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सोनिया गाँधी वोटर लिस्ट विवाद: दिल्ली कोर्ट में FIR की माँग, 1980 में नाम जुड़ने पर बवाल

दिल्ली की राउज एवेन्यु कोर्ट में सोनिया गाँधी के खिलाफ FIR की माँग को लेकर याचिका दायर हुई। आरोप है कि 1980 में भारतीय नागरिक न होते हुए भी उनका नाम वोटर लिस्ट में शामिल हुआ। कोर्ट ने अगली सुनवाई 10 सितंबर तय की। जानें पूरा विवाद।

सोनिया गाँधी वोटर लिस्ट विवाद: दिल्ली कोर्ट में FIR की माँग, 1980 में नाम जुड़ने पर बवाल

सोनिया गाँधी की नागरिकता और वोटर लिस्ट विवाद

delhi

1:48 PM, Sep 5, 2025

O News हिंदी Desk

सोनिया गाँधी की नागरिकता और वोटर लिस्ट विवाद: दिल्ली कोर्ट में दायर हुई आपराधिक याचिका

दिल्ली की राउज एवेन्यु कोर्ट में एक याचिका दायर कर कांग्रेस नेता सोनिया गाँधी के खिलाफ FIR दर्ज करने की माँग की गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि सोनिया गाँधी का नाम 1980 में नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में शामिल कर लिया गया था, जबकि वे उस समय भारतीय नागरिक नहीं थीं।

याचिका में लगाए गए आरोप

शिकायतकर्ता एडवोकेट विकास त्रिपाठी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि सोनिया गाँधी मूल रूप से इटली की नागरिक थीं और उन्होंने 30 अप्रैल 1983 को भारतीय नागरिकता प्राप्त की थी। लेकिन इससे तीन साल पहले, 1980 में ही उनका नाम मतदाता सूची में जोड़ा गया।

सीनियर एडवोकेट अनिल सोनी और पवन नारंग ने अदालत के समक्ष दलील दी कि 1982 में सोनिया गाँधी का नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया था। इसका सीधा अर्थ यह है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नाम जोड़ा गया था, जो गंभीर आपराधिक मामला है।

पुलिस कार्रवाई पर सवाल

नारंग ने अदालत में कहा कि इस मामले को लेकर दिल्ली पुलिस से भी शिकायत की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। यही कारण है कि अब शिकायतकर्ता को अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा। उनका कहना था कि यह मामला केवल राजनीति नहीं बल्कि कानून के उल्लंघन से जुड़ा हुआ है, जिसके लिए निष्पक्ष जाँच जरूरी है।

अदालत की कार्यवाही

गुरुवार (4 सितंबर 2025) को सुनवाई के दौरान ACJM वैभव चौरसिया ने पाया कि शिकायतकर्ता ने पर्याप्त दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं। इस आधार पर अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 10 सितंबर 2025 तय कर दी है।

बीजेपी का हमला

यह विवाद नया नहीं है। इससे पहले बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने भी प्रेस वार्ता में यह सवाल उठाया था कि जब सोनिया गाँधी 1983 में भारतीय नागरिक बनीं, तो फिर 1980 में उनका नाम मतदाता सूची में कैसे शामिल हो गया?

वहीं, बीजेपी नेता अमित मालवीय ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर 1980 की मतदाता सूची की एक कॉपी शेयर की थी। इसमें नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र के सफदरजंग रोड स्थित पोलिंग स्टेशन नंबर 145 की वोटर लिस्ट में इंदिरा गाँधी, राजीव गाँधी, संजय गाँधी, सोनिया गाँधी और मेनका गाँधी का नाम मौजूद था। मालवीय ने आरोप लगाया था कि सोनिया गाँधी का भारत की मतदाता सूची से जुड़ा इतिहास चुनावी कानूनों के उल्लंघनों से भरा है। यही कारण है कि कांग्रेस नेता राहुल गाँधी भी अवैध मतदाताओं को नियमित करने की बात करते हैं और SIR (Statutory Investigation Report) का विरोध करते हैं।

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निष्कर्ष

दिल्ली की अदालत में दायर इस याचिका ने एक बार फिर सोनिया गाँधी की नागरिकता और वोटर लिस्ट विवाद को सुर्खियों में ला दिया है। अदालत ने मामले को गंभीर मानते हुए अगली सुनवाई तय की है। अब देखना होगा कि क्या इस पर पुलिस जांच आगे बढ़ती है या नहीं। फिलहाल यह मामला सिर्फ राजनीतिक बहस ही नहीं बल्कि चुनावी पारदर्शिता और कानून व्यवस्था से जुड़ा एक अहम सवाल बन गया है।

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