CAA पर मोदी सरकार के बड़े फैसले....
मोदी सरकार का बड़ा फैसला! अब पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2024 तक आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अल्पसंख्यकों को भारत में शरण और नागरिकता का मौका मिलेगा। जानें पूरी खबर।

CAA पर मोदी सरकार के बड़े फैसले
delhi
2:22 PM, Sep 3, 2025
O News हिंदी Desk
मोदी सरकार का बड़ा फैसला: अब 2024 तक पाकिस्तान-बांग्लादेश-अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यक भारत में रह सकेंगे
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। गृह मंत्रालय ने नया आदेश जारी करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक उत्पीड़न झेलकर आए गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक 31 दिसंबर 2024 तक भारत में शरण ले सकते हैं। पहले यह सीमा 31 दिसंबर 2014 तय थी, लेकिन अब इसमें सीधे 10 साल की बढ़ोतरी कर दी गई है।
आदेश में क्या कहा गया?
गृह मंत्रालय ने यह आदेश इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स एक्ट, 2025 के तहत जारी किया है। इसमें कहा गया है कि हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय से संबंधित लोग, जो धार्मिक उत्पीड़न या उसके भय से भारत आए हैं और 31 दिसंबर 2024 तक देश में दाखिल हुए हैं, उन्हें पासपोर्ट और वीज़ा रखने की बाध्यता से छूट दी जाएगी।
इसका मतलब है कि ऐसे लोग बिना वैध दस्तावेज़ों के भी भारत में रह सकेंगे और उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा।
किन्हें मिलेगी बड़ी राहत?
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- पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को राहत।
- वे लोग जो 2014 के बाद भारत आए और अब तक असुरक्षा में जी रहे थे, उनके लिए यह आदेश ऐतिहासिक साबित होगा।
- बीजेपी सांसदों ने इस फैसले को "ऐतिहासिक और मानवीय निर्णय" बताया है।
पहले क्या था प्रावधान?
CAA के अनुसार, 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए इन समुदायों को नागरिकता देने का प्रावधान था। लेकिन इस ताज़ा आदेश के बाद, 2014 के बाद से 2024 तक भारत आए शरणार्थियों को भी नागरिकता का अवसर मिलेगा।
क्यों अहम है यह फैसला?
- बड़ी संख्या में पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए शरणार्थियों को नागरिकता और भविष्य की सुरक्षा मिलेगी।
- लंबे समय से यह समुदाय कागजात और वैधता की समस्या से जूझ रहा था।
- अब मोदी सरकार के इस कदम से उन्हें स्थायी राहत और सुरक्षित भविष्य का रास्ता मिलेगा।