"Gen-Z की ताकत से संविधान बचेगा, वोट चोरी रुकेगी!" - राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा भारत के Gen-Z और युवा संविधान बचाएंगे, लोकतंत्र की रक्षा करेंगे और वोट चोरी रोकेंगे। चुनाव आयोग ने उनके आरोपों को खारिज किया।

Rahul Gandhi
delhi
8:40 PM, Sep 18, 2025
O News हिंदी Desk
देश के Gen-Z बचाएंगे संविधान, रोकेंगे वोट चोरी… राहुल गांधी का बड़ा बयान
राहुल गांधी ने फिर साधा चुनाव आयोग पर निशाना, बोले – युवा ही करेंगे लोकतंत्र की रक्षा
नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि भारत का भविष्य देश के युवाओं और Gen-Z पर टिका है। यही युवा संविधान को बचाएंगे, लोकतंत्र की रक्षा करेंगे और कथित "वोट चोरी" को रोकेंगे। राहुल का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पड़ोसी देश नेपाल में Gen-Z आंदोलन चर्चा का विषय बना हुआ है।
नेपाल के आंदोलन से तुलना
राहुल गांधी ने अपने बयान में विशेष तौर पर Gen-Z का उल्लेख किया। हाल ही में नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ Gen-Z ने बड़ा आंदोलन छेड़ा था। यह प्रदर्शन धीरे-धीरे इतना उग्र हो गया कि सरकार के खिलाफ विद्रोह जैसी स्थिति बन गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस आंदोलन में 34 से अधिक लोगों की मौत हुई और हजारों घायल हुए। आखिरकार नेपाल में अंतरिम सरकार बनी और सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया।
भारत में राहुल गांधी का Gen-Z का उदाहरण देना राजनीतिक रूप से कई मायनों में देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि राहुल अपने बयान के जरिए युवा मतदाताओं को यह संदेश देना चाहते हैं कि आने वाले चुनावों में वे निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।
वोट चोरी पर राहुल गांधी का हमला
18 सितंबर को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर सीधे-सीधे निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि आयोग फर्जी तरीके से लोगों के वोट डिलीट कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि गलत मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल करके मतदाता सूची में हेरफेर की जा रही है।
राहुल गांधी ने यहां तक कहा कि अब चुनाव आयोग के अंदर से ही लोग कांग्रेस को जानकारी दे रहे हैं। उनका कहना है कि वोट चोरी लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है और युवाओं को इस लड़ाई में आगे आना होगा।
चुनाव आयोग का पलटवार
राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने तुरंत जवाब दिया। आयोग ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि किसी भी आम नागरिक का वोट ऑनलाइन डिलीट नहीं किया जा सकता। आयोग ने स्पष्ट किया कि इस तरह की बातें गलत और भ्रामक हैं।
आयोग का कहना है कि वोटर लिस्ट में किसी भी बदलाव की एक पारदर्शी प्रक्रिया होती है, जिसमें मतदाता की पहचान की जांच और उसके बाद ही आवश्यक कदम उठाए जाते हैं।
विपक्षी पार्टियों की प्रतिक्रिया
राहुल गांधी के इस बयान पर विपक्षी खेमे से भी राजनीतिक हलचल बढ़ने की संभावना है। भाजपा और अन्य दल राहुल के बयानों को सिर्फ "लोकप्रियता पाने की रणनीति" बता सकते हैं। वहीं कांग्रेस समर्थक इसे लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए एक बड़ा संदेश मान रहे हैं।
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युवाओं की भूमिका पर जोर
राहुल गांधी ने अपने भाषण में युवाओं को सीधे संबोधित करते हुए कहा कि देश की असली ताकत Gen-Z और स्टूडेंट्स हैं। यही वर्ग यह सुनिश्चित करेगा कि संविधान पर कोई आंच न आए और लोकतांत्रिक प्रक्रिया पारदर्शी रहे।
उन्होंने कहा – "मैं देश के हर छात्र, हर युवा और हर Gen-Z के साथ खड़ा हूं। यही लोग वोट चोरी रोकेंगे और लोकतंत्र को बचाएंगे।"
राजनीतिक मायने क्या हैं?
विशेषज्ञों का मानना है कि राहुल गांधी का यह बयान 2029 के आम चुनाव को ध्यान में रखकर दिया गया है। भारत की जनसंख्या में 18 से 29 वर्ष आयु वर्ग का हिस्सा सबसे बड़ा है और यही वोट बैंक आने वाले चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।
नेपाल का उदाहरण देकर राहुल गांधी ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि अगर पड़ोसी देश के युवा बदलाव ला सकते हैं, तो भारत के Gen-Z भी लोकतंत्र और संविधान की रक्षा कर सकते हैं।
सोशल मीडिया और Gen-Z
नेपाल के आंदोलन ने यह भी साबित किया कि सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को संगठित करना आसान है। भारत में भी ट्विटर (अब X), इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर Gen-Z काफी सक्रिय है। राहुल गांधी लंबे समय से युवाओं को अपनी राजनीतिक मुहिम में जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
क्या बदल सकता है राजनीतिक समीकरण?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी के बयान से भाजपा और अन्य दलों पर सीधा दबाव बन सकता है। अगर कांग्रेस युवाओं को अपनी ओर खींचने में सफल रहती है, तो यह 2029 के लोकसभा चुनाव में उसके लिए बड़ा प्लस प्वाइंट हो सकता है।
निष्कर्ष
राहुल गांधी का बयान सिर्फ चुनाव आयोग या वोट चोरी के मुद्दे तक सीमित नहीं है। यह युवाओं, खासकर Gen-Z, को राजनीति की मुख्यधारा में लाने का प्रयास है। नेपाल के आंदोलन का हवाला देकर उन्होंने संकेत दिया है कि अगर लोकतंत्र को बचाना है तो युवाओं को आगे आना ही होगा।
अब देखने वाली बात यह होगी कि विपक्षी दल इस बयान को कैसे लेते हैं और क्या कांग्रेस आने वाले चुनावों तक युवा वोट बैंक को मजबूत करने में सफल रहती है।
Source: tv9hindi