की प्रेम कहानी का हुआ सुखद अंत
कौशांबी: उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में एक ऐसी अनोखी प्रेम कहानी सामने आई है जिसने समाज और धर्म की पारंपरिक सीमाओं को चुनौती दी है। गौसपुर नवावा गांव की रहने वाली समरीन, जिसने अपने लंबे समय के प्रेम संबंध के लिए हिंदू धर्म अपना लिया, और देवीगंज निवासी अभिषेक सोनी के साथ मंदिर में सात फेरे लेकर अपना जीवन एक-दूसरे के साथ जोड़ लिया। इस शादी ने साबित कर दिया कि सच्चा प्यार धर्म, जाति और सामाजिक बाधाओं से परे होता है।
नौ साल पुरानी प्रेम कहानी का संघर्ष
समरीन और अभिषेक की कहानी लगभग नौ साल पुरानी है। दोनों स्कूल के समय से ही एक-दूसरे को जानते थे। उनके बीच गहरा प्रेम संबंध था, लेकिन समाज और पारिवारिक दबावों के कारण वे शादी के लिए तैयार नहीं हो पा रहे थे।
समरीन ने अपनी बात साझा करते हुए कहा, "हमारा प्यार नौ साल पुराना है। मैंने हमेशा से अभिषेक के साथ अपने जीवन की कल्पना की थी। लेकिन समाज और धार्मिक बंधनों ने हमारी राह में कई बाधाएं खड़ी की।"
अभिषेक ने भी अपने अनुभव को साझा किया, "हम दोनों ने हमेशा एक-दूसरे के साथ रहने का सपना देखा। समाज की हिचकिचाहट और पारिवारिक विरोध के बावजूद हम अपने प्यार के लिए खड़े रहे।"
धर्म परिवर्तन और नया नाम
शादी के दौरान समरीन ने मुस्लिम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया और अपना नाम बदलकर सीता रख लिया। उन्होंने अपने निर्णय के पीछे अपने अनुभव और धार्मिक विचार साझा किए।
सीता ने कहा, "मुझे हिंदू धर्म बहुत पसंद है क्योंकि इसमें महिलाओं को बहुत सम्मान और अधिकार दिया जाता है। मैंने यह निर्णय अपने प्यार के साथ जीवन बिताने और अपनी आत्मा की शांति के लिए लिया।"
इस धर्म परिवर्तन ने कई लोगों को हैरान कर दिया, लेकिन यह इस कहानी के सच्चे प्यार का प्रतीक भी बन गया।
मंदिर में सात फेरे और हिंदू रक्षा संगठन की मदद
यह शादी मंझनपुर के दुर्गा मंदिर में हुई, और इसमें हिंदू रक्षा संगठन ने अहम भूमिका निभाई। संगठन के जिला संयोजक वेद सत्यार्थी ने इस जोड़े की मदद की और सुनिश्चित किया कि शादी बिना किसी बाधा के संपन्न हो।
वेद सत्यार्थी ने कहा, "हमारा प्रयास केवल इस जोड़े को उनके प्यार के लिए समर्थन देना था। यह शादी समाज को यह संदेश देती है कि सच्चा प्रेम किसी भी सामाजिक और धार्मिक बंधन से ऊपर है।"

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समाज और मीडिया की प्रतिक्रिया
इस अनोखी शादी की खबर के बाद सोशल मीडिया पर भी इसका खूब चर्चित हुआ। कई लोग इस कदम की सराहना कर रहे हैं, जबकि कुछ ने इसे विवादास्पद भी माना।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना भारत में प्रेम विवाह और धार्मिक स्वतंत्रता के महत्व को दर्शाती है। इसके साथ ही यह कहानी यह भी बताती है कि समाज में लिंग और धर्म आधारित भेदभाव के बावजूद सच्चा प्रेम हमेशा जीत सकता है।
प्रेम की जीत: समाज और धर्म की दीवारें टूटें
समरीन और अभिषेक की शादी एक उदाहरण है कि जब प्रेम सच्चा और गहरा होता है, तो वह समाज, जाति और धर्म की दीवारों को तोड़ सकता है। यह कहानी नौ साल के संघर्ष और प्यार के प्रतीक के रूप में सामने आई है।
इस शादी से यह भी स्पष्ट होता है कि युवा पीढ़ी अब अपने प्यार और जीवन के फैसलों में अधिक स्वतंत्र और साहसी हो रही है, और धर्म या जाति के नाम पर सामाजिक बाधाओं को चुनौती दे रही है।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में हुई यह शादी केवल एक प्रेम कहानी नहीं है, बल्कि यह समाज में बदलाव और धर्म-जाति आधारित पुरानी सोच को चुनौती देने वाली घटना है। समरीन और अभिषेक ने अपने प्यार के लिए जो कदम उठाया, वह समाज के लिए प्रेरणा और सच्चे प्रेम का प्रतीक बन गया है।
यह घटना यह संदेश देती है कि सच्चा प्रेम हमेशा विजयी होता है, चाहे रास्ते में कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न हों।
Source: Ndtv