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PM Modi Birthday: जानें पीएम मोदी का RAX Secure Phone

PM Modi 75th Birthday: पीएम मोदी किस RAX Phone का करते हैं इस्तेमाल? जानें इसकी खासियत, सिक्योरिटी फीचर्स और C-DoT की भूमिका।

PM Modi Birthday: जानें पीएम मोदी का RAX Secure Phone

पीएम मोदी का RAX Secure Phone

delhi

12:36 PM, Sep 17, 2025

O News हिंदी Desk

प्रधानमंत्री की सुरक्षा: दुनिया के सबसे शक्तिशाली फोन की कहानी, जो हैक नहीं होता और न ही होता है ट्रेस!

नई दिल्ली: 17 सितंबर का दिन, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन. इस खास मौके पर हर भारतीय प्रधानमंत्री से जुड़ी नई-नई जानकारियां जानने के लिए उत्सुक रहता है. इसी कड़ी में एक सबसे अहम और दिलचस्प सवाल सामने आता है- आखिर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के मुखिया अपनी संवेदनशील बातचीत के लिए कौन सा फोन इस्तेमाल करते हैं? क्या यह कोई आम स्मार्टफोन है जिसे हम और आप इस्तेमाल करते हैं, या फिर इसके पीछे कोई ऐसी तकनीक है, जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते?

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सुरक्षा सर्वोपरि: क्यों खास होते हैं इन फोन्स के फीचर्स?

आज के डिजिटल युग में, सूचना ही सबसे बड़ी शक्ति है. सरकारी अधिकारियों, खासकर राष्ट्राध्यक्षों के लिए, संचार की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है. एक भी कॉल या मैसेज का लीक होना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकता है. यही कारण है कि पीएम मोदी जैसे वैश्विक नेताओं के फोन कोई साधारण डिवाइस नहीं होते. इनमें अत्याधुनिक तकनीक और सुरक्षा के अभेद्य कवच होते हैं. ये फोन न केवल एन्क्रिप्टेड होते हैं, बल्कि इन्हें हैक करना या ट्रैक करना लगभग असंभव होता है.

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C-DoT की विशेष तकनीक और 'गुप्त' फोन

भारत में, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास का जिम्मा सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (C-DoT) संभालता है. यह एक सरकारी संस्थान है, जिसने भारत के लिए सुरक्षित संचार समाधान विकसित किए हैं. माना जाता है कि पीएम मोदी और अन्य उच्च-स्तरीय सरकारी अधिकारियों के लिए इसी तरह के विशेष, एन्क्रिप्टेड फोन का इस्तेमाल किया जाता है. ये फोन व्यावसायिक रूप से उपलब्ध नहीं होते और इन्हें खास तौर पर सरकारी संचार की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

इन फोनों की सबसे बड़ी खासियत इनकी एन्क्रिप्शन तकनीक होती है. ये फोन 'मिलिट्री-ग्रेड एन्क्रिप्शन' का इस्तेमाल करते हैं. इसका मतलब है कि बातचीत को इस तरह से कोड किया जाता है कि उसे बीच में इंटरसेप्ट करना या सुनना लगभग नामुमकिन हो जाता है. यहां तक कि अगर कोई व्यक्ति कॉल को रिकॉर्ड भी कर ले, तो वह केवल कोडित आवाज़ ही सुन पाएगा, जिसे डिकोड करना संभव नहीं है.

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RAX Phone: एक मिथक या वास्तविकता?

कुछ रिपोर्ट्स में एक 'RAX फोन' का जिक्र होता है, जिसे विशेष रूप से पीएम मोदी के लिए बनाया गया बताया जाता है. इन रिपोर्ट्स के अनुसार, इस फोन में कई अनोखी खूबियां हैं:

  1. फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन: फोन को केवल अधिकृत व्यक्ति ही अपने फिंगरप्रिंट से अनलॉक कर सकता है.
  2. लाइव पिक्चर वेरिफिकेशन: कॉल के दौरान, यह फोन कॉलर की लाइव तस्वीर दिखाता है, जिससे किसी भी धोखे की संभावना खत्म हो जाती है.
  3. तीन-परत की सुरक्षा: इसमें एन्क्रिप्शन की तीन अलग-अलग परतें हैं, जो इसे हैकर्स के लिए अभेद्य बनाती हैं.

