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अब मस्जिदों में होगी सीमित नमाज़ – बिजली और पानी की बचत पर ज़ोर!

अब मस्जिदों में होगी सीमित नमाज़ – बिजली और पानी की बचत पर ज़ोर!

अब मस्जिदों में होगी सीमित नमाज़ – बिजली और पानी की बचत पर ज़ोर!

अब मस्जिदों में होगी सीमित नमाज़

12:00 AM, Apr 5, 2025

O News हिंदी Desk

कुवैत सरकार का नया फरमान: मस्जिदों में नमाज़ का समय घटाया, बिजली और पानी बचाने पर जोर

कुवैत में ऊर्जा संकट गहराया, सरकार ने मस्जिदों में दी नई गाइडलाइन

सरकार ने देश में बढ़ती बिजली और पानी की खपत को देखते हुए एक अहम कदम उठाया है। सरकार ने मस्जिदों में नमाज़ की अवधि कम करने और वुज़ू के दौरान पानी की बचत करने के सख्त निर्देश जारी किए हैं। यह निर्णय राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण अभियान के तहत लिया गया है, ताकि गर्मियों में बिजली संकट से बचा जा सके।

नमाज़ का समय होगा सीमित, इकामत को भी छोटा करने का आदेश

इस्लामिक अफेयर्स मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि देशभर के इमाम और मुअज्जिन अब जुहर और असर की नमाज़ की इकामत (अजान के बाद की घोषणा) को छोटा करें। इसके साथ ही नमाज़ की लंबाई को भी कम करने को कहा गया है ताकि मस्जिदों में बिजली की खपत घटाई जा सके।

मस्जिदों में बिजली कटौती का शेड्यूल जारी

मंत्रालय के सर्कुलर8-2024के अनुसार, कुवैत के छह प्रमुख प्रांतों की मस्जिदों में बिजली कटौती की जाएगी। यह कटौती ज़ुहर की अज़ान के 30 मिनट बाद से असर की अज़ान के 15 मिनट पहले तक और असर के बाद शाम 5 बजे तक लागू रहेगी। इस शेड्यूल का उद्देश्य मस्जिदों में अत्यधिक बिजली उपयोग को सीमित करना है।

पानी की बर्बादी पर भी रोक, वुज़ू में सावधानी की अपील

सरकार ने मस्जिद प्रबंधन से अपील की है कि वुज़ू के दौरान पानी की अनावश्यक बर्बादी रोकी जाए। इसके लिए विशेष गाइडलाइन जारी की गई है ताकि पानी जैसे अहम संसाधन की बचत की जा सके। यह न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से जरूरी है, बल्कि मस्जिदों के रखरखाव में भी सहायक होगा।

सरकार का स्पष्ट संदेश: धर्म और पर्यावरण दोनों जरूरी

हालांकि इस फैसले को लेकर धार्मिक समुदाय में कुछ असंतोष भी देखा गया है, लेकिन कुवैत सरकार का कहना है कि यह कदम समय की जरूरत है। सरकार का मानना है कि धार्मिक आस्थाओं का पालन करते हुए भी प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा की जा सकती है।

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