भारत में विटामिन D की कमी: जानें कारण, खतरे और समाधान
भारत में विटामिन D की कमी: जानें कारण, खतरे और समाधान

भारत में विटामिन D की कमी: जानें कारण, खतरे और समाधान
12:00 AM, Apr 9, 2025
O News हिंदी Desk
भारत में तेजी से फैल रही है विटामिन डी की मूक महामारी: जानिए किन लोगों पर है सबसे ज़्यादा खतरा और बचाव के उपाय
Vitamin D Deficiency in India: क्या आप जानते हैं कि भारत में हर पांचवां व्यक्ति विटामिन डी की कमी से जूझ रहा है? हाल ही में ICRIER और ANVKA फाउंडेशन द्वारा किए गए अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ कि देश की बड़ी आबादी इस "मूक महामारी" की चपेट में है। सबसे चिंताजनक स्थिति पूर्वी भारत में देखी गई, जहांलगभग 39% लोग विटामिन डी की कमी से प्रभावितपाए गए।
विटामिन डी की कमी क्यों है खतरनाक?
विटामिन डी की भूमिका सिर्फ हड्डियों की मजबूती तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारेइम्यून सिस्टम, मानसिक स्वास्थ्य और हार्मोनल बैलेंसमें भी अहम भूमिका निभाता है। इसकी कमी से कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जैसे:
- रिकेट्स और ऑस्टियोमलेशिया
- मांसपेशियों की कमजोरी और थकान
- डिप्रेशन और मूड स्विंग्स
- हृदय रोग, डायबिटीज और कुछ प्रकार के कैंसर
किन लोगों को होता है सबसे अधिक खतरा?
डॉ. आशीष चौधरी (मैनेजिंग डायरेक्टर, आकाश हेल्थकेयर) के अनुसार,विटामिन डी की कमी सबसे ज्यादा इन लोगों को प्रभावित करती है:
- बच्चे और किशोर– विकासशील शरीर में इस विटामिन की ज़रूरत अधिक होती है।
- गर्भवती महिलाएं– शिशु के विकास के लिए जरूरी है।
- बुज़ुर्ग व्यक्ति– उम्र बढ़ने के साथ अवशोषण क्षमता कम हो जाती है।
- महिलाएं– पुरुषों की तुलना में ज्यादा प्रभावित होती हैं।
- शहरी निवासी– धूप के कम संपर्क और बंद वातावरण के कारण जोखिम ज्यादा होता है।
विटामिन डी की कमी के प्रमुख कारण
इन्हें भी पढ़ें



- सूरज की रोशनी से कम संपर्क
- अनहेल्दी डाइट और प्रोसेस्ड फूड का बढ़ता चलन
- शारीरिक गतिविधियों की कमी
- त्वचा का अधिक ढंका रहना या सनस्क्रीन का अत्यधिक उपयोग
कैसे करें विटामिन डी की कमी को दूर?
अगर आप इस समस्या से बचना चाहते हैं, तो इन उपायों को अपनाएं:
सुबह की धूप लें– खासकर 7 से 8 बजे के बीच की हल्की धूप सबसे प्रभावी होती है।डाइट में सुधार करें– दूध, दही, अंडे की ज़र्दी, मशरूम और फोर्टिफाइड अनाज का सेवन बढ़ाएं।सप्लीमेंट्स पर विचार करें– डॉक्टरी सलाह से विटामिन डी सप्लीमेंट्स लिया जा सकता है।जागरूकता ज़रूरी है– समाज में इसके दुष्प्रभावों को लेकर जानकारी फैलाना बेहद ज़रूरी है।
निष्कर्ष
विटामिन डी की कमी भारत में एक गंभीर लेकिन अनदेखी समस्या बनती जा रही है।समय रहते इसके प्रति सजग होकर हम न केवल खुद को बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी कई बीमारियों से बचा सकते हैं।
Disclaimer:इस लेख में दी गई जानकारी केवल सामान्य जानकारी पर आधारित है। किसी भी प्रकार के इलाज, डाइट परिवर्तन या सप्लीमेंट लेने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।Onews.inइस जानकारी की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता।