sliderimg
बड़ी खबर/न्यूज़/trying to do like nepal in assam cm sarma and gogoi face to face on the death of zubin garg onews hindi

असम में नेपाल जैसा करने की कोशिश? जुबिन गर्ग की मौत पर CM सरमा और गोगोई आमने-सामने | Onews Hindi

Zubeen Garg Death Case: असम के CM हिमंत बिस्वा सरमा और गौरव गोगोई में टकराव बढ़ा। सरमा बोले – असम को नेपाल नहीं बनने देंगे, जबकि गोगोई ने सीएम पर जांच भटकाने का आरोप लगाया। पढ़िए पूरी रिपोर्ट OnewsHindi.com पर।

असम में नेपाल जैसा करने की कोशिश? जुबिन गर्ग की मौत पर CM सरमा और गोगोई आमने-सामने | Onews Hindi

असम में नेपाल जैसा करने की कोशिश?

असम

12:11 PM, Oct 8, 2025

O News हिंदी Desk

असम में ‘नेपाल जैसा’ करने की कोशिश? जुबिन गर्ग की मौत पर CM सरमा और गोगोई आमने-सामने

गुवाहाटी | 9 अक्टूबर 2025 | रिपोर्ट – Onews Hindi

असम में मशहूर गायक जुबिन गर्ग की मौत अब केवल एक दुखद घटना नहीं रही — यह अब एक राजनीतिक संग्राम का रूप ले चुकी है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गौरव गोगोई खुलकर आमने-सामने आ गए हैं। दोनों के बयानों ने असम की सियासत को गर्मा दिया है।

सरमा का कहना है कि “कुछ लोग असम को नेपाल बनाने की कोशिश कर रहे हैं”, जबकि गोगोई का आरोप है कि मुख्यमंत्री खुद इस मामले की जांच को भटकाने और आयोजक श्यामकानु महंत को बचाने में लगे हैं।

*****

जुबिन गर्ग की मौत: सिंगापुर से असम तक गूंजा विवाद

असमिया संगीत जगत के स्टार जुबिन गर्ग 19 सितंबर को सिंगापुर में एक निजी कार्यक्रम के दौरान स्कूबा डाइविंग करते हुए हादसे का शिकार हुए। बताया गया कि अचानक पानी में उनकी तबीयत बिगड़ गई और अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई।

लेकिन जैसे-जैसे समय बीता, उनके परिवार, प्रशंसकों और असम की जनता के मन में सवाल उठने लगे — क्या यह सिर्फ एक दुर्घटना थी या इसके पीछे कुछ और?

इन्हीं सवालों ने इस घटना को भावनात्मक के साथ-साथ राजनीतिक रंग भी दे दिया।

*****

CM हिमंत बिस्वा सरमा की चेतावनी — “असम को नेपाल नहीं बनने देंगे”

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस मामले पर पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए कहा:

“कुछ लोग जुबिन गर्ग की मौत के नाम पर लोगों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। असम को नेपाल बनाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। जो भी लोग अफवाह फैलाएंगे, उनके खिलाफ पुलिस केस दर्ज किया जाएगा।”

सरमा ने यह भी कहा कि अगर विपक्षी नेता या अन्य लोग इस साजिश में शामिल पाए गए, तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे सीएए विरोध प्रदर्शनों के दौरान सरकार ने सख्त कदम उठाए थे, वैसे ही अब भी भड़काऊ गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

सरमा ने साफ शब्दों में कहा —

“मुझे यकीन है कि इस मामले में गौरव गोगोई से भी पूछताछ की जाएगी। किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा।”

*****

गौरव गोगोई का पलटवार — “सीएम महंत को बचा रहे हैं, न्याय नहीं दे रहे”

कांग्रेस नेता और असम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गौरव गोगोई ने इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जांच को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि असली दोषी बच सकें।

गोगोई बोले —

“असम के लोग जुबिन गर्ग की मौत की सच्चाई जानना चाहते हैं। लेकिन मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा जांच में बाधा डाल रहे हैं और आयोजक श्यामकानु महंत को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। यह नैतिकता नहीं, राजनीति है।”

उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री का रवैया दिखाता है कि वह जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।

“सरमा साहब को नैतिकता का भाषण देना बंद करना चाहिए। असम के लोग उनसे चरित्र प्रमाण पत्र नहीं चाहते — सिर्फ सच्चाई और न्याय चाहते हैं।”

