India vs Pakistan: हैंडशेक विवाद में निकला नया राज़, मोहसिन नकवी फंसे
भारत-पाक मैच में सूर्यकुमार यादव और सलमान आगा के हैंडशेक विवाद की असली वजह सामने आई। रिपोर्ट्स ने PCB और मोहसिन नकवी की पोल खोली।

India vs Pakistan: हैंडशेक विवाद
saudi arebia
5:23 PM, Sep 18, 2025
O News हिंदी Desk
सूर्यकुमार यादव-सलमान आगा को हाथ मिलाने से किसने रोका? खुल गई पूरी सच्चाई!
भारत-पाकिस्तान मुकाबलों में मैदान पर जितना रोमांच दिखता है, उतना ही रोमांच उसके इर्द-गिर्द उठने वाले विवादों में भी देखने को मिलता है। 14 सितंबर को खेले गए भारत-पाकिस्तान मैच के दौरान एक ऐसा ही विवाद सामने आया जिसने क्रिकेट फैंस के बीच खलबली मचा दी। टॉस के समय जब भारतीय बल्लेबाज़ सूर्यकुमार यादव और पाकिस्तानी कप्तान सलमान आगा ने एक-दूसरे से हाथ नहीं मिलाया तो हर किसी के मन में यही सवाल उठने लगा – आखिर ऐसा क्यों हुआ?
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट पर आरोप लगाया कि उन्होंने दोनों टीमों को हैंडशेक करने से रोका था। लेकिन अब ताज़ा रिपोर्ट्स ने पूरी कहानी का सच सामने ला दिया है।
पीसीबी का आरोप और आईसीसी की सफाई
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत-पाकिस्तान मैच के अगले ही दिन यानी 15 सितंबर को पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने आईसीसी को ईमेल भेजकर शिकायत की। इस ईमेल में दावा किया गया कि मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट ने टॉस के समय आचार संहिता का उल्लंघन किया और खिलाड़ियों को हैंडशेक करने से रोका।
आईसीसी ने तुरंत इस मामले की जांच की और जवाब दिया कि पायक्रॉफ्ट ने किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया है। उल्टा, उन्होंने वही किया जो उन्हें एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) की ओर से आदेश मिले थे।
यानी साफ है कि पायक्रॉफ्ट सिर्फ ACC के निर्देशों का पालन कर रहे थे, न कि अपनी मर्ज़ी से कोई फैसला लिया था।
असली वजह – मोहसिन नकवी?
अब बड़ा सवाल ये उठता है कि अगर ACC ने यह आदेश दिया था, तो ज़िम्मेदार कौन है?
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, एसीसी के अध्यक्ष खुद पीसीबी चीफ मोहसिन नकवी हैं। इसका सीधा मतलब है कि अगर आदेश ACC से आया था, तो इसकी जिम्मेदारी नकवी की ही बनती है।
यानी, जिस मामले में पाकिस्तान ने आईसीसी और मैच रेफरी पर उंगली उठाई, उसकी जड़ें खुद उनके ही बोर्ड के अध्यक्ष तक पहुंचती हैं।
आईसीसी का दो टूक जवाब
जब आईसीसी ने पीसीबी को ईमेल में साफ-साफ बता दिया कि पायक्रॉफ्ट ने कोई गलती नहीं की, तो पाकिस्तान ने एक कदम और आगे बढ़ते हुए धमकी दी। पीसीबी ने कहा कि अगर पायक्रॉफ्ट को उनके मैचों के रोस्टर से नहीं हटाया गया तो वो एशिया कप से हट जाएंगे।
लेकिन आईसीसी अपने फैसले पर अड़ी रही। उसने दोहराया कि मैच रेफरी को किसी टीम की मांग पर नहीं बदला जा सकता, क्योंकि ऐसा करना भविष्य के लिए गलत मिसाल पेश करेगा।
17 सितंबर को भी पीसीबी ने फिर से ईमेल कर इस मुद्दे को उठाया और कहा कि मैच रेफरी ने आचार संहिता का उल्लंघन किया है। लेकिन जब आईसीसी ने और सबूत मांगे तो पाकिस्तान कोई ठोस जानकारी नहीं दे पाया।
फिर कैसे खेला गया यूएई-पाकिस्तान मैच?
