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Waqf कानून 2025: 250 धरोहरों पर दावा खत्म.!

Waqf कानून 2025: 250 धरोहरों पर दावा खत्म.!

Waqf कानून 2025: 250 धरोहरों पर दावा खत्म.!

Waqf कानून 2025: 250 धरोहरों पर दावा खत्म.!

12:00 AM, Apr 19, 2025

O News हिंदी Desk

Waqf कानून 2025:वक्फ कानून में ऐतिहासिक बदलाव: 250 से अधिक राष्ट्रीय धरोहरों से वक्फ का दावा खत्म, ASI को मिलेगा अधिकार

📑Table of Contents

  1. वक्फ कानून में क्या है नया?
  2. किन ऐतिहासिक स्थलों से खत्म होगा वक्फ का दावा?
  3. वक्फ संपत्तियों के लिए क्या है नई प्रक्रिया?
  4. ASI और वक्फ बोर्ड के बीच पुराना विवाद
  5. सुप्रीम कोर्ट और ताज महल केस का जिक्र
  6. नया कानून और इसके प्रभाव
  7. निष्कर्ष: क्या यह ऐतिहासिक धरोहरों की सुरक्षा की दिशा में सही कदम है?

1. वक्फ कानून में क्या है नया?

मोदी सरकार ने8 अप्रैल 2025कोवक्फ संशोधन अधिनियम 2025 (Waqf Amendment Act 2025)को कानूनी रूप दे दिया है। इस नए कानून के तहत,वक्फ बोर्ड को अब अपनी संपत्तियों के दस्तावेज़ 6 महीने के भीतर एक राष्ट्रीय पोर्टल पर अपलोड करने होंगे। दस्तावेज़ न होने पर वक्फ का दावास्वतः अमान्यमाना जाएगा।

2. किन ऐतिहासिक स्थलों से खत्म होगा वक्फ का दावा?

नए कानून के अनुसार, जिनराष्ट्रीय धरोहरों पर वक्फ ने 'वक्फ बाय यूजर'के तहत दावा किया है, और जिनके पासप्रमाणिक दस्तावेज़ नहीं हैं, वहां से वक्फ का दावासमाप्त कर दिया जाएगा। यह संपत्तियां अबभारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI)के अधीन आ जाएंगी।

🔽 कुछ प्रमुख ऐतिहासिक स्थल:

  1. उग्रसेन की बावली– दिल्ली
  2. पुराना किला– दिल्ली
  3. हुमायूं का मकबरा– दिल्ली
  4. औरंगजेब का मकबरा– महाराष्ट्र
  5. प्रतापगढ़ किला– महाराष्ट्र
  6. गोंदिया के कई स्थल– महाराष्ट्र

3. वक्फ संपत्तियों के लिए क्या है नई प्रक्रिया?

  1. वक्फ बोर्ड को सभी संपत्तियों केमूल दस्तावेज़ ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोडकरने होंगे।
  2. 6 महीने का समय निर्धारित है, जिसे6 महीने तक बढ़ाया जा सकता है।
  3. यदि निर्धारित अवधि में दस्तावेज़ नहीं दिए गए, तोवक्फ का दावा अमान्यहो जाएगा।

4. ASI और वक्फ बोर्ड के बीच पुराना विवाद

वक्फ बोर्डका दावा है कि जिन स्थानों पर कभी नमाज अदा की गई, वेवक्फ संपत्तिमानी जानी चाहिए। वहीं,ASIका कहना है कि ये सभीराष्ट्रीय धरोहरें हैं और इन्हें संरक्षित करना उनका कानूनी अधिकार है।

5. सुप्रीम कोर्ट और ताज महल केस का जिक्र

विवाद का सबसे बड़ा उदाहरणताज महलहै।

  1. 2005 में सुन्नी वक्फ बोर्ड ने ताज महल को वक्फ संपत्ति घोषित किया।
  2. 2010 मेंसुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगाईऔर कहा – “कौन मानेगा कि ताज महल वक्फ संपत्ति है?”
  3. वक्फ बोर्ड कोईप्रामाणिक दस्तावेज़ प्रस्तुत नहीं कर सका।

6. नया कानून और इसके प्रभाव

  1. ASI को मिलेगी अधिक अधिकारिता– अब विवादित संपत्तियों पर वह कानूनी कब्जा ले सकेगा।
  2. विवादों में कमी– अदालतों में चल रहे वक्फ-संबंधी मामलों की संख्या में गिरावट आ सकती है।
  3. धरोहरों की सुरक्षा– संरक्षित स्मारकों पर ध्यान केंद्रित करना आसान होगा।
  4. हालांकि, यह मामला अभी भीसुप्रीम कोर्ट में विचाराधीनहै।

7. निष्कर्ष: क्या यह ऐतिहासिक धरोहरों की सुरक्षा की दिशा में सही कदम है?

वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 ऐतिहासिक धरोहरों कीसंरक्षा और स्वामित्व की स्पष्टताकी दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे न केवलकानूनी भ्रम समाप्त होगा, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत कोलंबे समय तक सुरक्षित रखनेमें भी मदद मिलेगी।

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