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Tax on Gold Jewellery: खानदानी गहनों पर इनकम टैक्स का नया नियम, कब लगेगा टैक्स और कैसे मिलेगी छूट?

जानिए Income Tax on Gold Jewellery के नियम। खानदानी गहनों को रखने पर टैक्स नहीं देना पड़ता, लेकिन बेचने पर Capital Gain Tax लगता है। पढ़ें Gold Investment पर लागू नए टैक्स नियम, Section 54F और टैक्स छूट पाने के आसान तरीके।

Tax on Gold Jewellery: खानदानी गहनों पर इनकम टैक्स का नया नियम, कब लगेगा टैक्स और कैसे मिलेगी छूट?

Tax on Gold Jewellery

delhi

5:24 PM, Sep 19, 2025

O News हिंदी Desk

Tax on Gold: क्या खानदानी सोने के गहनों पर देना होगा टैक्स? जानिए इनकम टैक्स के नए नियम

नई दिल्ली: भारत में सोने की ज्वैलरी (Gold Jewellery) सिर्फ गहनों का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह परंपरा, भावनाओं और निवेश (Investment) का भी अहम हिस्सा है। हर भारतीय घर में पीढ़ी-दर-पीढ़ी सोना आगे बढ़ता है। मां-बाप या दादा-दादी से मिले गहनों को लोग "खानदानी" खजाना मानते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसे गहनों पर टैक्स (Tax on Gold) का क्या नियम है? क्या इन पर भी इनकम टैक्स (Income Tax Rules) देना पड़ता है?

अक्सर लोग यह मानकर चलते हैं कि खानदानी गहनों पर टैक्स जैसी कोई बात ही नहीं होती। जबकि इनकम टैक्स एक्ट (Income Tax Act) में इसके लिए साफ प्रावधान हैं। आइए जानते हैं कि खानदानी सोने की ज्वैलरी पर टैक्स कब लगता है और इससे कैसे बचा जा सकता है।

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खानदानी सोने पर टैक्स नहीं, लेकिन...

अगर आपको अपने माता-पिता या दादा-दादी से सोने की ज्वैलरी विरासत (Inheritance) में मिली है, तो इसे सिर्फ रखने पर कोई टैक्स नहीं लगता।

  1. इनकम टैक्स एक्ट की धारा 56(2)(x) और
  2. धारा 47(iii)

यह साफ कहती है कि गहने गिफ्ट (Gift) या विरासत (Inheritance of Gold) के रूप में मिलने पर इन्हें आपकी आय (Income) नहीं माना जाएगा।

👉 यानी सोने को घर में रखना टैक्स-फ्री है। लेकिन समस्या तब आती है जब आप इन गहनों को बेचते (Sell Gold Jewellery) हैं।

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सोना बेचने पर कब लगता है टैक्स?

गोल्ड ज्वैलरी बेचने पर होने वाले मुनाफे को "कैपिटल गेन" (Capital Gain on Gold) माना जाता है।

  1. टैक्स गहनों की पूरी कीमत पर नहीं, बल्कि सिर्फ मुनाफे (Profit on Sale of Gold) पर देना होता है।
  2. यह मुनाफा उस समय निकलता है जब बिक्री मूल्य (Selling Price) से खरीद लागत (Purchase Cost) घटाई जाती है।

खरीद लागत कैसे तय होती है?

अगर आपके खानदानी गहने 1 अप्रैल 2001 से पहले खरीदे गए थे, तो उस समय का Fair Market Value (FMV) माना जाता है। इसके बाद इस कॉस्ट को Cost Inflation Index (CII) से एडजस्ट किया जाता है ताकि महंगाई (Inflation) का असर भी जोड़ा जा सके।

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नया टैक्स नियम 2024 से लागू

जुलाई 2024 से गोल्ड ज्वैलरी पर टैक्स नियम बदल गए हैं।

  1. पहले 36 महीने तक गहने रखने पर शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (Short Term Capital Gain Tax) माना जाता था।
  2. अब यह अवधि घटाकर 24 महीने कर दी गई है।

नया नियम इस तरह है:

  1. 24 महीने से पहले बेचने पर → मुनाफा शॉर्ट-टर्म गेन माना जाएगा और टैक्स आपकी इनकम टैक्स स्लैब (Income Tax Slab) के हिसाब से लगेगा।
  2. 24 महीने बाद बेचने पर → मुनाफा लॉन्ग-टर्म गेन (Long Term Capital Gain) माना जाएगा और इस पर 12.5% फ्लैट टैक्स लगेगा।
  3. पहले की तरह इंडेक्सेशन का फायदा (Indexation Benefit) अब नहीं मिलेगा।

👉 आसान शब्दों में कहें तो, अगर आपने सोना लंबे समय तक रखा और फिर बेचा, तो अब सिर्फ 12.5% का टैक्स देना होगा।

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टैक्स से कैसे मिलेगी छूट?