इस विवाद का असर पाकिस्तान के अगले मैच तक जा पहुंचा। 17 सितंबर को जब पाकिस्तान का मैच यूएई से होना था, तो टीम ने तय समय पर स्टेडियम जाने से इनकार कर दिया।
हालात बिगड़ते देख खुद एंडी पायक्रॉफ्ट ने पहल की और पाकिस्तानी कप्तान सलमान आगा, टीम मैनेजर नवाज अकरम चीमा और कोच माइक हेसन को बुलाकर बैठक की। बताया जाता है कि इसी बैठक में पायक्रॉफ्ट ने स्थिति स्पष्ट की और कहा कि उन्होंने सिर्फ ACC के निर्देशों का पालन किया था।
पीसीबी का दावा है कि पायक्रॉफ्ट ने माफी भी मांगी, लेकिन अब सामने आई रिपोर्ट्स कहती हैं कि किसी भी तरह की माफी नहीं मांगी गई। यह केवल पाकिस्तान का प्रचार था ताकि अपनी गलती छुपाई जा सके।
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पाकिस्तान की पोल खुली
इस पूरे विवाद का निचोड़ यही है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने बिना वजह मैच रेफरी पर आरोप लगाया और आईसीसी को दबाव में लेने की कोशिश की। लेकिन जांच में साफ हो गया कि एंडी पायक्रॉफ्ट निर्दोष हैं और उन्होंने जो कुछ किया, वो ACC के आदेश पर किया।
अब जब ACC का नाम इसमें सामने आया है और उसके अध्यक्ष खुद पीसीबी चीफ मोहसिन नकवी हैं, तो सवाल उठना लाज़मी है – आखिर पाकिस्तान क्यों अपनी ही गलती का ठीकरा किसी और पर फोड़ना चाहता था?
क्रिकेट फैंस में नाराज़गी
भारत और पाकिस्तान के बीच जब भी मैच होता है, दुनियाभर के करोड़ों दर्शक इसे देखते हैं। ऐसे में टॉस के समय खिलाड़ियों का हाथ न मिलाना स्वाभाविक रूप से हर किसी को अजीब लगा।
सोशल मीडिया पर भी इस घटना की खूब चर्चा हुई। भारतीय फैंस ने इसे पाकिस्तान की चालबाज़ी बताया तो पाकिस्तानी फैंस ने इसे आईसीसी और भारत की साजिश करार दिया। लेकिन अब सच सामने आ चुका है कि असल में यह पूरा मामला पाकिस्तान के ही फैसले का नतीजा था।
विवाद क्यों बना इतना बड़ा?
क्रिकेट में हैंडशेक महज़ एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह स्पोर्ट्समैनशिप का प्रतीक है। जब भारत और पाकिस्तान जैसे कट्टर प्रतिद्वंद्वी आमने-सामने हों, तो ऐसी छोटी-छोटी चीज़ें भी बड़ा राजनीतिक और भावनात्मक रंग ले लेती हैं।
पीसीबी ने शायद यही सोचकर इस विवाद को हवा दी कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहानुभूति बटोर पाएगा। लेकिन उल्टा अब उनकी ही कूटनीतिक विफलता सामने आ गई है।
आगे क्या?
आईसीसी पहले ही साफ कर चुका है कि वह किसी भी बोर्ड की मनमानी नहीं मानेगा। ऐसे में पाकिस्तान के लिए अब यह विवाद एक बूमरैंग की तरह हो गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह विवाद सिर्फ पाकिस्तान के भीतर अपनी राजनीति को साधने और जनता को दिखाने का तरीका था। लेकिन अंतरराष्ट्रीय मंच पर इसकी वजह से उसकी छवि और कमजोर हुई है।
निष्कर्ष
भारत-पाकिस्तान मुकाबले में हैंडशेक विवाद ने साबित कर दिया कि क्रिकेट अब सिर्फ खेल नहीं, बल्कि सियासत और रणनीति का भी मैदान बन चुका है।
रिपोर्ट्स ने साफ कर दिया है कि एंडी पायक्रॉफ्ट निर्दोष हैं और उन्होंने केवल ACC के आदेशों का पालन किया। और चौंकाने वाली बात यह है कि ACC के अध्यक्ष खुद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड चीफ मोहसिन नकवी हैं।
यानि, जिसने दूसरों पर आरोप लगाया, असल में वही इसकी जड़ में बैठा था।
अब यह मामला क्रिकेट की बजाय पाकिस्तान की भूल और बचकाने रवैये की पोल खोल चुका है।