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नेतन्याहू की कतर को धमकी: "हमास नेताओं को छिपाया तो लादेन जैसा अंजाम होगा"

इजरायल पीएम नेतन्याहू ने कतर को चेताया– अगर हमास नेताओं को शरण दी तो दोहा पर लादेन जैसी कार्रवाई होगी। जानें पूरी खबर और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया।

नेतन्याहू की कतर को धमकी: "हमास नेताओं को छिपाया तो लादेन जैसा अंजाम होगा"

नेतन्याहू pics source The Times of Israel

delhi

10:49 AM, Sep 11, 2025

O News हिंदी Desk

पाकिस्तान और लादेन याद हैं न, वैसे ही मारेंगे… नेतन्याहू की कतर को सीधी धमकी, बोले- हमास लीडर्स छिपाए तो नतीजे भुगतने को तैयार रहना

Israel Hamas Qatar Crisis: मध्य पूर्व की सियासत एक बार फिर उबाल पर है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कतर को उस लहजे में धमकी दी है, जिसे सुनकर पूरी दुनिया चौंक गई। नेतन्याहू ने साफ कहा है कि अगर कतर हमास नेताओं को पनाह देता रहेगा तो उसे वैसी ही कार्रवाई झेलनी पड़ेगी जैसी अमेरिका ने 2011 में पाकिस्तान के एबटाबाद में ओसामा बिन लादेन पर की थी।

यह धमकी ऐसे वक्त आई है, जब एक ओर अंतरराष्ट्रीय समुदाय इजरायल और हमास के बीच सीजफायर की अपील कर रहा है, वहीं दूसरी ओर नेतन्याहू ने दोहा में हमला कर अपनी मंशा साफ कर दी है कि वे पीछे हटने वाले नहीं हैं।

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दोहा पर इजरायल का हवाई हमला और अंतरराष्ट्रीय आलोचना

मंगलवार को इजरायल ने कतर की राजधानी दोहा पर एक हवाई हमला किया। इस हमले का निशाना वे हमास नेता थे, जो अमेरिकी मध्यस्थता वाले संघर्ष विराम प्रस्ताव पर चर्चा कर रहे थे। हालांकि इस कार्रवाई के तुरंत बाद इजरायल को अंतरराष्ट्रीय आलोचना का सामना करना पड़ा। अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने इसे अस्वीकार्य बताया। लेकिन नेतन्याहू पीछे नहीं हटे।

उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा – “अगर अमेरिका 9/11 के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में मार सकता है, तो हम दोहा में छिपे हमास के आतंकियों को क्यों नहीं मार सकते?”

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नेतन्याहू का सख्त संदेश – “हम जहां चाहें, वहां मारेंगे”

नेतन्याहू ने अमेरिका की कार्रवाई का हवाला देते हुए यह भी कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ न्याय की कोई भौगोलिक सीमा नहीं होती। उनके शब्दों में – “हम वही कर रहे हैं, जो अमेरिका ने किया था। उसने अफगानिस्तान और पाकिस्तान में जाकर आतंकी मारे। हम भी गाजा हो या दोहा, कहीं भी हमास को जड़ से उखाड़ेंगे।”

नेतन्याहू ने आरोप लगाया कि कतर लंबे समय से हमास को शरण देता आ रहा है और वहां से हमास का राजनीतिक विंग ऑपरेट करता है।

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क्यों है कतर पर नेतन्याहू की इतनी नाराज़गी?

साल 2012 से ही कतर में हमास का राजनीतिक ब्यूरो मौजूद है। कहा जाता है कि गाजा में हमास की पूरी रणनीति का संचालन दोहा से होता है। कतर न सिर्फ हमास नेताओं को शरण देता है बल्कि उन्हें आर्थिक मदद भी करता रहा है।

इसी वजह से इजरायल लगातार दबाव बना रहा है कि कतर इन नेताओं को देश से बाहर निकाले। लेकिन कतर का तर्क है कि वह मध्यस्थता की भूमिका निभा रहा है और उसकी मौजूदगी शांति प्रक्रिया के लिए ज़रूरी है।

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अमेरिका करे तो ताली, इजरायल करे तो गाली?

