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संजय कपूर संपत्ति विवाद: फर्जी वसीयत से करिश्मा कपूर के बच्चों का हक छिना?

दिल्ली हाईकोर्ट में संजय कपूर संपत्ति विवाद ने नया मोड़ लिया। करिश्मा कपूर के बच्चों के वकील ने फर्जी वसीयत का आरोप लगाकर हक छीने जाने की आशंका जताई।

संजय कपूर संपत्ति विवाद: फर्जी वसीयत से करिश्मा कपूर के बच्चों का हक छिना?

संजय कपूर संपत्ति विवाद

delhi

5:34 PM, Sep 26, 2025

O News हिंदी Desk

संजय कपूर संपत्ति विवाद: करिश्मा कपूर के बच्चों के हक पर फर्जी वसीयत का साया? हाईकोर्ट में बड़ा आरोप

नई दिल्ली। दिवंगत बिजनेसमैन संजय कपूर की संपत्ति को लेकर हाई-प्रोफाइल विवाद गहराता जा रहा है। इस मामले में अब एक्ट्रेस करिश्मा कपूर के बच्चों—समायरा कपूर और कियान राज कपूर—के वकील और देश के नामी सीनियर एडवोकेट महेश जेठमलानी ने दिल्ली हाईकोर्ट में बड़ा आरोप लगाया है। उनका कहना है कि संजय कपूर की संपत्ति को लेकर पेश की गई वसीयत (Will) फर्जी है और इसका इस्तेमाल बच्चों को उनके जायज हक से वंचित करने के लिए किया जा रहा है।

इस विवाद ने बॉलीवुड, बिजनेस और लीगल गलियारों में हलचल मचा दी है। सवाल यह है कि आखिर सच क्या है—क्या संजय कपूर की संपत्ति की सही तस्वीर सामने आएगी, या फिर गोपनीयता के नाम पर इसे दबा दिया जाएगा?

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प्रिया कपूर की सीलबंद लिफाफे वाली पेशकश

मामला उस समय नया मोड़ लेता दिखा जब संजय कपूर की पत्नी प्रिया कपूर ने अदालत में एक अर्जी दाखिल की। उनकी मांग थी कि संजय कपूर की संपत्ति की पूरी लिस्ट अदालत को सीलबंद लिफाफे में दी जाए और इस पर गोपनीयता (Confidentiality) बनाए रखी जाए।

प्रिया कपूर के वकील, सीनियर एडवोकेट राजीव नायर ने हाईकोर्ट में कहा कि वे अदालत के आदेश पर संपत्ति का पूरा ब्यौरा देने को तैयार हैं, लेकिन इस लिस्ट को पब्लिक नहीं किया जाना चाहिए। उनका तर्क था कि इस जानकारी को सार्वजनिक करने से अनावश्यक विवाद और गलतफहमियां पैदा हो सकती हैं।

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करिश्मा कपूर के बच्चों की तरफ से कड़ा विरोध

वहीं दूसरी ओर, करिश्मा कपूर के बच्चों की तरफ से पेश हुए महेश जेठमलानी ने इस मांग का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कोर्ट में कहा:

“यह हमारा मुंह बंद करने की कोशिश है। गोपनीयता का दिखावा असल में संपत्ति को इधर-उधर करने की साजिश है। अगर सब कुछ सही है तो आखिर छिपाने की क्या जरूरत है?”

जेठमलानी ने आरोप लगाया कि दो बैंक खातों को पूरी तरह खाली किया जा चुका है और एक कंपनी के 6% शेयर भी प्रिया कपूर ने अपने नाम कर लिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि करिश्मा के बच्चों को अभी तक संजय कपूर की पूरी संपत्ति के बारे में जानकारी नहीं दी गई है।

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फर्जी वसीयत का आरोप

सबसे गंभीर आरोप यह लगाया गया कि संजय कपूर की जो वसीयत पेश की गई है, वह फर्जी (Fake Will) है। जेठमलानी का कहना है कि इस वसीयत का इस्तेमाल बच्चों के हक को खत्म करने और संपत्ति को प्रिया कपूर के नाम ट्रांसफर करने के लिए किया जा रहा है।

उन्होंने अदालत को बताया कि जैसे ही करिश्मा कपूर की ओर से इस मामले में एक लेटर भेजा गया, उसी समय से संदिग्ध गतिविधियां शुरू हो गईं। संपत्ति के ट्रांसफर और खातों को खाली करने की प्रक्रिया तेज़ कर दी गई।

