"ट्रंप ने मोदी को महान बताया, लेकिन भारत पर 50% टैरिफ लगाया | India-US Relation News"
"अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को चीन-रूस के करीब बताया, फिर मोदी को महान प्रधानमंत्री कहकर दोस्ती का दावा किया। साथ ही भारत पर 50% टैरिफ भी लगाया। जानिए पूरी खबर।"

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12:57 PM, Sep 6, 2025
O News हिंदी Desk
मोदी को 'महान' बताकर ट्रंप ने बदले सुर, भारत पर 50% टैरिफ लगाकर भी कहा– "हम हमेशा दोस्त रहेंगे"
नई दिल्ली, Onews Hindi। अमेरिका और भारत के रिश्तों पर एक बार फिर डोनाल्ड ट्रंप के बयान सुर्खियों में हैं। कभी नाराज़गी, कभी दोस्ती और कभी चीन-रूस पर आरोप—पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति के सुर बदलते देर नहीं लगती।
हाल ही में ट्रंप ने भारत और रूस की नज़दीकियों को लेकर कहा था कि "अमेरिका ने भारत और रूस को चीन के अंधेरे में खो दिया है"। यही नहीं, उन्होंने भारत पर 50% का भारी टैरिफ भी लगा दिया। लेकिन कुछ ही घंटों बाद उनका रुख बदल गया और मीडिया से बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को "महान प्रधानमंत्री" बताते हुए कहा– "मैं हमेशा मोदी का दोस्त रहूँगा, भारत और अमेरिका के बीच खास रिश्ता है।"
ट्रंप का डबल गेम: नाराज़गी भी, दोस्ती भी
ट्रंप ने भारत पर टैरिफ लगाने की वजह रूस से कच्चा तेल खरीदना बताया। उनका कहना था कि भारत की यह नीति अमेरिका के लिए निराशाजनक है और इससे अमेरिका की नौकरियों पर असर पड़ रहा है। फिर भी उन्होंने साफ किया कि यह सिर्फ "व्यापारिक नाराज़गी" है, जबकि भारत और अमेरिका की दोस्ती बरकरार रहेगी।
विशेषज्ञ मानते हैं कि ट्रंप अपने राजनीतिक फायदे के हिसाब से बयान बदलते हैं। एक ओर वे मोदी को "पुराना दोस्त" कहते हैं, दूसरी ओर भारत पर कड़े व्यापारिक कदम उठाने में हिचकिचाते नहीं।
चीन और रूस पर ट्रंप की चिंता
ट्रंप ने SCO शिखर सम्मेलन का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी, पुतिन और जिनपिंग को एक मंच पर देखना अमेरिका के लिए चिंता की बात है। उनके मुताबिक यह गठजोड़ दुनिया में एक नई वैश्विक व्यवस्था (New World Order) का संकेत देता है।
हालाँकि भारत ने इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सिर्फ इतना कहा कि "इस समय इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं है।" भारत की यह चुप्पी अपने आप में कूटनीतिक संकेत देती है।
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50% टैरिफ से बढ़ा व्यापारिक तनाव
अमेरिका द्वारा लगाया गया नया टैरिफ दो हिस्सों में है—25% बेसिक और 25% अतिरिक्त लेवी। इससे भारत-अमेरिका के रिश्तों में तनाव बढ़ गया है। विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को कई साल पीछे धकेल सकता है।
ट्रंप ने हालांकि उम्मीद जताई कि व्यापार वार्ताएँ "बहुत अच्छी" चल रही हैं और निकट भविष्य में मतभेद दूर हो सकते हैं।
विशेषज्ञों की राय
अमेरिका के पूर्व NSA जॉन बोल्टन का कहना है कि ट्रंप की नीतियों ने ही भारत को रूस और चीन के करीब धकेला। वहीं, उनके वरिष्ठ सलाहकार पीटर नवारो का बयान और भी विवादित रहा, जिसमें उन्होंने कहा कि "भारत रूस से तेल खरीदकर अमेरिका की नौकरियाँ खतरे में डाल रहा है।"
भारत के जानकारों का मानना है कि ट्रंप के ऐसे बयान सिर्फ अमेरिकी चुनावी राजनीति के लिहाज से दिए जाते हैं और इनसे रिश्तों की असली तस्वीर नहीं बदलती।
निष्कर्ष
ट्रंप का यह पूरा प्रकरण दिखाता है कि वे भारत को लेकर दोहरी रणनीति अपनाते हैं—एक तरफ व्यापारिक दबाव, दूसरी तरफ दोस्ती और सहयोग की बातें। फिलहाल भारत ने चुप्पी साध रखी है, लेकिन यह साफ है कि आने वाले समय में भारत-अमेरिका रिश्ते रूस और चीन की राजनीति से सीधे प्रभावित होंगे।