बरेली में जीजा-साली और साला-ननद का गजब तमाशा, थाने में भी पलट गई कहानी!
UP Bareilly Viral News: बरेली में जीजा अपनी साली संग फरार हुआ तो अगले दिन साला ननद को भगा ले गया। मामला थाने पहुंचा, पंचायत हुई और दोनों परिवारों ने आपसी समझौते के बाद विवाद खत्म कर दिया। पढ़िए पूरी मजेदार कहानी।

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6:45 PM, Sep 16, 2025
O News हिंदी Desk
बरेली में गजब तमाशा! जीजा-साली और साला-ननद के प्यार ने पुलिस तक को कर दिया हैरान
बरेली (Uttar Pradesh): उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में ऐसा अनोखा मामला सामने आया है जिसे सुनकर लोग दंग रह गए। यहां एक युवक अपनी साली को लेकर फरार हो गया, तो अगले ही दिन उसका साला भी जीजा की बहन को लेकर भाग निकला। मामला थाने पहुंचा, पंचायत बिठी और आखिरकार दोनों परिवारों ने आपसी समझौते के बाद विवाद खत्म कर दिया।
यह घटना देवरानिया और नवाबगंज थाना क्षेत्र की है। पुलिस ने खुद माना कि इस तरह का अनोखा प्रकरण उन्होंने पहली बार देखा है।
कहानी की शुरुआत: जीजा और साली का गुप्त प्यार
मामले की शुरुआत तब हुई जब केशव कुमार (28), जो कि देवरानिया थाना क्षेत्र का रहने वाला है, अपनी 19 वर्षीय साली के प्यार में पड़ गया। केशव की शादी छह साल पहले नवाबगंज की एक युवती से हुई थी। दो बच्चे भी हैं। इसके बावजूद वह अपनी पत्नी की बहन से दिल लगा बैठा।
घर-परिवार को भनक न लगे, इसके लिए दोनों चुपचाप मिलते रहे। लेकिन आखिरकार 23 अगस्त को केशव अपनी साली को लेकर फरार हो गया।
कहानी में ट्विस्ट: साला भी निकला खिलाड़ी
केशव के भागने की घटना से घर में हड़कंप मच गया। लेकिन मामला यहीं खत्म नहीं हुआ। अगले ही दिन कहानी ने ऐसा मोड़ लिया जिसे कोई सोच भी नहीं सकता था।
केशव का साला रविन्द्र (22), जो कि उसकी पत्नी का भाई है, जीजा की बहन पर दिल हार बैठा था। उसने भी बिना देर किए 24 अगस्त को जीजा की 19 वर्षीय बहन को भगा लिया।
यानी पहले जीजा-साली भागे, फिर साला-ननद। यह सुनकर गांव के लोग भी हैरान रह गए।
थाने तक पहुंची शिकायत, लेकिन पलट गया मामला
दोनों घटनाओं के बाद परिवारों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। मामला जब थाने पहुंचा तो पुलिस भी सोच में पड़ गई कि आखिर इस उलझन को कैसे सुलझाया जाए।
नवाबगंज थाना प्रभारी निरीक्षक अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिस ने दोनों जोड़ियों को 14 और 15 सितंबर को बरामद कर लिया। लेकिन थाने में ही मामला पलट गया।
दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ कार्रवाई की जगह आपसी समझौते का रास्ता चुना।
पंचायत में बैठी “प्रेम चौपाल”
थाने में दोनों परिवार आमने-सामने आए। गुस्से और आरोप-प्रत्यारोप के बीच जब पंचायत शुरू हुई तो माहौल धीरे-धीरे हल्का हो गया। गांव और समाज के प्रतिष्ठित लोग भी मौजूद रहे।
घंटों चली पंचायत के बाद आखिरकार सभी ने तय किया कि मामला यहीं खत्म कर देना ही बेहतर है। न किसी ने पुलिस कार्रवाई की मांग की और न ही अदालत जाने की जिद की।
पुलिसकर्मियों ने भी राहत की सांस ली क्योंकि मामला किसी बड़े विवाद में बदल सकता था।
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सामाजिक संदेश या रिश्तों की उलझन?
इस घटना ने गांव-समाज में नई बहस छेड़ दी है। एक तरफ लोग इसे “प्यार की आज़ादी” का नाम दे रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर रिश्तों की मर्यादा टूटने पर चिंता भी जताई जा रही है।
- एक पक्ष कहता है कि प्यार रिश्तों को नहीं देखता, दिल जहां अटकता है, वहां जुड़ जाता है।
- वहीं दूसरी तरफ कई लोग इसे पारिवारिक संस्कार और सामाजिक ढांचे पर गहरी चोट मान रहे हैं।
गांव के बुजुर्गों के अनुसार यह घटना आने वाली पीढ़ी को सोचने पर मजबूर कर देगी कि रिश्तों की परिभाषा आखिर कहां तक सीमित है।
बरेली पुलिस की अनोखी परीक्षा
बरेली पुलिस ने इस पूरे मामले को बड़ी समझदारी से संभाला। आमतौर पर ऐसे मामलों में तनाव और झगड़े की स्थिति बन जाती है। लेकिन पुलिस ने दोनों परिवारों को बैठाकर समझाया और समझौता करवाया।
थाना प्रभारी ने साफ किया कि अगर परिवार चाहे तो कानूनी कार्रवाई हो सकती थी, मगर दोनों पक्षों ने खुद ही समझौता कर लिया। इसलिए मामला वहीं खत्म कर दिया गया।
गांव में बनी चर्चा का विषय
अब यह घटना पूरे बरेली और आसपास के गांवों में चर्चा का विषय बन चुकी है। लोग हंसी-मजाक में कह रहे हैं— “पहले जीजा साली को ले भागा, फिर साला ननद को। आखिर बराबरी हो गई!”
दूसरे लोग इसे “अनोखा अदला-बदली का प्यार” करार दे रहे हैं।
सोशल मीडिया पर भी यह मामला वायरल हो रहा है। लोग तरह-तरह के मीम्स और जोक्स बना रहे हैं।
रिश्तों की डोर और समाज की सोच
ऐसे मामले यह सवाल जरूर खड़े करते हैं कि आखिर आधुनिक दौर में रिश्तों का महत्व कितना बदल चुका है। पहले जहां साली और जीजा का रिश्ता मजाक तक सीमित माना जाता था, वहीं अब यह “प्यार” के रूप में सामने आ रहा है।
इसी तरह ननद और साले का रिश्ता भी पारिवारिक नोक-झोंक का हिस्सा रहा है, लेकिन इस घटना ने उसकी परिभाषा बदल दी।
समाजशास्त्रियों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं रिश्तों की पारंपरिक समझ को चुनौती देती हैं और यह एक नई सामाजिक हकीकत का संकेत है।
निष्कर्ष
बरेली का यह मामला जितना मजेदार है उतना ही हैरान करने वाला भी। जीजा-साली और साला-ननद का भाग जाना गांव-समाज में लंबे समय तक चर्चा का विषय रहेगा।
हालांकि, दोनों परिवारों ने आपसी सहमति से विवाद खत्म कर लिया, जिससे पुलिस भी राहत महसूस कर रही है। लेकिन इस घटना ने यह साबित कर दिया कि “प्यार” जब भी और जहां भी होता है, वह रिश्तों की मर्यादा और सामाजिक ढांचे की परवाह नहीं करता।