अगर आप सोने की ज्वैलरी बेचकर अच्छा मुनाफा कमा लेते हैं, तो आपको उस पर कैपिटल गेन टैक्स देना ही होगा। लेकिन कुछ तरीके हैं जिनसे आप इस टैक्स में छूट (Tax Exemption on Gold) पा सकते हैं।

1. Section 54F का फायदा

अगर आप गोल्ड बेचकर पूरा पैसा किसी नए घर (Residential Property) की खरीद या निर्माण में लगाते हैं, तो टैक्स से छूट मिल सकती है।

  1. शर्त यह है कि आपके पास पहले से एक से ज्यादा घर न हो।
  2. साथ ही निवेश की यह प्रक्रिया तय समयसीमा के अंदर करनी होगी।

2. Capital Gain Bonds में निवेश

कुछ विशेष बॉन्ड (जैसे NHAI या REC Bonds) में निवेश करके भी टैक्स से राहत पाई जा सकती है। इन बॉन्ड्स में निवेश करने पर एक निश्चित अवधि तक पैसा लॉक रहता है, लेकिन टैक्स का बोझ काफी कम हो जाता है।

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एक्सपर्ट्स की राय

टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि खानदानी गहनों पर सिर्फ बेचने पर ही टैक्स लगता है।

  1. इन्हें गिफ्ट या विरासत में पाने पर टैक्स नहीं देना होता।
  2. लेकिन जैसे ही आप इन्हें कैश या पैसे में बदलते हैं, यह "कैपिटल गेन" की श्रेणी में आ जाता है।

👉 इसलिए अगर आपके पास खानदानी सोना है और आप उसे बेचना चाहते हैं, तो पहले टैक्स कैलकुलेशन जरूर समझ लें।

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आसान उदाहरण से समझें

मान लीजिए आपके दादा-दादी ने 1995 में 1 लाख रुपये में 100 ग्राम सोना खरीदा था। अब आपने 2025 में इसे 6 लाख रुपये में बेच दिया।

  1. खरीद लागत (1995 की) = ₹1,00,000
  2. बेचने की कीमत (2025) = ₹6,00,000
  3. मुनाफा = ₹5,00,000

👉 इस ₹5 लाख पर आपको कैपिटल गेन टैक्स देना होगा। अगर यह 24 महीने से ज्यादा पुराना है, तो सीधा 12.5% टैक्स लगेगा।

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खानदानी सोना: भावनाओं से जुड़ा, नियमों से भी

भारतीय समाज में सोना सिर्फ गहना नहीं बल्कि "सुरक्षा" (Financial Security) और "सम्मान" (Prestige) का प्रतीक माना जाता है। शादी-ब्याह, त्योहार या बच्चों की पढ़ाई-ब्याह जैसी जरूरतों में यह हमेशा काम आता है।

लेकिन यह समझना जरूरी है कि टैक्स के नजरिए से खानदानी गहनों को अलग नहीं माना जाता। सोना चाहे खानदानी हो या नया खरीदा हुआ, टैक्स का नियम दोनों पर एक जैसा ही लागू होता है।

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निष्कर्ष

  1. खानदानी सोने को रखने पर कोई टैक्स नहीं।
  2. बेचने पर मुनाफे पर कैपिटल गेन टैक्स लगेगा।
  3. 24 महीने बाद बेचने पर 12.5% फ्लैट टैक्स देना होगा।
  4. टैक्स से छूट Section 54F या Capital Gain Bonds में निवेश करके मिल सकती है।

👉 अगर आपके पास खानदानी गहने हैं और आप उन्हें बेचना चाहते हैं, तो टैक्स नियमों को अच्छी तरह समझकर ही फैसला करें। वरना आपकी भावनात्मक धरोहर आर्थिक बोझ भी बन सकती है।

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Source: NDTV

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