*****

असम सरकार ने जुबिन गर्ग की मौत की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित किया है। इस टीम को निर्देश दिया गया है कि वे सिंगापुर में हुई घटना से लेकर आयोजकों के आर्थिक लेन-देन तक सबकी जांच करें।

जांच में सामने आया कि जुबिन गर्ग की टीम से जुड़े कुछ लोगों के बैंक खातों में करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ है। असम पुलिस ने इसकी जांच शुरू कर दी है।

साथ ही, जुबिन गर्ग की पत्नी ने भी सरकार से मांग की है कि जांच में किसी भी प्रकार की “राजनीतिक हस्तक्षेप” न हो और आयोजक श्यामकानु महंत से कड़ी पूछताछ की जाए।

*****

न्यायिक जांच और अंतरराष्ट्रीय सहयोग

असम सरकार ने मृतक का दूसरा पोस्टमॉर्टम (Second Autopsy) गुवाहाटी में करवाया, जिसकी रिपोर्ट जुबिन की पत्नी को सौंप दी गई है। सरकार ने साथ ही एक न्यायिक आयोग (Judicial Commission) गठित करने की भी घोषणा की है।

इसके अलावा, भारत सरकार ने सिंगापुर से MLAT (Mutual Legal Assistance Treaty) के तहत जांच में सहयोग की अपील की है ताकि विदेश में हुई घटना की पूरी सच्चाई सामने लाई जा सके।

*****

सवाल जो अब भी बाकी हैं

  1. क्या जुबिन गर्ग की मौत एक दुर्घटना थी या उसके पीछे कोई साजिश?
  2. क्या आयोजक श्यामकानु महंत की भूमिका संदिग्ध है?
  3. सरकार जांच को निष्पक्ष तरीके से आगे बढ़ा रही है या राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है?
  4. क्या विपक्षी नेताओं के खिलाफ केस दर्ज करना सिर्फ एक राजनीतिक हथकंडा है?
  5. और सबसे बड़ा सवाल — क्या असम को सच्चाई कभी पता चलेगी?
*****

जनता की प्रतिक्रिया: “हम सिर्फ सच्चाई चाहते हैं”

असम के लोगों में गुस्सा और दुख दोनों है। गुवाहाटी, डिब्रूगढ़ और तेजपुर जैसे शहरों में लोगों ने श्रद्धांजलि सभाएँ आयोजित की हैं। सोशल मीडिया पर “#JusticeForZubeenGarg” और “#TruthBehindZubeenDeath” जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।

कई लोगों का मानना है कि अगर सरकार पारदर्शी जांच कराए और रिपोर्ट सार्वजनिक करे, तो अफवाहें अपने आप खत्म हो जाएंगी।

*****

राजनीतिक विश्लेषण: ‘नेपाल जैसा’ बयान क्या संकेत देता है?

सीएम सरमा का “नेपाल जैसा” बयान अब राजनीतिक हलकों में चर्चा का सबसे बड़ा विषय बन गया है। विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान केवल विरोधियों को चेतावनी नहीं, बल्कि जनता को यह दिखाने की कोशिश है कि सरकार कानून-व्यवस्था पर पूरी तरह नियंत्रण में है।

हालांकि विपक्ष कह रहा है कि यह बयान लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है और इससे असहमति जताने वालों पर दबाव बनाया जा रहा है।

राजनीतिक पंडितों का कहना है कि यह विवाद असम विधानसभा चुनाव 2026 से पहले सरकार और विपक्ष के बीच बड़ा मुद्दा बन सकता है।

*****

निष्कर्ष: असम को चाहिए न्याय, राजनीति नहीं

जुबिन गर्ग की मौत ने असम को झकझोर दिया है। एक ऐसा कलाकार जिसने भाषा, धर्म और राजनीति से ऊपर उठकर लोगों के दिलों में जगह बनाई, उसकी मौत अब सियासत की भेंट चढ़ती दिख रही है।

सीएम सरमा और गोगोई दोनों की बयानबाजी ने माहौल को और संवेदनशील बना दिया है। लेकिन असम के लोग सिर्फ यही चाहते हैं —  सच्चाई सामने आए। दोषी कोई भी हो, उसे सजा मिले।

जब तक जुबिन गर्ग की मौत का सच पूरी तरह उजागर नहीं होता, यह मामला असम की जनता के दिल में एक सवाल बनकर गूंजता रहेगा।

*****

Source: Tv9

headingicon

सम्बंधित खबर

Landline Number: +91-11-47517355

Follow Us:

InstagramYouTube

© Copyright O News Hindi 2025. All rights reserved.