महिला के प्रेमी ने 11 साल के बेटे का जबरन खतना करवाया, POCSO Act में गिरफ्तार
Lucknow News: ठाकुरगंज इलाके से चौंकाने वाली घटना, कपड़ा व्यापारी मंजूर हसन ने महिला को प्रेमजाल में फंसाया और उसके 11 वर्षीय बेटे का जबरन खतना करवा दिया। पुलिस ने POCSO Act में केस दर्ज कर गिरफ्तारी की।

महिला के प्रेमी ने 11 साल के बेटे का जबरन खतना करवाया, ( Image AI )
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11:25 AM, Sep 26, 2025
O News हिंदी Desk
लखनऊ का सनसनीखेज मामला: प्रेमजाल में फंसाकर महिला के 11 साल के बेटे का जबरन खतना, आरोपी कपड़ा व्यापारी गिरफ्तार
लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। ठाकुरगंज इलाके में रहने वाले एक व्यक्ति ने पुलिस को शिकायत दी कि उसकी पत्नी को कपड़ा व्यापारी मंजूर हसन उर्फ सैफी ने अपने प्रेमजाल में फंसाया और उसके बाद महिला के 11 वर्षीय बेटे के साथ हैवानियत की। आरोप है कि व्यापारी ने न सिर्फ बच्चे के साथ गलत हरकतें कीं, बल्कि उसका जबरन खतना (circumcision) भी करवा दिया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच चल रही है।
कैसे हुआ खुलासा?
मामला तब सामने आया जब पीड़ित बच्चा अपने पिता के पास रोते हुए पहुंचा। उसने बताया कि उसकी मां और आरोपी उसे अपने साथ ले गए थे। वहां व्यापारी मंजूर हसन उर्फ सैफी ने उसके साथ गंदी हरकतें कीं और जबरन उसका खतना भी करवा दिया। मासूम की आपबीती सुनकर पिता का दिल दहल गया।
इसके बाद पिता सीधे ठाकुरगंज थाने पहुंचे और देर रात एफआईआर दर्ज करवाई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए गुरुवार सुबह ही आरोपी को पकड़ लिया।
पुलिस ने क्या कहा?
ठाकुरगंज थाना प्रभारी ओमवीर सिंह ने बताया कि मामला बेहद गंभीर है। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी कपड़ा व्यापारी मंजूर हसन उर्फ सैफी को गिरफ्तार कर लिया है। उस पर POCSO Act, बलात्कार, धर्म विशेष से जुड़ी धाराएं और अन्य संगीन आरोप लगाए गए हैं। पुलिस का कहना है कि इस मामले में कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा।
पीड़ित पिता का आरोप
पीड़ित पिता ने बताया कि उनकी पत्नी सआदतगंज के न्यू हैदरगंज इलाके में कपड़े की दुकान चलाती थी। इसी दौरान नूरबाड़ी निवासी कपड़ा व्यापारी मंजूर हसन से उसकी जान-पहचान हुई। धीरे-धीरे यह जान-पहचान रिश्ते में बदल गई और वह उनकी पत्नी को अपने साथ ले गया।
पिता का आरोप है कि पत्नी और बेटा आरोपी के घर पर रहने लगे। इस दौरान आरोपी ने मासूम बेटे को अपनी हवस का शिकार बनाया और जबरन उसका खतना करवा दिया।
डरे सहमे हालात में बच्चा भागा पिता के पास
इतना सब झेलने के बाद बच्चा डर और दर्द से परेशान होकर अपने पिता के पास भाग आया। उसने अपने पिता को रो-रोकर पूरी सच्चाई बताई। पीड़ित पिता ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस को घटना की जानकारी दी।
POCSO Act के तहत सख्त कार्रवाई
इस मामले में पुलिस ने Protection of Children from Sexual Offences (POCSO Act) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। यह कानून बच्चों को यौन शोषण, उत्पीड़न और उत्पीड़न की कोशिश से बचाने के लिए बनाया गया है। दोषी पाए जाने पर इसमें उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।
समाज के लिए चेतावनी
यह घटना सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं है, बल्कि समाज के लिए एक बड़ा सबक है। आए दिन यह देखा जा रहा है कि कैसे महिलाएं या बच्चे किसी लालच या भावनात्मक ब्लैकमेल में फंस जाते हैं। इस तरह के मामलों में बच्चों पर मनोवैज्ञानिक असर गहरा होता है।
बच्चे का मासूम बचपन, उसकी सुरक्षा और उसका आत्मविश्वास इस तरह की घटनाओं से टूट जाता है।
लखनऊ पुलिस की सख्ती
लखनऊ पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है। आरोपी की गिरफ्तारी के बाद अब पीड़िता महिला से भी पूछताछ की जा रही है। साथ ही, पुलिस ने मेडिकल जांच और अन्य सबूत जुटाने की प्रक्रिया तेज कर दी है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामलों में तेजी से चार्जशीट दाखिल कर सख्त से सख्त सजा दिलाने की कोशिश की जाएगी।
धार्मिक जबरन हस्तक्षेप का एंगल
इस केस में खतना (circumcision) को लेकर विवाद और भी गहरा हो गया है। पिता का कहना है कि आरोपी ने उनके बेटे की मर्जी के खिलाफ यह कदम उठाया। भारत जैसे बहुसांस्कृतिक देश में किसी भी व्यक्ति पर धर्म या धार्मिक प्रक्रिया थोपना न केवल असंवैधानिक है बल्कि मानवाधिकारों का भी खुला उल्लंघन है।
कानूनी पहलू
- POCSO Act के तहत कड़ी सजा
- IPC की धारा 377, 323, 506, 366 और 370 जैसे प्रावधान भी इस केस में लागू हो सकते हैं
- बाल अधिकार आयोग भी इस मामले पर स्वतः संज्ञान ले सकता है
- आरोपी पर जबरी धर्म परिवर्तन कराने की धारा भी जोड़ी जा सकती है
बच्चा और परिवार अब कहाँ?
सूत्रों के अनुसार, बच्चा फिलहाल अपने पिता के संरक्षण में है। मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में बच्चे की काउंसलिंग बेहद जरूरी होती है ताकि वह अपने मानसिक आघात से बाहर आ सके।
निष्कर्ष
लखनऊ का यह मामला समाज और प्रशासन दोनों के लिए आंखें खोलने वाला है। यह न सिर्फ एक अपराध की कहानी है, बल्कि उस व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा करता है जो मासूमों को सुरक्षित रखने में नाकाम साबित होती है।
पुलिस की तत्परता से आरोपी की गिरफ्तारी जरूर हो गई है, लेकिन सवाल यह है कि क्या बच्चे और उसके परिवार को अब न्याय मिल पाएगा? क्या समाज ऐसे अपराधियों के खिलाफ खड़ा होगा?
Source: NBT