महाकुंभ 2025: गंगा जल की शुद्धता पर उठे सवालों का वैज्ञानिक ने दिया जवाब, बताया अल्कलाइन वाटर से भी शुद्ध
महाकुंभ 2025: गंगा जल की शुद्धता पर उठे सवालों का वैज्ञानिक ने दिया जवाब, बताया अल्कलाइन वाटर से भी शुद्ध

Mahakumbh 2025: Scientist answered the questions raised on the purity of Ganga water, said it is purer than alkaline water. |महाकुंभ
12:00 AM, Feb 21, 2025
O News हिंदी Desk
प्रयागराज महाकुंभमें गंगा जल की शुद्धता को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। जहां एक ओर कुछ संस्थाएं और लोग गंगाजल की गुणवत्ता पर शंका जता रहे हैं, वहीं देश के जाने-माने वैज्ञानिकडॉ. अजय कुमार सोनकरने इसेस्नान योग्य ही नहीं, बल्कि अल्कलाइन वाटर से भी अधिक शुद्धबताया है।
वैज्ञानिक शोध में गंगा जल निकला सर्वाधिक शुद्ध
डॉ. अजय सोनकर ने संगम, अरैल समेत पांच प्रमुख घाटों से गंगा जल के नमूने एकत्र करप्रयोगशाला में विस्तृत परीक्षणकिया। इस शोध में यह पाया गया किकरोड़ों श्रद्धालुओं के स्नान के बावजूद जल में कोई बैक्टीरियल वृद्धि नहीं हुई। इतना ही नहीं,गंगा जल का पीएच स्तर 8.4 से 8.6के बीच रहा, जो इसे प्राकृतिक रूप सेअल्कलाइन वाटर के समान शुद्धबनाता है।
गंगा जल में मौजूद बैक्टीरियोफेज से बनी इसकी शुद्धता बरकरार
वैज्ञानिकों के अनुसार, गंगा जल में1100 से अधिक प्रकार के बैक्टीरियोफेजपाए गए हैं। ये विशेष प्रकार के सूक्ष्मजीव होते हैं, जोहानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट कर देते हैं। इसी कारणगंगा जल वर्षों तक बिना किसी रासायनिक प्रक्रिया के भी शुद्ध बना रहता है।
14 घंटे की लैब जांच में नहीं मिली बैक्टीरियल वृद्धि
गंगाजल की शुद्धता को लेकरलैब में 14 घंटे तक इंक्यूबेशन तापमानमें रखकर परीक्षण किया गया। इस दौरान पानी में किसी भी प्रकार केहानिकारक बैक्टीरिया की वृद्धि नहीं हुई। इसके अलावा, वैज्ञानिक शोध से यह भी साबित हुआ कि गंगा जल के संपर्क में आने सेत्वचा रोगों से बचाव होता है।
गंगा जल पर भ्रम फैलाने वालों को दी चुनौती
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डॉ. अजय सोनकर ने गंगा जल पर सवाल उठाने वालों कोप्रयोगशाला में खुद जांच करने की चुनौती दी। उन्होंने कहा,"जो भी गंगा जल की शुद्धता पर संदेह कर रहा है, वह हमारे सामने आकर जल की लैब टेस्टिंग करवा सकता है।"
गंगा जल पर रिसर्च करने वाले वैज्ञानिक कौन हैं?
डॉ.अजय कुमार सोनकरभारत केशीर्ष स्वतंत्र वैज्ञानिकोंमें शामिल हैं। उन्होंनेकृत्रिम मोती उत्पादनमें अद्वितीय सफलता हासिल कर जापानी वैज्ञानिकों को भी चुनौती दी है। हाल ही में केंद्र सरकार ने उन्हेंपद्मश्री पुरस्कार के लिए नामितकिया है।
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निष्कर्ष: गंगा जल केवल श्रद्धा नहीं, वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर भी शुद्ध
महाकुंभ 2025 में गंगा स्नान को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम कोवैज्ञानिक शोध ने पूरी तरह खारिजकर दिया है। अब यह स्पष्ट हो गया है किगंगा जल स्नान योग्य ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक भी है। करोड़ों श्रद्धालु इसमें स्नान करके न केवल आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी इसके लाभ उठा सकते हैं।