नेतन्याहू का गुस्सा सिर्फ कतर पर ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर भी था। उन्होंने कहा – “जब अमेरिका ने अफगानिस्तान में हमला किया और पाकिस्तान में घुसकर लादेन को मारा, तब दुनिया ने तालियां बजाईं। लेकिन जब इजरायल दोहा में हमास नेताओं को निशाना बनाता है तो वही देश हमें कोसते हैं। यह दोहरा रवैया क्यों?”

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7 अक्टूबर 2023 – हमास का हमला जिसने बदल दी तस्वीर

इस पूरे विवाद की जड़ 7 अक्टूबर 2023 का वह दिन है, जब हमास के हजारों लड़ाकों ने इजरायल की सीमा में घुसकर हमला किया।

  1. यह हमला इजरायल के इतिहास का सबसे बड़ा और घातक हमला माना जाता है।
  2. हमास ने नागरिकों और सैनिकों पर गोलीबारी की।
  3. महिलाओं से बलात्कार, बच्चों और बुजुर्गों का अपहरण जैसी वारदातें हुईं।
  4. करीब 1,200 से ज्यादा इजरायली नागरिक मारे गए।

इसके बाद से इजरायल ने हमास को खत्म करने की कसम खाई और गाजा पट्टी पर लगातार सैन्य कार्रवाई जारी रखी।

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गाजा में तबाही, कतर की भूमिका और बढ़ती तनातनी

इजरायल की कार्रवाई में गाजा पट्टी खंडहर में बदल चुकी है।

  1. हजारों मकान और इमारतें मलबे में तब्दील हो गए।
  2. अस्पतालों और स्कूलों तक को बख्शा नहीं गया।
  3. लाखों लोग बेघर होकर शरणार्थी कैंपों में जीने को मजबूर हैं।

इसी बीच, कतर हमास के राजनीतिक नेताओं को सुरक्षित पनाह दे रहा है। यही वजह है कि नेतन्याहू अब सीधे कतर को धमकी दे रहे हैं।

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अंतरराष्ट्रीय राजनीति में तनाव

  1. अमेरिका – एक तरफ इजरायल का सबसे बड़ा सहयोगी है, लेकिन वह कतर से भी अच्छे रिश्ते रखता है क्योंकि कतर में उसकी सबसे बड़ी एयरबेस है।
  2. यूरोपियन यूनियन – मानवीय संकट को देखते हुए इजरायल पर दबाव बना रहा है कि वह गाजा में हमले बंद करे।
  3. अरब देश – खुलकर कतर के साथ खड़े हैं और इजरायल की कार्रवाई को अन्यायपूर्ण बता रहे हैं।

यानी नेतन्याहू का दोहा पर हमला न केवल इजरायल-हमास विवाद को और भड़का सकता है, बल्कि इससे मिडिल ईस्ट की राजनीति में भीषण भूचाल आ सकता है।

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क्या दोहा बनेगा अगला युद्ध का मैदान?

सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या इजरायल सच में कतर के खिलाफ सीधी सैन्य कार्रवाई करेगा?

  1. अगर ऐसा हुआ तो यह सिर्फ इजरायल-हमास युद्ध नहीं रहेगा बल्कि पूरा अरब जगत इसमें कूद सकता है।
  2. कतर पर हमला करना इजरायल के लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि यहां अमेरिकी हित भी जुड़े हैं।
  3. लेकिन नेतन्याहू के बयानों से साफ है कि वे पीछे हटने वाले नहीं हैं।
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निष्कर्ष – एक नई जंग की दस्तक?

नेतन्याहू का यह बयान कि – “हम जहां चाहें, वहां घुसकर आतंकियों को मारेंगे” मध्य पूर्व में एक नई जंग का संकेत देता है।

कतर को सीधी धमकी देकर इजरायल ने साफ कर दिया है कि उसका अगला निशाना गाजा नहीं बल्कि दोहा भी हो सकता है। यह स्थिति न केवल इजरायल और हमास के लिए खतरनाक है बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक नया संकट खड़ा कर सकती है।

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📰 Onews Hindi का विश्लेषण

  1. नेतन्याहू का बयान सिर्फ कतर के खिलाफ चेतावनी नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चुनौती है।
  2. अगर कतर हमास नेताओं को शरण देना जारी रखता है तो इजरायल की आक्रामकता और बढ़ सकती है।
  3. इससे मध्य पूर्व की सुरक्षा और वैश्विक शांति दोनों खतरे में आ सकती हैं।
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