हालांकि, यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि ये जानकारियां सार्वजनिक रूप से सत्यापित नहीं हैं. सरकारी एजेंसियों ने इस तरह के किसी विशेष फोन की पुष्टि नहीं की है. यह संभव है कि ये फीचर्स कई अलग-अलग सुरक्षा तकनीकों का एक संयोजन हों, जिन्हें एक विशेष डिवाइस में एकीकृत किया गया हो.

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कैसे काम करती है सरकारी स्तर की सुरक्षा?

उच्च-स्तरीय सरकारी संचार की सुरक्षा केवल एक फोन तक सीमित नहीं होती. यह एक पूरी व्यवस्था है जिसमें कई एजेंसियां मिलकर काम करती हैं.

  1. NTRO (National Technical Research Organisation): भारत की प्रमुख तकनीकी खुफिया एजेंसी, जो संचार सुरक्षा की निगरानी करती है.
  2. DEITY (Department of Electronics and Information Technology): इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, जो देश में तकनीकी मानकों को निर्धारित करता है.

इन एजेंसियों की निगरानी में, सरकारी संचार के लिए एक क्लोज्ड लूप सिस्टम (बंद संचार तंत्र) का इस्तेमाल किया जाता है. इसका मतलब है कि संचार केवल उन्हीं लोगों के बीच होता है जो इस विशेष नेटवर्क का हिस्सा हैं, और यह नेटवर्क आम फोन या इंटरनेट नेटवर्क से पूरी तरह से अलग होता है.

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दुनिया भर के नेताओं के फोन: भारत से तुलना

ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारत के प्रधानमंत्री ही सुरक्षित फोन इस्तेमाल करते हैं. दुनिया के अन्य शक्तिशाली नेता भी इसी तरह के विशेष संचार उपकरणों का उपयोग करते हैं.

  1. अमेरिकी राष्ट्रपति: अमेरिकी राष्ट्रपति 'कम्युनिकेशन डिवाइस फॉर प्रेसिडेंट' (CDP) या 'ब्लैकबेरी' का एक विशेष, अत्यधिक संशोधित संस्करण इस्तेमाल करते हैं. यह डिवाइस भी NSA (National Security Agency) द्वारा विकसित और सुरक्षित किया गया है.
  2. ब्रिटिश प्रधानमंत्री: ब्रिटिश पीएम भी इसी तरह के एन्क्रिप्टेड फोन का उपयोग करते हैं, जो उनके सुरक्षा प्रोटोकॉल का हिस्सा होता है.

ये सभी फोन सामान्य तौर पर न तो वाई-फाई से जुड़ते हैं, न ही इनमें सोशल मीडिया या अन्य ऐप्स होते हैं. इनका मुख्य उद्देश्य केवल सुरक्षित कॉल और मैसेजिंग होता है.

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पीएम मोदी का डिजिटल भारत: तकनीक और सुरक्षा का संगम

पीएम मोदी ने हमेशा डिजिटल इंडिया की वकालत की है. एक तरफ वे तकनीक को बढ़ावा दे रहे हैं, तो दूसरी तरफ वे राष्ट्रीय सुरक्षा को भी सर्वोपरि रखते हैं. उनका फोन इसी सोच का एक बेहतरीन उदाहरण है: आधुनिक तकनीक का उपयोग, लेकिन पूर्ण सुरक्षा और गोपनीयता के साथ.

तो अगली बार जब आप पीएम मोदी को किसी कार्यक्रम में देखें, तो याद रखें कि उनके हाथ में जो डिवाइस है, वह सिर्फ एक फोन नहीं है, बल्कि देश की सुरक्षा का एक अभिन्न अंग है. यह एक ऐसा फोन है जिसे न तो हैक किया जा सकता है और न ही ट्रेस, क्योंकि इसके पीछे भारत की सबसे उन्नत तकनीकी और खुफिया एजेंसियां काम कर रही हैं.

क्या आप जानते हैं कि पीएम मोदी के संचार में और कौन-कौन सी सुरक्षा परतें होती हैं? अपनी राय हमें कमेंट बॉक्स में बताएं.

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