UPI Limit Increase 2025: 15 सितंबर से लागू नया UPI ट्रांजेक्शन नियम..
UPI Transaction Limit 2025: NPCI ने UPI पेमेंट लिमिट बढ़ाई। अब टैक्स पेमेंट, बीमा प्रीमियम, EMI और क्रेडिट कार्ड बिल के लिए 24 घंटे में 10 लाख रुपये तक का ट्रांजेक्शन संभव। नया नियम 15 सितंबर 2025 से लागू होगा।

15 सितंबर से लागू नया UPI ट्रांजेक्शन नियम..
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3:21 PM, Sep 6, 2025
O News हिंदी Desk
UPI Limit Increase: अब 24 घंटे में कर पाएंगे 10 लाख तक का डिजिटल पेमेंट, 15 सितंबर से लागू होगा नया नियम
नई दिल्ली: डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने और करदाताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ट्रांजेक्शन लिमिट में बड़ा बदलाव किया है। अब कुछ विशेष कैटेगरीज में लोग प्रतिदिन 10 लाख रुपये तक का UPI पेमेंट कर पाएंगे। यह नया नियम 15 सितंबर 2025 से लागू हो जाएगा।
अब तक क्या थी UPI ट्रांजेक्शन लिमिट?
अब तक UPI के जरिए अधिकतम 1 लाख रुपये प्रतिदिन का लेनदेन किया जा सकता था। यह सीमा ज्यादातर उपयोगकर्ताओं के लिए ठीक थी, लेकिन बड़ी राशि का भुगतान करने वाले टैक्सपेयर्स, निवेशक और व्यापारी वर्ग को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।
नया नियम क्यों लागू किया गया?
इस बदलाव का सीधा संबंध इस साल आयकर रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 15 सितंबर 2025 से है। चूंकि इस समय बड़ी संख्या में करदाता डिजिटल माध्यम से टैक्स और अन्य बड़े पेमेंट करते हैं, इसलिए NPCI ने UPI की सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया।
नई UPI लिमिट कहाँ लागू होगी?
नई सीमा केवल Person-to-Merchant (P2M) ट्रांजेक्शन पर लागू होगी। यानी जब आप किसी बैंक, सरकारी पोर्टल, बीमा कंपनी, निवेश प्लेटफॉर्म या अधिकृत व्यापारी को भुगतान करेंगे।
वहीं, Person-to-Person (P2P) ट्रांजेक्शन (जैसे दोस्तों या परिवार को पैसा भेजना) की लिमिट अब भी 1 लाख रुपये प्रतिदिन ही बनी रहेगी।
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नई UPI लिमिट का विवरण (श्रेणीवार)
UPI लिमिट बढ़ने से किसे होगा फायदा?
- टैक्सपेयर: अब एक बार में ₹5 लाख और दिनभर में ₹10 लाख तक टैक्स पेमेंट संभव।
- निवेशक: बीमा, म्यूचुअल फंड और स्टॉक मार्केट में आसानी से बड़ा निवेश।
- बैंकिंग ग्राहक: EMI और लोन पेमेंट में तेजी।
- क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ता: बड़े बिल भी सीधे UPI से चुकाए जा सकेंगे।
- सेविंग्स यूजर्स: डिजिटल FD और सेविंग्स अकाउंट में तुरंत बड़ा डिपॉजिट संभव।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह कदम डिजिटल इकॉनमी को मजबूती देगा और UPI पेमेंट सिस्टम को और अधिक भरोसेमंद बनाएगा। इससे न केवल टैक्स कलेक्शन आसान होगा बल्कि कैश-लेस लेनदेन को भी नई रफ्तार मिलेगी।
निष्कर्ष
15 सितंबर 2025 से लागू होने वाला यह नियम करोड़ों लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगा। खासकर उन लोगों के लिए जो टैक्स पेमेंट, बीमा प्रीमियम, क्रेडिट कार्ड बिल और निवेश जैसे बड़े लेनदेन UPI से करना चाहते हैं।