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हाईकोर्ट का रुख

इस मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस ज्योति सिंह ने कहा कि अदालत की प्राथमिक चिंता सभी पक्षों के हित को संतुलित रखना है। उन्होंने कहा कि हर जानकारी को सार्वजनिक करना ज़रूरी नहीं है, लेकिन गोपनीयता का इस्तेमाल किसी को न्याय से वंचित करने के लिए भी नहीं होना चाहिए।

जस्टिस सिंह ने करिश्मा के वकील से कहा कि वे ऐसा रास्ता सुझाएं जिससे बच्चों के अधिकार भी सुरक्षित रहें और अनावश्यक रूप से जानकारी का दुरुपयोग भी न हो।

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आरके ट्रस्ट और निजी संपत्ति का मुद्दा

सुनवाई के दौरान एक और दिलचस्प तथ्य सामने आया। प्रिया कपूर की तरफ से कहा गया कि करिश्मा कपूर के बच्चों को आरके ट्रस्ट (RK Trust) से पहले ही लगभग 19,000 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। इसलिए उन्हें संजय कपूर की निजी संपत्ति पर इतना जोर नहीं देना चाहिए।

लेकिन जेठमलानी ने इस तर्क को खारिज करते हुए कहा कि आरके ट्रस्ट से मिलने वाला पैसा फैमिली ट्रस्ट का हिस्सा है, जबकि यह विवाद संजय कपूर की व्यक्तिगत संपत्ति को लेकर है। दोनों मामलों का आपस में कोई संबंध नहीं है।

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करिश्मा कपूर के बच्चों का पक्ष

करिश्मा कपूर के बच्चों की ओर से साफ कहा गया है कि वे केवल वही चाहते हैं, जो उनका कानूनी और नैतिक हक है। उनका दावा है कि न तो उन्हें पूरी जानकारी दी गई है और न ही संपत्ति का सही ब्योरा।

उनके वकील का आरोप है कि संपत्ति के बड़े हिस्से को पहले ही प्रिया कपूर अपने नाम कर चुकी हैं और अब फर्जी वसीयत का सहारा लेकर शेष संपत्तियों को भी ट्रांसफर करने की कोशिश हो रही है।

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प्रिया कपूर की दलील

प्रिया कपूर की तरफ से बार-बार यह कहा जा रहा है कि उनकी मंशा किसी का हक मारने की नहीं है। बल्कि वे सिर्फ इतना चाहती हैं कि संपत्ति की डिटेल्स पब्लिक न हों, जिससे परिवार की निजी जानकारी मीडिया और पब्लिक में गलत तरह से न फैल सके।

उनके वकील राजीव नायर का कहना है कि अगर अदालत को कोई स्पष्टीकरण चाहिए, तो वह सीलबंद लिफाफे में हर डिटेल देने को तैयार हैं।

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विवाद का असर

यह विवाद केवल कोर्ट तक सीमित नहीं है। चूंकि इसमें करिश्मा कपूर, कपूर फैमिली और बॉलीवुड से जुड़ा नाम शामिल है, इसलिए यह खबर मीडिया और जनता दोनों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।

इस विवाद ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि भारत में वसीयत और संपत्ति विवाद कितने जटिल हो सकते हैं, खासकर तब जब परिवार का हिस्सा पब्लिक फिगर हो।

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आगे क्या?

फिलहाल हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई तय कर दी है। अदालत का झुकाव यह जानने पर है कि क्या वास्तव में गोपनीयता का तर्क सही है या फिर यह केवल संपत्ति को छिपाने की चाल है।

अगर अदालत यह मानती है कि वसीयत फर्जी है, तो पूरा मामला नया मोड़ ले सकता है और प्रिया कपूर के खिलाफ गंभीर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।

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निष्कर्ष

संजय कपूर की संपत्ति का यह विवाद केवल कानूनी लड़ाई नहीं है, बल्कि यह बच्चों के भविष्य, पारिवारिक रिश्तों और पब्लिक ट्रस्ट से भी जुड़ा है। एक ओर करिश्मा कपूर के बच्चों को लगता है कि उनके जायज हक छीने जा रहे हैं, तो दूसरी ओर प्रिया कपूर यह तर्क दे रही हैं कि उनकी कोशिश केवल गोपनीयता बनाए रखने की है।

अब देखना होगा कि हाईकोर्ट किस निष्कर्ष पर पहुंचता है और क्या सच सामने आता है। फिलहाल इतना तय है कि यह मामला लंबे समय तक सुर्खियों में रहने वाला है।

Source: Ndtv

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